चंडीगढ़: कृषि कानूनों के विरोध के बीच हरियाणा में फसल की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. सरकार का दावा है कि किसान फसल लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं और एमएसपी पर उनकी फसल खरीदी जा रही है.
इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने शुक्रवार को प्रदेश की कुछ मंडियों का जायजा लिया. हमारी टीम ने ये जानने की कोशिश की है कि शुक्रवार को प्रदेश की मंडियों में फसल की खरीद कैसे रही.
- पलवल
पलवल में बाजरा, धान और कपास की सरकारी खरीद शुरू कर दी गई है. खरीद प्रक्रिया के लिए खरीद केंद्रों को स्थापित किया गया है. जहां किसान अपनी फसल को लेकर पहुंचना शुरू हो गए हैं. सरकार की ओर से बाजरे का समर्थन मूल्य 2150 रुपये प्रति क्विंटल और धान का समर्थन मूल्य 1888 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.
- पानीपत
पानीपत में फसल खरीद को लेकर किसानों में गुस्सा दिखा. यहां अनाज मंडी में धान की खरीद तो शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक मक्का की फसल की खरीद शुरू नहीं हुई है. पिछले 8 दिनों से किसान अपनी फसल पर सोने को मजबूर हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी मक्के की फसल की खरीद नहीं हो रही है और किसान को फसल के चोरी होने का डर सता रहा है.
- करनाल
फसल की सरकारी खरीद को लेकर करनाल में खूब बवाल हुआ. सरकारी खरीद के लिए यहां किसानों और आढ़तियों को प्रदर्शन तक करना पड़ा. जिसके बाद अब प्रशासन ने किसानों और आढ़तियों की सभी मांगों को मान लिया है और फसल की सरकारी खरीद शुरू कर दी है.
- फरीदाबाद
बल्लभगढ़ अनाज मंडी में अभी तक धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. किसान वनस्पति धान लेकर मंडी पहुंच रहे हैं और निजी खरीदारों को कौड़ियों के भाव बेचने को मजबूर हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि बल्लभगढ़ अनाज मंडी में अभी तक सरकारी खरीद एजेंसी का शैड्यूल तक नहीं बना है.
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तो ये थी बात हरियाणा के मुख्य जिलों की, जहां अभी भी सरकारी खरीद पूर्ण रूप से शुरू नहीं हुई है. ऐसा हाल तब है जब किसान कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर हैं. उधर, कृषि मंत्री का ये कहना है कि रबी की फसलों का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडियों के माध्यम से खरीदा जाएगा.