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आयुष्मान भारत योजना के तहत हरियाणा में 11,374 कोरोना मरीजों को मिला इलाज, इतनी राशि हुई खर्च

आयुष्मान भारत योजना के तहत हरियाणा में अब तक 11,374 व्यक्तियों का इलाज किया गया है जिस पर 5 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है. वहीं योजना के तहत अधिकृत अस्पतालों को कोरोना के मरीजों के लिए 20 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की गई है.

Ayushman Bharat Scheme corona treatment
Ayushman Bharat Scheme corona treatment
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Published : May 21, 2021, 8:06 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना महामारी के दौर में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना इस बीमारी से कई लोगों के जीवन को बचाने में बेहद कारगर साबित हुई है. गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए ही आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई थी. हरियाणा में इस योजना के तहत 15.50 लाख परिवार पंजीकृत हैं, जो प्रति परिवार 5 लाख रुपये वार्षिक तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं.

योजना के बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऐसे अनेक गरीब परिवार हैं जिनके परिवार का कोई भी सदस्य बीमार हो जाए तो उन पर एक तरह से कहर टूट पड़ता है. पैसा ना होने से इलाज नहीं हो पाता, उनके पास कोई बीमा भी नहीं होता. हमारा उद्देश्य गरीब से गरीब व्यक्ति को इस पीड़ा से मुक्त करना है. सरकार उन बीपीएल परिवारों के कोरोना मरीजों के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का पूरा खर्च भी वहन करेगी, जो किसी कारणवश आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत नहीं हो सके.

कोरोना मरीजों पर 5 करोड़ किए खर्च

आयुष्मान भारत योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2018 को शुरू की थी. कोविड-19 महामारी की जांच और उपचार को भी 4 अप्रैल, 2020 से आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल कर लिया गया. इसके बाद से हरियाणा में इस योजना के तहत 5 करोड़ रुपये की राशि कोरोना मरीजों के इलाज पर खर्च की गई है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में कोरोना काल में भी चालू रहेंगी कृषि संबंधी ये गतिविधियां, आदेश जारी

प्रदेश में इस योजना को लागू करने के लिए 'आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा प्राधिकरण' का गठन किया गया है. इस प्राधिकरण ने 11,374 व्यक्तियों की कोविड-19 की जांच व उपचार पर लगभग 5 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है.

कैशलेस और पेपरलैस होता है इलाज

आयुष्मान भारत योजना कैशलेस और पेपरलैस है. इसमें पंजीकृत परिवार का कोई भी मरीज जब अस्पताल में जाता है तो उसे उपचार के लिए कोई नकद राशि खर्च नहीं करनी पड़ती. अस्पताल उसकी दवा, उपचार शुल्क आदि खर्च स्वयं करता है और उस खर्च की राशि का क्लेम सरकार से प्राप्त कर लेता है.

कोविड मरीजों के लिए 261 अस्पताल

कोविड-19 के उपचार के लिए अस्पताल को अतिरिक्त संसाधन जैसे कि जांच किट, पीपीई किट, वेंटीलेटर आदि लगाने पड़ते हैं. हरियाणा सरकार ने इलाज के खर्च को देखते हुए इस योजना में सूचीबद्ध कोविड के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान कर रही है ताकि गरीब के इलाज में पैसे की तंगी के कारण कोई कमी न रह जाए. हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के कोविड-19 के उपचार के लिए 261 सूचीबद्ध अस्पताल हैं जिनमें 68 सरकारी और 193 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं.

देश में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को 15 अगस्त, 2018 से शुरू किया गया था. इसके तहत पहले लाभार्थी का उपचार और क्लेम की अदायगी करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना था. इस योजना में पंजीकृत परिवार के कितने भी सदस्य हों और उनकी कोई भी आयु हो, सभी को इस योजना लाभ दिया जाता है.

अब तक मरीजों पर 315 करोड़ रु हुए खर्च

गौरतलब है कि इस योजना में प्रदेश के 593 अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जिनमें 417 प्राइवेट और 176 सरकारी अस्पताल शामिल हैं. इन अस्पतालों ने अब तक 2.59 लाख मरीजों के इलाज के लिए 315 करोड़ रुपये की राशि के क्लेम किए हैं. इनमें से 2.33 लाख मरीजों के इलाज के लिए 263 करोड़ रुपये की राशि के क्लेम का सरकार द्वारा भुगतान किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें- कोरोना: हरियाणा सरकार की बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, अब बिना जुर्माने के इस तारीख तक भर सकेंगे बिल

चंडीगढ़: कोरोना महामारी के दौर में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना इस बीमारी से कई लोगों के जीवन को बचाने में बेहद कारगर साबित हुई है. गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए ही आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई थी. हरियाणा में इस योजना के तहत 15.50 लाख परिवार पंजीकृत हैं, जो प्रति परिवार 5 लाख रुपये वार्षिक तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं.

योजना के बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऐसे अनेक गरीब परिवार हैं जिनके परिवार का कोई भी सदस्य बीमार हो जाए तो उन पर एक तरह से कहर टूट पड़ता है. पैसा ना होने से इलाज नहीं हो पाता, उनके पास कोई बीमा भी नहीं होता. हमारा उद्देश्य गरीब से गरीब व्यक्ति को इस पीड़ा से मुक्त करना है. सरकार उन बीपीएल परिवारों के कोरोना मरीजों के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का पूरा खर्च भी वहन करेगी, जो किसी कारणवश आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत नहीं हो सके.

कोरोना मरीजों पर 5 करोड़ किए खर्च

आयुष्मान भारत योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2018 को शुरू की थी. कोविड-19 महामारी की जांच और उपचार को भी 4 अप्रैल, 2020 से आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल कर लिया गया. इसके बाद से हरियाणा में इस योजना के तहत 5 करोड़ रुपये की राशि कोरोना मरीजों के इलाज पर खर्च की गई है.

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प्रदेश में इस योजना को लागू करने के लिए 'आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा प्राधिकरण' का गठन किया गया है. इस प्राधिकरण ने 11,374 व्यक्तियों की कोविड-19 की जांच व उपचार पर लगभग 5 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है.

कैशलेस और पेपरलैस होता है इलाज

आयुष्मान भारत योजना कैशलेस और पेपरलैस है. इसमें पंजीकृत परिवार का कोई भी मरीज जब अस्पताल में जाता है तो उसे उपचार के लिए कोई नकद राशि खर्च नहीं करनी पड़ती. अस्पताल उसकी दवा, उपचार शुल्क आदि खर्च स्वयं करता है और उस खर्च की राशि का क्लेम सरकार से प्राप्त कर लेता है.

कोविड मरीजों के लिए 261 अस्पताल

कोविड-19 के उपचार के लिए अस्पताल को अतिरिक्त संसाधन जैसे कि जांच किट, पीपीई किट, वेंटीलेटर आदि लगाने पड़ते हैं. हरियाणा सरकार ने इलाज के खर्च को देखते हुए इस योजना में सूचीबद्ध कोविड के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान कर रही है ताकि गरीब के इलाज में पैसे की तंगी के कारण कोई कमी न रह जाए. हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के कोविड-19 के उपचार के लिए 261 सूचीबद्ध अस्पताल हैं जिनमें 68 सरकारी और 193 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं.

देश में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को 15 अगस्त, 2018 से शुरू किया गया था. इसके तहत पहले लाभार्थी का उपचार और क्लेम की अदायगी करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना था. इस योजना में पंजीकृत परिवार के कितने भी सदस्य हों और उनकी कोई भी आयु हो, सभी को इस योजना लाभ दिया जाता है.

अब तक मरीजों पर 315 करोड़ रु हुए खर्च

गौरतलब है कि इस योजना में प्रदेश के 593 अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जिनमें 417 प्राइवेट और 176 सरकारी अस्पताल शामिल हैं. इन अस्पतालों ने अब तक 2.59 लाख मरीजों के इलाज के लिए 315 करोड़ रुपये की राशि के क्लेम किए हैं. इनमें से 2.33 लाख मरीजों के इलाज के लिए 263 करोड़ रुपये की राशि के क्लेम का सरकार द्वारा भुगतान किया जा चुका है.

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