फरीदाबाद: एनआईटी साइबर पुलिस थाना की टीम ने साइबर बदमाशों के गिरोह का पर्दाफाश कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह ने हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में करीब 250 वारदातों को अंजाम दिया. इस गिरोह में शामिल एक आरोपी बैंक का पूर्व कर्मचारी है. जिसकी मदद से गिरोह मृत लोगों के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवा कर उससे ठगी की वारदात को अंजाम देते थे.
आरोपी लोगों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने और रिडीम पॉइंट्स जोड़ने का झांसा देकर धोखाधड़ी करते थे. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि फरीदाबाद साइबर पुलिस थाना में परिवादी मीनाक्षी ने केस दर्ज कराया था. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि उनके पास क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने व रिडीम पॉइंट्स जोड़ने के लिए एक अनजान नंबर से फोन आया था. आरोपियों ने मीनाक्षी को बातों में उलझाकर उससे 49 हजार रुपए ठग लिए.
जब मीनाक्षी को उसके साथ धोखाधड़ी होने का शक हुआ तो उसने साइबर पुलिस थाना एनआईटी में इसकी शिकायत दी. थाना प्रभारी बसंत कुमार की जांच में एक अकाउंट का खुलासा हुआ, जिसमें रुपयों का ट्रांजेक्शन किया गया था. यह अकाउंट नवदुर्गा इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड प्रोपराइटर अशोक कुमार के नाम पर था, जो दिल्ली के करोल बाग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में खुला था. पुलिस जांच में सामने आया कि जिसके नाम पर बैंक अकाउंट चल रहा था, उस व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है.
अशोक की मृत्यु 2 अगस्त 2022 को हो गई थी, लेकिन कोटक महेंद्रा बैंक में खाता 23 सितंबर 2022 को खुलवाया गया था. जिसके बाद पुलिस ने अपने सूत्रों का प्रयोग करते हुए बैंक अकाउंट खुलवाने वाले आकाश को गिरफ्तार किया. पूछताछ में आरोपी आकाश ने अपने साथी जगमोहन और प्रदीप के बारे में जानकारी दी. जिस पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को धर दबोचा. पुलिस ने तीनों आरोपियों को रिमांड पर लिया है. पूछताछ में खुलासा हुआ कि मृतक अशोक आरोपी आकाश का दोस्त था, उसने अपने साथी प्रदीप और जगमोहन के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था.
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आरोपी प्रदीप उसी कोटक महिंद्रा बैंक में पिछले चार-पांच सालों से नौकरी करता था और उसी ने मृतक अशोक के नाम पर एक फर्जी अकाउंट खोला था. जिसके जरिए आरोपी अभी तक 78 लाख रुपए का लेन-देन कर चुके हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से 19 हजार 500 रुपये नकद और वारदात में प्रयोग मोबाइल फोन बरामद कर लिया है. उन्होंने बताया कि आरोपी आकाश रोहतक जिले का रहने वाला है. वहीं आरोपी जगमोहन और प्रदीप दिल्ली के रहने वाले हैं. आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में दिल्ली एनसीआर में अब तक 200 से 250 वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया है. फिलहाल तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.