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कोरोना के बाद अब हरियाणा में वायरल फीवर का कहर, कई बच्चों की मौत, रोजाना आ रहे 150 से ज्यादा मरीज

एक बार फिर से हरियाणा में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है. मरीजों की संख्या इस बार कोरोना से नहीं बल्कि वायरल फीवर से बढ़ती (Viral Fever Patients Increased) जा रही है. हरियाणा के तीन जिलों में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.

Viral fever patients increasing
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Published : Sep 13, 2021, 6:11 PM IST

चंडीगढ़: उत्तर भारत में इन दिनों वायरल फीवर (Viral Fever Haryana) डेंगू और मलेरिया के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. पलवल से सटे मथुरा में डेंगू और मलेरिया के मामलों (Dengue Malaria Patient) में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. जिसका असर अब पलवल जिले में भी देखने को मिल रहा है. पलवल जिले की हथीन विधानसभा के चिल्ली गांव में रहस्यमयी बुखार का प्रकोप छाया है. जानकारी के मुताबिक पिछले 10 दिनों में आठ बच्चों की मौत (Eight Child Death) हो चुकी है.

ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को पहले डेंगू बुखार (Dengue Fever) हुआ था, जिससे उनकी मौत हुई है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू बुखार से मौतों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक ही गांव में 8 बच्चों की मौत हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच कर असली वजह का पता लगाना शुरू कर दिया है. वहीं गांव के सरपंच नरेश कहना है कि पिछले 10 दिनों में बुखार के कारण गांव में आठ बच्चों की मौत हो चुकी है और करीब 50 से 60 बच्चे अभी भी बुखार की चपेट है. जिनका उपचार चल रहा है.

Viral fever patients increasing
पलवल जिले के चिल्ली गांव में बीते 10 दिन के अंदर 8 बच्चों की मौत हो चुकी है.

उन्होंने आरोप भी लगाया कि अगर समय रहते स्वास्थ्य विभाग गांव की सुध ले लेता तो बच्चों को मौत से बचाया जा सकता था. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि बुखार के कारण प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, जिनकी रिकवरी नहीं होने पर मौतें हुई हैं. ऐसा अक्सर डेंगू बुखार में ही होता है.

ये भी पढ़ें- कोरोना के बाद बढ़ा वायरल फीवर का खतरा, रोजाना मिल रहे 150 से ज्यादा मरीज

पलवल जिले के जिला चिकित्सा अधिकारी ने डेंगू और मलेरिया के मरीजों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ विभाग ने घर-घर जाकर लोगों की जांच करनी शुरू कर दी है. पलवल जिला चिकित्सा अधिकारी ब्रह्मजीत सिंह ने बताया कि उनके जिले की सीमा उत्तर प्रदेश के मथुरा के साथ लगती है. जहां पर डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहां बच्चों की भी इससे मौत हो चुकी है. इसी को लेकर उन्होंने पलवल जिले में लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.

Viral fever patients increasing
अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल (Faridabad Government Hospital) में रोजाना 150 के करीब वायरल फीवर के मरीज आ रहे हैं. हालांकि जिले में अभी तक डेंगू के मरीज सामने नहीं आए हैं. वायरल फीवर की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं. बच्चों की ओपीडी में रोजाना 125 से लेकर 150 तक बच्चों को वायरल फीवर से संबंधित दवाइयां और इलाज दिया जा रहा है. सिविल अस्पताल की प्राथमिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनीता यादव ने बताया कि बदलते मौसम के चलते वायरल फीवर के मरीजों में बढ़ोतरी जरूर देखने को मिल रही है, लेकिन वायरल फीवर के मरीजों से अभी तक किसी को कोविड-19 या डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है.

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नूंह में तेजी से वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

वहीं नूंह में भी वायरल फीवर के मरीजों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. मरीजों में सबसे ज्यादा महिला, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं. खानपुर घाटी गांव में डेंगू के केस की पुष्टि हो चुकी है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. सिविल सर्जन डॉक्टर सुरेंद्र यादव ने कहा कि जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना मिलती है. तुरंत उसी इलाके में टीम जाकर सैंपल लेती है और उसकी जांच कराई जाती है. अभी तक तीन मलेरिया और डेंगू का केस सामने आ चुका है, लेकिन चारों ही मरीजों की स्थिति बेहतर है.

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स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर सैंपल ले रही है

उन्होंने ये भी कहा हाल ही में दो-तीन गांव में सैंपल लिए गए हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट मलेरिया की नेगेटिव आ चुकी है. डेंगू की रिपोर्ट में एक उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. डेंगू की रिपोर्ट में 2-3 का समय लगता है. इसलिए रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ पता चल पाएगा. वायरल फीवर के लक्षण: वायल फीवर के दौरान आपको बुखार के साथ नाक और आंख से पानी निकलने की समस्या हो सकती है. आपको खांसी भी हो सकती है. सिर दर्ज और बदन टूटना भी वायल फीवर का लक्षण है. इंफेक्शन के कारण हुए बुखार को ठीक होने में 7-8 दिन का समय लग सकता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: रहस्यमयी बुखार से एक ही गांव में 8 बच्चों ने तोड़ा दम, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

डॉक्टर्स के मुताबिक इस मौसम में थोड़ी सी लापरवाही आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है. ऐसे में सभी लोगों को बेहद सावधानी पूर्वक रहने की आवश्यकता है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वो गर्म पानी का प्रयोग करें और पानी को घरों के अंदर या बाहर खड़ा रहने ना दें, ताकि वायरल फीवर और डेंगू के प्रकोप से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि वायरल फीवर को देखते हुए जो लोग अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं, उनका कोरोना और डेंगू का भी टेस्ट कराया जा रहा है, ताकि अगर कोई मरीज इसकी चपेट में है तो उसका इलाज किया जा सके और संक्रमण फैलने के खतरे को रोका जा सके.

चंडीगढ़: उत्तर भारत में इन दिनों वायरल फीवर (Viral Fever Haryana) डेंगू और मलेरिया के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. पलवल से सटे मथुरा में डेंगू और मलेरिया के मामलों (Dengue Malaria Patient) में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. जिसका असर अब पलवल जिले में भी देखने को मिल रहा है. पलवल जिले की हथीन विधानसभा के चिल्ली गांव में रहस्यमयी बुखार का प्रकोप छाया है. जानकारी के मुताबिक पिछले 10 दिनों में आठ बच्चों की मौत (Eight Child Death) हो चुकी है.

ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को पहले डेंगू बुखार (Dengue Fever) हुआ था, जिससे उनकी मौत हुई है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू बुखार से मौतों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक ही गांव में 8 बच्चों की मौत हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच कर असली वजह का पता लगाना शुरू कर दिया है. वहीं गांव के सरपंच नरेश कहना है कि पिछले 10 दिनों में बुखार के कारण गांव में आठ बच्चों की मौत हो चुकी है और करीब 50 से 60 बच्चे अभी भी बुखार की चपेट है. जिनका उपचार चल रहा है.

Viral fever patients increasing
पलवल जिले के चिल्ली गांव में बीते 10 दिन के अंदर 8 बच्चों की मौत हो चुकी है.

उन्होंने आरोप भी लगाया कि अगर समय रहते स्वास्थ्य विभाग गांव की सुध ले लेता तो बच्चों को मौत से बचाया जा सकता था. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि बुखार के कारण प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, जिनकी रिकवरी नहीं होने पर मौतें हुई हैं. ऐसा अक्सर डेंगू बुखार में ही होता है.

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पलवल जिले के जिला चिकित्सा अधिकारी ने डेंगू और मलेरिया के मरीजों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ विभाग ने घर-घर जाकर लोगों की जांच करनी शुरू कर दी है. पलवल जिला चिकित्सा अधिकारी ब्रह्मजीत सिंह ने बताया कि उनके जिले की सीमा उत्तर प्रदेश के मथुरा के साथ लगती है. जहां पर डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहां बच्चों की भी इससे मौत हो चुकी है. इसी को लेकर उन्होंने पलवल जिले में लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.

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अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल (Faridabad Government Hospital) में रोजाना 150 के करीब वायरल फीवर के मरीज आ रहे हैं. हालांकि जिले में अभी तक डेंगू के मरीज सामने नहीं आए हैं. वायरल फीवर की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं. बच्चों की ओपीडी में रोजाना 125 से लेकर 150 तक बच्चों को वायरल फीवर से संबंधित दवाइयां और इलाज दिया जा रहा है. सिविल अस्पताल की प्राथमिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनीता यादव ने बताया कि बदलते मौसम के चलते वायरल फीवर के मरीजों में बढ़ोतरी जरूर देखने को मिल रही है, लेकिन वायरल फीवर के मरीजों से अभी तक किसी को कोविड-19 या डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है.

Viral fever patients increasing
नूंह में तेजी से वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

वहीं नूंह में भी वायरल फीवर के मरीजों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. मरीजों में सबसे ज्यादा महिला, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं. खानपुर घाटी गांव में डेंगू के केस की पुष्टि हो चुकी है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. सिविल सर्जन डॉक्टर सुरेंद्र यादव ने कहा कि जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना मिलती है. तुरंत उसी इलाके में टीम जाकर सैंपल लेती है और उसकी जांच कराई जाती है. अभी तक तीन मलेरिया और डेंगू का केस सामने आ चुका है, लेकिन चारों ही मरीजों की स्थिति बेहतर है.

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स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर सैंपल ले रही है

उन्होंने ये भी कहा हाल ही में दो-तीन गांव में सैंपल लिए गए हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट मलेरिया की नेगेटिव आ चुकी है. डेंगू की रिपोर्ट में एक उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. डेंगू की रिपोर्ट में 2-3 का समय लगता है. इसलिए रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ पता चल पाएगा. वायरल फीवर के लक्षण: वायल फीवर के दौरान आपको बुखार के साथ नाक और आंख से पानी निकलने की समस्या हो सकती है. आपको खांसी भी हो सकती है. सिर दर्ज और बदन टूटना भी वायल फीवर का लक्षण है. इंफेक्शन के कारण हुए बुखार को ठीक होने में 7-8 दिन का समय लग सकता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: रहस्यमयी बुखार से एक ही गांव में 8 बच्चों ने तोड़ा दम, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

डॉक्टर्स के मुताबिक इस मौसम में थोड़ी सी लापरवाही आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है. ऐसे में सभी लोगों को बेहद सावधानी पूर्वक रहने की आवश्यकता है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वो गर्म पानी का प्रयोग करें और पानी को घरों के अंदर या बाहर खड़ा रहने ना दें, ताकि वायरल फीवर और डेंगू के प्रकोप से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि वायरल फीवर को देखते हुए जो लोग अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं, उनका कोरोना और डेंगू का भी टेस्ट कराया जा रहा है, ताकि अगर कोई मरीज इसकी चपेट में है तो उसका इलाज किया जा सके और संक्रमण फैलने के खतरे को रोका जा सके.

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