ETV Bharat / state

वकील भी नहीं पढ़ सके बीमा कंपनियों के 'नियम एवं शर्त', HC ने दिए IRDA को सख्त निर्देश

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि याची के वकील भी सही से शर्तों को नहीं पढ़ पा रहे थे. हाईकोर्ट ने पाया कि यह मामला जनमानस से जुड़ा हुआ है. इस तरह की शर्तें जब विशेषज्ञ नहीं पढ़ पा रहा है, तो आम आदमी क्या पढ़ पाएगा. हाई कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आईआरडीए को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

author img

By

Published : Jun 19, 2019, 11:55 PM IST

वकील भी नहीं पढ़ सके बीमा कंपनियों के 'नियम एवं शर्त', HC ने दिए IRDA को सख्त निर्देश

चंडीगढ़: अक्सर बीमा कंपनियां क्लेम देने से जुड़े नियम और शर्तों को बारीक अक्षरों में लिखती हैं. जब क्लेम देने की बात आती है तो वह शर्ते दिखाकर अपनी जिम्मेदारियों से बस जाती है. ऐसे ही एक मामले में हाई कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आईआरडीए को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

दरअसल हाई कोर्ट में चल रहा ये मामला एक बीमा क्लेम का था. जिस मामले में शिकायत के आधार पर बीमा कंपनी के मैनेजर और अन्य पर एफआईआर दर्ज की गई थी. इस एफआईआर को खारिज करने और करवाने की अपील को लेकर मैनेजर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि याची के वकील भी सही से शर्तों को नहीं पढ़ पा रहे थे.

हाई कोर्ट ने पाया कि यह मामला जनमानस से जुड़ा हुआ है. इस तरह की शर्तें जब विशेषज्ञ नहीं पढ़ पा रहा है, तो आम आदमी क्या पढ़ पाएगा. हाई कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आईआरडीए को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने आईआरडीए पूछा है कि क्यों न बीमा कंपनी कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए जाए. ताकि ना कंपनियां क्लेम देने में किसी तरह की जिम्मेदारी से ना बच सके.

चंडीगढ़: अक्सर बीमा कंपनियां क्लेम देने से जुड़े नियम और शर्तों को बारीक अक्षरों में लिखती हैं. जब क्लेम देने की बात आती है तो वह शर्ते दिखाकर अपनी जिम्मेदारियों से बस जाती है. ऐसे ही एक मामले में हाई कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आईआरडीए को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

दरअसल हाई कोर्ट में चल रहा ये मामला एक बीमा क्लेम का था. जिस मामले में शिकायत के आधार पर बीमा कंपनी के मैनेजर और अन्य पर एफआईआर दर्ज की गई थी. इस एफआईआर को खारिज करने और करवाने की अपील को लेकर मैनेजर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि याची के वकील भी सही से शर्तों को नहीं पढ़ पा रहे थे.

हाई कोर्ट ने पाया कि यह मामला जनमानस से जुड़ा हुआ है. इस तरह की शर्तें जब विशेषज्ञ नहीं पढ़ पा रहा है, तो आम आदमी क्या पढ़ पाएगा. हाई कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आईआरडीए को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने आईआरडीए पूछा है कि क्यों न बीमा कंपनी कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए जाए. ताकि ना कंपनियां क्लेम देने में किसी तरह की जिम्मेदारी से ना बच सके.

Intro:बीमा कंपनियां क्लेम देने से जुड़ी शर्तों को बारीक अक्षरों में लिखती हैं जब क्लेम देने की बात आती है तो वह शर्ते दिखाकर अपनी जिम्मेदारियों से बस जाती है । हाई कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आईआरडीए को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।


Body:
दरअसल यह मामला एक बीमा क्लेम का था जिस में शिकायत का आधार पर बीमा कंपनी के मैनेजर व अन्य। पर। एफआईआर दर्ज की गई थी। इस एफआईआर को खारिज करने और करवाने की अपील को लेकर मैनेजर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी । सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि याची के वकील भी सही से यह शर्त नहीं पढ़ पा रहे थे।


Conclusion:हाई कोर्ट ने पाया कि यह मामला जनमानस से जुड़ा हुआ है इस तरह की शर्तें जब विशेषज्ञ नहीं पढ़ पाया तो आम आदमी क्या पढ़ पाएगा । हाई कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आईआडी ए को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है हाईकोर्ट ने आईआरडीए पूछा है कि क्यों न बीमा कंपनी कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए जाए ताकि ना कंपनियां कलीम देने में किसी तरह की जिम्मेदारी से ना बच सके।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.