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कोरोना की नई लहर बच्चों के लिए है खतरनाक, डॉक्टर से जानिए कैसे करें बचाव

कोरोना महामारी भारत में अपना कहर दिखा रही है. दूसरी लहर के बाद तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मामले ज्यादा बच्चों और युवाओं में देखने को मिल रहे हैं. कोविड-19 का नया स्ट्रेन बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.

symptoms corona virus new strain
क्या कोरोना की नई लहर बच्चों के लिए है खतरनाक?
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Published : Apr 27, 2021, 7:25 AM IST

चंडीगढ़: कोरोना वायरस हर इंसान के लिए घातक बीमारी बन चुका है. खासकर वो लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, इसका ज्यादा शिकार हो रहे हैं. अभी तक बुजुर्गों या गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग इसका ज्यादा शिकार हो रहे थे, लेकिन कोरोना का नया स्ट्रेन बच्चों और युवाओं पर ज्यादा असर डाल रहा है.

नया स्ट्रेन बच्चों और युवाओं के लिए ज्यादा घातक क्यों है और इससे बच्चों को कैसे बचाया जा सकता है? इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर डॉक्टर रमणीक सिंह बेदी से खास बातचीत की.

कोरोना की नई लहर बच्चों के लिए है खतरनाक, डॉक्टर से जानिए कैसे करें बचाव

बच्चों में कोरोना के लक्षण

डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर से बुजुर्ग सबसे ज्यादा शिकार हो रहे थे, लेकिन दूसरी लहर बच्चों और युवाओं को अपना शिकार ज्यादा बना रही है. बच्चों में कोरोना के कई लक्षण हैं.

  • बुखार का बने रहना
  • त्वचा पर चकत्ते, कोविड टोज
  • आंखें लाल होना
  • शरीर या जोड़ों में दर्द
  • उल्टी जैसा होना
  • पेट में ऐंठन या इससे संबंधित अन्य समस्या
  • फंटे होठ, चेहरे और होठों का नीला पड़ना
  • इरिटेशन
  • थकान, सुस्ती और ज्यादा नींद आना

बच्चों के लिए कोरोना खतरनाक क्यों?

डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने बताया कि इसके अलावा डायरिया, सांस फूलना भी बच्चों में कोरोना के लक्षण हैं. डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने कहा कि बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए सबसे पहले उनका घर से बाहर निकलना बंद करें. उन्हें पार्क भी ना जाने दें, क्योंकि बच्चे न सिर्फ खुद भी संक्रमित हो सकते हैं बल्कि परिवार के अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं.

ये भी पढ़िए: गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना ज्यादा खतरनाक, स्त्री रोग विशेषज्ञ से जानिए सुरक्षा के ये खास उपाय

बच्‍चों की इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए क्‍या खिलाएं

उन्होंने कहा कि सबसे खतरे की बात ये है कि फिलहाल बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बच्चों के संक्रमित होने पर उन्हें खतरा ज्यादा है. डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने कहा कि बच्चों को प्रोटीन और विटामिन की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है. भारत में ना सिर्फ बच्चे बल्कि देश की 80 फीसदी जनसंख्या में प्रोटीन और विटामिन की कमी देखी गई है, इसलिए लोगों को प्रोटीन और विटामिन युक्त डाइट लेनी चाहिए, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके.

ये भी पढ़िए: रेमडेसिवीर के लिए मारामारी न करें, चंडीगढ़ PGI के डॉक्टर से जानिए इसकी जरूरत किसे और कब पड़ती है

प्रोटीन के लिए सोयाबीन, अंडे, चने और दूध आदि का सेवन किया जा सकता है, जबकि विटामिन सी के लिए खट्टे फल जैसे संतरा, मौसमी, अंगूर, कीनू और सेब खाए जा सकते हैं. वहीं विटामिन ए के लिए आम का सेवन किया जा सकता है और विटामिन डी के लिए सुबह 9 से 11 के बीच कुछ देर के लिए धूप में जरूर बैठा जा सकता है.

ये भी पढ़िए: कोरोना होने पर शरीर में कम हो रहा है ऑक्सीजन लेवल? चंडीगढ़ PGI के डीन से जानिए उपा

चंडीगढ़: कोरोना वायरस हर इंसान के लिए घातक बीमारी बन चुका है. खासकर वो लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, इसका ज्यादा शिकार हो रहे हैं. अभी तक बुजुर्गों या गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग इसका ज्यादा शिकार हो रहे थे, लेकिन कोरोना का नया स्ट्रेन बच्चों और युवाओं पर ज्यादा असर डाल रहा है.

नया स्ट्रेन बच्चों और युवाओं के लिए ज्यादा घातक क्यों है और इससे बच्चों को कैसे बचाया जा सकता है? इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर डॉक्टर रमणीक सिंह बेदी से खास बातचीत की.

कोरोना की नई लहर बच्चों के लिए है खतरनाक, डॉक्टर से जानिए कैसे करें बचाव

बच्चों में कोरोना के लक्षण

डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर से बुजुर्ग सबसे ज्यादा शिकार हो रहे थे, लेकिन दूसरी लहर बच्चों और युवाओं को अपना शिकार ज्यादा बना रही है. बच्चों में कोरोना के कई लक्षण हैं.

  • बुखार का बने रहना
  • त्वचा पर चकत्ते, कोविड टोज
  • आंखें लाल होना
  • शरीर या जोड़ों में दर्द
  • उल्टी जैसा होना
  • पेट में ऐंठन या इससे संबंधित अन्य समस्या
  • फंटे होठ, चेहरे और होठों का नीला पड़ना
  • इरिटेशन
  • थकान, सुस्ती और ज्यादा नींद आना

बच्चों के लिए कोरोना खतरनाक क्यों?

डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने बताया कि इसके अलावा डायरिया, सांस फूलना भी बच्चों में कोरोना के लक्षण हैं. डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने कहा कि बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए सबसे पहले उनका घर से बाहर निकलना बंद करें. उन्हें पार्क भी ना जाने दें, क्योंकि बच्चे न सिर्फ खुद भी संक्रमित हो सकते हैं बल्कि परिवार के अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं.

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बच्‍चों की इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए क्‍या खिलाएं

उन्होंने कहा कि सबसे खतरे की बात ये है कि फिलहाल बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बच्चों के संक्रमित होने पर उन्हें खतरा ज्यादा है. डॉ. रमणीक सिंह बेदी ने कहा कि बच्चों को प्रोटीन और विटामिन की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है. भारत में ना सिर्फ बच्चे बल्कि देश की 80 फीसदी जनसंख्या में प्रोटीन और विटामिन की कमी देखी गई है, इसलिए लोगों को प्रोटीन और विटामिन युक्त डाइट लेनी चाहिए, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके.

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प्रोटीन के लिए सोयाबीन, अंडे, चने और दूध आदि का सेवन किया जा सकता है, जबकि विटामिन सी के लिए खट्टे फल जैसे संतरा, मौसमी, अंगूर, कीनू और सेब खाए जा सकते हैं. वहीं विटामिन ए के लिए आम का सेवन किया जा सकता है और विटामिन डी के लिए सुबह 9 से 11 के बीच कुछ देर के लिए धूप में जरूर बैठा जा सकता है.

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