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क्रिसमस पर क्यों सजाया जाता है क्रिसमस-ट्री, क्या है क्रिसमस ट्री का इतिहास ? - CHRISTMAS TREE HISTORY

क्रिसमस के मौके पर क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है. जानिए कि आखिर क्रिसमस ट्री को सजाने के पीछे क्या वजह है ?

Christmas 2024 Why is the Christmas tree decorated on Christmas what is the history of the Christmas tree
क्रिसमस ट्री का इतिहास (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 22, 2024, 9:27 PM IST

Christmas 2024 : देश-विदेश में हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस के तौर पर मनाया जाता है. मान्यताओं के मुताबिक इस दिन क्रिश्चियन समाज के लोग घर में क्रिसमस-ट्री को काफी ज्यादा डेकोरेट करते हैं. जानिए कि इसके पीछे क्या वजह है.

25 दिसंबर को क्रिसमस : ईसाई धर्म में क्रिसमस के त्यौहार का ख़ासा महत्व है. इस दिन को बड़ा दिन भी कहा जाता है. कहा जाता है कि इसी दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था जिसके बाद से इसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन कई परंपराओं को भी निभाया जाता है. ऐसे ही एक परंपरा है क्रिसमस ट्री को सजाना. क्रिसमस के दिन घर पर क्रिसमस ट्री की विशेष तौर पर साज-सज्जा की जाती है. रंग-बिरंगी लाइट्स, बेल्स, टॉफी, रिबन भी इस पर लगाया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसको सजाने के पीछे क्या वजह है और इसका इतिहास क्या है, आइए आपको बताते हैं.

Christmas 2024 Why is the Christmas tree decorated on Christmas what is the history of the Christmas tree
क्रिसमस-ट्री (Canva)

क्यों सजाया जाता है क्रिसमस-ट्री ? : कहा जाता है कि 16वीं सदी में क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत हुई थी. ईसाई धर्म के सुधारक कहे जाने वाले मार्टिन लूथर ने क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा की शुरुआत की थी. 24 दिसंबर की शाम को मार्टिन लूथर जब एक जंगल से जा रहे थे तो उन्हें बर्फिले जंगल के बीचों-बीच एक देवदार का पेड़ नजर आया. पेड़ की डालियों पर चांद की रोशनी चमक रही थी. तब उसे देख वे इतने प्रभावित हुए कि अपने साथ वे देवदार के पेड़ को अपने घर पर ले आए और फिर उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन पर इस पेड़ की सजावट की और मान्यताओं के मुताबिक तभी से क्रिसमस के मौके पर हर साल घर में क्रिसमस ट्री लाने और उसे अच्छे से सजाने की परंपरा की शुरुआत हुई.

Christmas 2024 Why is the Christmas tree decorated on Christmas what is the history of the Christmas tree
क्रिसमस-ट्री (Canva)

क्रिसमस ट्री की कहानी : वहीं क्रिसमस ट्री को लेकर एक दूसरी कहानी कहती है कि 722 ईसवी में जर्मनी से क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत की गई थी. एक दफा जर्मनी के सेंट बोनिफेस को ख़बर मिली थी कि कुछ लोग एक विशाल ओक ट्री के नीचे बच्चों की कुर्बानी देने वाले हैं. ऐसे में सेंट बोनिफेस ने बच्चों की जान बचाने के लिए ओक ट्री को ही काट दिया. कहा जाता है कि जिस जगह पर ओक ट्री को काटा गया, वहां पर एक देवदार का पेड़ उग आया और स्थानीय लोग उस पेड़ को चमत्कारी बताने लगे. सेंट बोनिफेस ने तब लोगों से कहा कि इस दैवीय पेड़ की डालियां स्वर्ग का संकेत देती हैं. कहा जाता है कि तभी से प्रभु ईसा मसीह के जन्म पर क्रिसमस ट्री को हर साल सजाया जाने लगा. क्रिसमस ट्री परिवार और समाज में सामूहिक खुशी और प्रेम का संदेश भी देती है.

आशा और नए जीवन का प्रतीक : इसके अलावा कुछ मान्यताएं कहती हैं कि देवदार का पेड़ जीवन और पुनर्जन्म का प्रतीक माना जाता था. ये प्राचीन पगन धर्म से प्रेरित है जहां सर्दियों के मौसम में हरियाली को आशा और नए जीवन का प्रतीक माना जाता था. पगन परंपराओं में सर्दियों के दौरान देवदार और हरियाली से जुड़ी बाकी चीजों को घर लाने का चलन प्रचलित था. माना जाता था कि इससे भाग्य चमकता है. ईसाई धर्म ने इस परंपरा को अपनाया और फिर क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री को सजाया जाने लगा. 19वीं सदी आते-आते ब्रिटिश और अमेरिकन संस्कृति में क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा काफी ज्यादा लोकप्रिय हो गई. वहीं ये भी कहा जाता है कि 15वीं और 16वीं सदी में इंग्लैंड के इलाकों में सर्दियों के दौरान घरों और चर्च को हरियाली से सजाने की परंपरा थी. इसे ही क्रिसमस ट्री की शुरुआत माना जाता है.

Christmas 2024 Why is the Christmas tree decorated on Christmas what is the history of the Christmas tree
क्रिसमस-ट्री (Canva)

Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां रिसर्च आधारित है. इसके पूरे तरह से सटीक होने का हम दावा नहीं करते.

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Christmas 2024 : देश-विदेश में हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस के तौर पर मनाया जाता है. मान्यताओं के मुताबिक इस दिन क्रिश्चियन समाज के लोग घर में क्रिसमस-ट्री को काफी ज्यादा डेकोरेट करते हैं. जानिए कि इसके पीछे क्या वजह है.

25 दिसंबर को क्रिसमस : ईसाई धर्म में क्रिसमस के त्यौहार का ख़ासा महत्व है. इस दिन को बड़ा दिन भी कहा जाता है. कहा जाता है कि इसी दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था जिसके बाद से इसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन कई परंपराओं को भी निभाया जाता है. ऐसे ही एक परंपरा है क्रिसमस ट्री को सजाना. क्रिसमस के दिन घर पर क्रिसमस ट्री की विशेष तौर पर साज-सज्जा की जाती है. रंग-बिरंगी लाइट्स, बेल्स, टॉफी, रिबन भी इस पर लगाया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसको सजाने के पीछे क्या वजह है और इसका इतिहास क्या है, आइए आपको बताते हैं.

Christmas 2024 Why is the Christmas tree decorated on Christmas what is the history of the Christmas tree
क्रिसमस-ट्री (Canva)

क्यों सजाया जाता है क्रिसमस-ट्री ? : कहा जाता है कि 16वीं सदी में क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत हुई थी. ईसाई धर्म के सुधारक कहे जाने वाले मार्टिन लूथर ने क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा की शुरुआत की थी. 24 दिसंबर की शाम को मार्टिन लूथर जब एक जंगल से जा रहे थे तो उन्हें बर्फिले जंगल के बीचों-बीच एक देवदार का पेड़ नजर आया. पेड़ की डालियों पर चांद की रोशनी चमक रही थी. तब उसे देख वे इतने प्रभावित हुए कि अपने साथ वे देवदार के पेड़ को अपने घर पर ले आए और फिर उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन पर इस पेड़ की सजावट की और मान्यताओं के मुताबिक तभी से क्रिसमस के मौके पर हर साल घर में क्रिसमस ट्री लाने और उसे अच्छे से सजाने की परंपरा की शुरुआत हुई.

Christmas 2024 Why is the Christmas tree decorated on Christmas what is the history of the Christmas tree
क्रिसमस-ट्री (Canva)

क्रिसमस ट्री की कहानी : वहीं क्रिसमस ट्री को लेकर एक दूसरी कहानी कहती है कि 722 ईसवी में जर्मनी से क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत की गई थी. एक दफा जर्मनी के सेंट बोनिफेस को ख़बर मिली थी कि कुछ लोग एक विशाल ओक ट्री के नीचे बच्चों की कुर्बानी देने वाले हैं. ऐसे में सेंट बोनिफेस ने बच्चों की जान बचाने के लिए ओक ट्री को ही काट दिया. कहा जाता है कि जिस जगह पर ओक ट्री को काटा गया, वहां पर एक देवदार का पेड़ उग आया और स्थानीय लोग उस पेड़ को चमत्कारी बताने लगे. सेंट बोनिफेस ने तब लोगों से कहा कि इस दैवीय पेड़ की डालियां स्वर्ग का संकेत देती हैं. कहा जाता है कि तभी से प्रभु ईसा मसीह के जन्म पर क्रिसमस ट्री को हर साल सजाया जाने लगा. क्रिसमस ट्री परिवार और समाज में सामूहिक खुशी और प्रेम का संदेश भी देती है.

आशा और नए जीवन का प्रतीक : इसके अलावा कुछ मान्यताएं कहती हैं कि देवदार का पेड़ जीवन और पुनर्जन्म का प्रतीक माना जाता था. ये प्राचीन पगन धर्म से प्रेरित है जहां सर्दियों के मौसम में हरियाली को आशा और नए जीवन का प्रतीक माना जाता था. पगन परंपराओं में सर्दियों के दौरान देवदार और हरियाली से जुड़ी बाकी चीजों को घर लाने का चलन प्रचलित था. माना जाता था कि इससे भाग्य चमकता है. ईसाई धर्म ने इस परंपरा को अपनाया और फिर क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री को सजाया जाने लगा. 19वीं सदी आते-आते ब्रिटिश और अमेरिकन संस्कृति में क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा काफी ज्यादा लोकप्रिय हो गई. वहीं ये भी कहा जाता है कि 15वीं और 16वीं सदी में इंग्लैंड के इलाकों में सर्दियों के दौरान घरों और चर्च को हरियाली से सजाने की परंपरा थी. इसे ही क्रिसमस ट्री की शुरुआत माना जाता है.

Christmas 2024 Why is the Christmas tree decorated on Christmas what is the history of the Christmas tree
क्रिसमस-ट्री (Canva)

Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां रिसर्च आधारित है. इसके पूरे तरह से सटीक होने का हम दावा नहीं करते.

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