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चंडीगढ़: स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित मरीजों के लिए व्हीलचेयर रैली का आयोजन - व्हीलचेयर रैली का आयोजन

चंडीगढ़ में गुरुवार को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित मरीजों के लिए व्हीलचेयर रैली का आयोजन किया गया. जिसका मकसद इन मरीजों के दृढ़ संकल्प और धैर्य को दिखाते हुए उनके उत्साह को बढ़ाना था. इस दौरान लोगों को सड़क हादसों को रोकने की बात कही गई.

स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित मरीजों के लिए व्हीलचेयर रैली का आयोजन
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Published : Sep 5, 2019, 10:33 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में स्पाइनल कार्ड इंजरी से पीड़ित मरीजों के लिए व्हीलचेयर रैली का आयोजन किया गया. इस रैली में लोगों को इन मरीजों के दृढ़ संकल्प और धैर्य को देखा. इस रैली का मकसद मरीजों के उत्साह को बढ़ाना था. इस रैली को पूर्व आईएस विवेक अत्रे ने हरी झंडी देकर रवाना किया. यह रैली सेक्टर 17 से शुरु होकर सेक्टर 28 में स्थित चंडीगढ़ स्पाइनल कॉर्ड इंजरी रिहैब सेंटर तक पहुंची.

स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित मरीजों के लिए व्हीलचेयर रैली का आयोजन


इस रैली का नेतृत्व एनजीओ अराइव सेफ के संस्थापक हरमन सिद्धू ने किया. इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि लोगों को यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले में भारी भरकम जुर्माने लगाने से अधिक सड़क हादसों को रोकने पर ध्यान देना चाहीए.


आयोजन के मुख्य अतिथि विवेक अत्रे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ये ऐसे लोग हैं जो सौभाग्य से दुर्भाग्य को परास्त करते हैं. भले ही जिंदगी ने उनके लिए कई सारी मुश्किलों को पैदा किया हो लेकिन उन्होंने डटकर सामना किया. मैं वास्तव में इन सच्चे नायकों की शानदार भावना की प्रशंसा करता हूं.

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में स्पाइनल कार्ड इंजरी से पीड़ित मरीजों के लिए व्हीलचेयर रैली का आयोजन किया गया. इस रैली में लोगों को इन मरीजों के दृढ़ संकल्प और धैर्य को देखा. इस रैली का मकसद मरीजों के उत्साह को बढ़ाना था. इस रैली को पूर्व आईएस विवेक अत्रे ने हरी झंडी देकर रवाना किया. यह रैली सेक्टर 17 से शुरु होकर सेक्टर 28 में स्थित चंडीगढ़ स्पाइनल कॉर्ड इंजरी रिहैब सेंटर तक पहुंची.

स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित मरीजों के लिए व्हीलचेयर रैली का आयोजन


इस रैली का नेतृत्व एनजीओ अराइव सेफ के संस्थापक हरमन सिद्धू ने किया. इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि लोगों को यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले में भारी भरकम जुर्माने लगाने से अधिक सड़क हादसों को रोकने पर ध्यान देना चाहीए.


आयोजन के मुख्य अतिथि विवेक अत्रे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ये ऐसे लोग हैं जो सौभाग्य से दुर्भाग्य को परास्त करते हैं. भले ही जिंदगी ने उनके लिए कई सारी मुश्किलों को पैदा किया हो लेकिन उन्होंने डटकर सामना किया. मैं वास्तव में इन सच्चे नायकों की शानदार भावना की प्रशंसा करता हूं.

Intro:वीरवार को चंडीगढ़ में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से पीड़ित मरीजों के लिए एक व्हीलचेयर रैली का आयोजन किया गया जिसका मकसद था इन मरीजों के दृढ़ संकल्प और धैर्य को दिखाना और उनके उत्साह को बढ़ाना
Body:इस रैली को पूर्व आईएएस विवेक अत्रे ने हरी झंडी देकर रवाना किया और यह रैली सेक्टर 17 से शुरू होकर सेक्टर 28 में चंडीगढ़ स्पाइनल कॉर्ड इंजरी रिहैब सेंटर तक पहुंची।

शहर में कार्यरत एनजीओ अराइवसेफ के संस्थापक हरमन सिद्धू ने रैली का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि लोगों पर यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले में भारी भरकम जुर्माने लगाने से अधिक ध्यान सड़क हादसों को रोकने पर देना चाहिए ताकि मानव जिंदगियों को बचाया जा सके।

सड़क दुर्घटनाओं के 70 फीसदी मामलों में रीढ़ की हड्डी पर चोट लगती है। प्रतिभागी सड़क सुरक्षा पर और रीढ़ की हड्डी की चोटों के समर्थन में संदेश ले जाने वाले प्लेकार्ड धारण किए हुए थे। अन्य शहर निवासियों के साथ 50 से अधिक व्हीलचेयर यूजर्स इस आयोजन का हिस्सा बने।



इस अवसर पर चंडीगढ़ स्पाइनल कॉर्ड रिहैब सेंटर की संस्थापक निकी पी.कौर ने कहा कि‘जिस तरह चंडीगढ़ स्पाइनल रीहैब रीढ़ की हड्डी की चोट और मस्तिष्क की चोट वाले व्यक्तियों के जीवन को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है, उन्होंने कहा कि स्पाइनल कॉर्ड इंजरी होने के बाद व्यक्ति लगभग लाचार हो जाता है वह छोटे-छोटे से कामों के लिए दूसरे लोगों पर निर्भर हो जाता है लेकिन हम समाज को यह समझाना चाहते हैं कि उन पर दया मत दिखाइए बल्कि उन्हें अपने जैसा ही समझिए ताकि वे लोग समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अगर कोई इनकी सहायता करना चाहता है तो वह इन्हें रोजगार दे ताकि लोग अपने बलबूते पर अपनी जिंदगी जी सकें।

आयोजन के मुख्यातिथि विवेक अत्रे ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘ऐसे लोग हैं जो सौभाग्य से दुर्भाग्य को परास्त करते हैं, भले ही जिंदगी ने उनके लिए कई सारी मुश्किलों को पैदा किया हो लेकिन उन्होंने डटकर सामना किया हो। मैं वास्तव में इन सच्चे नायकों की शानदार भावना की प्रशंसा करता हूं जिनके मन में कोई भय नहीं है।। फिर अपने ऊपर दया की भावना लाने की क्या जरूरत है? इस सवाल को अपने साथ क्यों लेकर चलें कि ऐसा मेरे साथ ही क्यों हुआ? ये सब कुछ हमारे साथ ही क्यों होता है? इसकी बजाए एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें।

बाइट- निक्की पी कौर, संस्थापक , चंडीगढ़ स्पाइनल कॉर्ड इंजरी रिहैब सेंटर
Conclusion:
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