चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152 डी की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांगों को लेकर हड़ताल जारी है. नारनौल से गंगेहड़ी से ग्रीन कॉरिडोर की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा वृद्धि सहित अनेक मांगों को लेकर प्रदेश में कई स्थानों पर किसानों ने धरना दिया.
7 महीनें से हड़ताल पर बैठे हैं किसान
इसी कड़ी में दादरी जिले के 18 गांवों के किसान पिछले 7 महीनें से गांव रामनगर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि उनको उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिले और धरने के दौरान अब तक चार किसानों की मौत मामले में उनके आश्रितों को सहायता मिले.
सरकार दे रही है अनुचित राशि
सरकार इस मामले में किसानों को नियमानुसार मुआवजा देना चाह रही है, जो किसानों को उचित नहीं लग रहा है. हालांकि प्रदेश सरकार जमीन का कलेक्टर रेट भी बढ़ाया गया, इसके बावजूद भी किसानों का कहना है कि ये मुआवजा राशि सही नहीं है.
किसान लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई
किसानों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. धरने की अगुवाई कर रहे किसान नेता विनोद मोड़ी व अनूप खातीवास ने संयुक्त रूप से कहा कि किसान अपनी वाजिब मांगों को पूरा करवाने के लिए 7 महीनें से सड़कों पर बैठे हैं. सरकार ने वादा करने के बाद भी किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि किसान अब चुप नहीं बैठेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे
ये है ग्रीन कॉरिडोर योजना
ग्रीन कॉरिडोर दक्षिण हरियाणा को उत्तर और पूर्व हरियाणा को जोड़ने वाला राजमार्ग है. यह राजमार्ग नारनौल से कुरूक्षेत्र के गंगहेड़ी तक 227 किलोमीटर लम्बा बनाया जाएगा. इस राजमार्ग की चौड़ाई 70 मीटर है और इस मार्ग में 4 लेन होंगे. इस कोरिडोर के बनने से दक्षिण हरियाणा से चंडीगढ़ का सफर कम समय में पूरा होगा.