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हरियाणा के इन 3 गांव के लोगों को ढूंढता रह गया कोरोना, आज तक नहीं मिला एक भी केस - नोरंगवास राजपूतांन गांव नहीं मिला कोरोना मरीज

जब सारी दुनिया में कोरोना महामारी का कहर था तब हरियाणा में कुछ गांव ऐसे भी थे जहां लोगों की समझदारी और जागरूकता से कोरोना वायरस उन्हें छू भी नहीं पाया. वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में अभी तक इन गांवों में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं मिला है.

Charkhi Dadri three villages Corona not found
हरियाणा के इन 3 गांव के लोगों को ढूंढता रह गया कोरोना, आज तक नहीं मिला एक भी केस
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Published : Jun 19, 2021, 5:40 PM IST

चरखी दादरी: कोरोना महामारी ने जिस तरीके से पूरे विश्व में कहर बरपाया है उससे हर कोई वाकिफ है, लेकिन हरियाणा के चरखी दादरी जिले के 3 गांव ऐसे हैं जिनकी समझदारी और जागरूकता से वहां कोरोना संक्रमण पहुंच ही नहीं पाया. हालांकि जिले में अभी तक पिछले साल से अभी तक 135 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है. लेकिन गांव बिंद्रावन, कारीदास और नोरंगवास राजपूतांन के लोगों को कोरोना ढूंढता रह गया.

यहां लोगों की समझदारी और जागरूकता से कोरोना संक्रमण पहुंच ही नहीं पाया. इन गांव में न तो रिश्तेदारों को आने दिया गया और न ही बुढ़े-बुजुर्गों को हुक्का, ताश खेलने दिया गया. यही नहीं, अगर किसी घर में कोई बीमार भी है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाकर उपचार करवाया जाता और एक सप्ताह तक घर के सभी लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया जाता था. बल्कि ऐसे लोगों को खुद गांव के लोग ही घर पर आवश्यक खाद सामग्री उपलब्ध करवाते थे.

हरियाणा के इन 3 गांव के लोगों को ढूंढता रह गया कोरोना, आज तक नहीं मिला एक भी केस

ये भी पढ़ें: कोरोना टीकाकरण में गुरुग्राम बना रोल मॉडल, जानें जिला स्वास्थ्य विभाग ने कैसे हासिल किया मुकाम

बिना कोरोना रिपोर्ट गांव में नहीं होने दिया प्रवेश

गांव नोरंगवास के पूर्व सरपंच महेश कुमार ने बताया कि हर तरफ कोरोना महामारी से लोग बिमार हो रहे थे. तो कहीं लोग संक्रमण से अपनी जान गवा रहे थे और कोई उपचार भी नहीं मिल रहा था. ऐसे में अगर गांव को इस महामारी से बचाया जा सकता था तो वो सभी की सहमति से फैसले और जागरूकता से. फिर हमने फैसला लिया की अगर कोई भी नौकरी करने वाला व्यक्ति या कोई रिश्तेदार गांव में प्रवेश करता है तो उसे पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखानी पड़ेगी है.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ में रविवार को लगने वाला वीकेंड कर्फ्यू खत्म, लेकिन जारी रहेगी ये पाबंदी

पूर्व सरपंच महेश कुमार ने बताया कि संक्रमण का खात्मा करने के लिए गांव को बार वार सेनेटाइज भी करवाया गया है. इसके अलावा गांव के खेतों में ही सब्जी और फल उगाए हुए हैं. ग्रामीण सिर्फ अपने खेतों से ही फल व सब्जी खरीद कर खाते थे, बाहर से कोई भी फेरी लगाने वाले सब्जी वाले को नहीं आने दिया गया.यही कारण है कि गांव में वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिला है.

गांव को प्रशासन करेगा सम्मानित

वहीं जिला उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने बताया कि दादरी जिले के लिए बड़ी खुशी की बात है कि जिले के 3 गांव ने सरकार की गाइडलाईन और अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए अपने गांव को कोरोना से बचाए रखा है. अन्य गांव और अन्य लोगों को भी इससे प्ररेणा मिलेगी. उपायुक्त ने जल्द ही गावों को सम्मानित किया जाने की बात कही है.

चरखी दादरी: कोरोना महामारी ने जिस तरीके से पूरे विश्व में कहर बरपाया है उससे हर कोई वाकिफ है, लेकिन हरियाणा के चरखी दादरी जिले के 3 गांव ऐसे हैं जिनकी समझदारी और जागरूकता से वहां कोरोना संक्रमण पहुंच ही नहीं पाया. हालांकि जिले में अभी तक पिछले साल से अभी तक 135 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है. लेकिन गांव बिंद्रावन, कारीदास और नोरंगवास राजपूतांन के लोगों को कोरोना ढूंढता रह गया.

यहां लोगों की समझदारी और जागरूकता से कोरोना संक्रमण पहुंच ही नहीं पाया. इन गांव में न तो रिश्तेदारों को आने दिया गया और न ही बुढ़े-बुजुर्गों को हुक्का, ताश खेलने दिया गया. यही नहीं, अगर किसी घर में कोई बीमार भी है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाकर उपचार करवाया जाता और एक सप्ताह तक घर के सभी लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया जाता था. बल्कि ऐसे लोगों को खुद गांव के लोग ही घर पर आवश्यक खाद सामग्री उपलब्ध करवाते थे.

हरियाणा के इन 3 गांव के लोगों को ढूंढता रह गया कोरोना, आज तक नहीं मिला एक भी केस

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बिना कोरोना रिपोर्ट गांव में नहीं होने दिया प्रवेश

गांव नोरंगवास के पूर्व सरपंच महेश कुमार ने बताया कि हर तरफ कोरोना महामारी से लोग बिमार हो रहे थे. तो कहीं लोग संक्रमण से अपनी जान गवा रहे थे और कोई उपचार भी नहीं मिल रहा था. ऐसे में अगर गांव को इस महामारी से बचाया जा सकता था तो वो सभी की सहमति से फैसले और जागरूकता से. फिर हमने फैसला लिया की अगर कोई भी नौकरी करने वाला व्यक्ति या कोई रिश्तेदार गांव में प्रवेश करता है तो उसे पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखानी पड़ेगी है.

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पूर्व सरपंच महेश कुमार ने बताया कि संक्रमण का खात्मा करने के लिए गांव को बार वार सेनेटाइज भी करवाया गया है. इसके अलावा गांव के खेतों में ही सब्जी और फल उगाए हुए हैं. ग्रामीण सिर्फ अपने खेतों से ही फल व सब्जी खरीद कर खाते थे, बाहर से कोई भी फेरी लगाने वाले सब्जी वाले को नहीं आने दिया गया.यही कारण है कि गांव में वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिला है.

गांव को प्रशासन करेगा सम्मानित

वहीं जिला उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने बताया कि दादरी जिले के लिए बड़ी खुशी की बात है कि जिले के 3 गांव ने सरकार की गाइडलाईन और अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए अपने गांव को कोरोना से बचाए रखा है. अन्य गांव और अन्य लोगों को भी इससे प्ररेणा मिलेगी. उपायुक्त ने जल्द ही गावों को सम्मानित किया जाने की बात कही है.

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