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बड़गाम में भारतीय वायु सेना का एमआई-7 हेलीकॉप्टर क्रैश, हरियाणा के इस जिले सार्जेंट शहीद

जम्मू कश्मीर के बड़गाम में भारतीय वायु सेना का एमआई-7 हेलीकॉप्टर क्रैश हो जाने से देश भर में गम का माहौल है. मिली जानकारी के मुताबिक इस हादसे में झज्जर के भदानी गांव का बेटा विक्रांत भी शहीद हो गया है. विक्रांत की शहादत की सूचना मिलते ही ग्रामीण विक्रांत के घर पर इकट्ठे हो गए. विक्रांत की शहादत पर पूरे परिवार और गांव वालों को गर्व है.

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Published : Feb 27, 2019, 9:57 PM IST

भारतीय वायु सेना का एमआई-7 हेलीकॉप्टर क्रैश

चंडीगढ़/दिल्ली: जम्मू कश्मीर के बड़गांव में भारतीय वायु सेना का एमआई-7 हेलीकॉप्टर क्रैश हो जाने से देश भर में गम का माहौल है. मिली जानकारी के मुताबिक इस हादसे में झज्जर के भदानी गांव का बेटा विक्रांत भी शहीद हो गया है. विक्रांत की शहादत की सूचना मिलते ही ग्रामीण विक्रांत के घर पर इकट्ठे हो गए. विक्रांत की शहादत पर पूरे परिवार और गांव वालों को गर्व है.


परिवार और गांव यह चाहता है कि देश के बेटे हर रोज सीमाओं पर शहीद हो रहे हैं, ऐसे में पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई कर उसे मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है. इस दुख भरी खबर को सुनने के बाद विक्रांत के पिता कृष्ण सहरावत ने देश के राजनीतिक दलों से कहा है कि वह रोज-रोज के इस मसले को खत्म करने के लिए पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई करें, ताकि इस देश की मांओं की गोद सूनी ना हो और पत्नियों का सुहाग सलामत रहे.

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शहीद विक्रांत के पिता कृष्ण सहरावत ने कहा कि अगर देश को जरूरत है, तो वह भी सेना में जाकर आर-पार की जंग के लिए तैयार हैं. सार्जेंट विक्रांत की शहादत पर उनके पिता को गर्व है और वे चाहते हैं कि उनका दूसरा बेटा भी सेना में भर्ती हो जाए, ताकि देश के दुश्मनों को सबक सिखाया जा सके.

आपको बता दें कि विक्रांत के चाचा अशोक सहरावत भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनका कहना है कि अब बहुत हो गया आर-पार की जंग से पाकिस्तान को सबक सिखा ही देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस देश के सभी भूतपूर्व सैनिक एक बार फिर से सीमाओं पर जाकर पाकिस्तान को धूल चटाने के लिए तैयार हैं. शहीद विक्रांत की मां को भी अपने बेटे पर गर्व है.

उल्लेखनीय है कि 33 साल के सार्जेंट विक्रांत साल 2005 में भारतीय वायु सेना में भर्ती हुए थे. करीब 7 साल पहले विक्रांत की शादी सुमन से हुई थी. 4 भाई-बहनों में विक्रांत अपने पिता की तीसरी संतान हैं. विक्रांत के पिता खेती-बाड़ी का काम करते हैं. विक्रांत के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. बेटी काव्या 5 साल की है और छोटा बेटा वरदान करीब डेढ़ साल का है.
4 महीने पहले ही विक्रांत की पोस्टिंग कोयंबटूर से श्रीनगर हुई थी. तकरीबन डेढ़ महीने पहले सार्जेंट विक्रांत छुट्टी काटकर श्रीनगर गए थे. शहीद विक्रांत का पार्थिव शरीर कल गांव पहुंचेगा, जहां शहीद को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.

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चंडीगढ़/दिल्ली: जम्मू कश्मीर के बड़गांव में भारतीय वायु सेना का एमआई-7 हेलीकॉप्टर क्रैश हो जाने से देश भर में गम का माहौल है. मिली जानकारी के मुताबिक इस हादसे में झज्जर के भदानी गांव का बेटा विक्रांत भी शहीद हो गया है. विक्रांत की शहादत की सूचना मिलते ही ग्रामीण विक्रांत के घर पर इकट्ठे हो गए. विक्रांत की शहादत पर पूरे परिवार और गांव वालों को गर्व है.


परिवार और गांव यह चाहता है कि देश के बेटे हर रोज सीमाओं पर शहीद हो रहे हैं, ऐसे में पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई कर उसे मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है. इस दुख भरी खबर को सुनने के बाद विक्रांत के पिता कृष्ण सहरावत ने देश के राजनीतिक दलों से कहा है कि वह रोज-रोज के इस मसले को खत्म करने के लिए पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई करें, ताकि इस देश की मांओं की गोद सूनी ना हो और पत्नियों का सुहाग सलामत रहे.

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शहीद विक्रांत के पिता कृष्ण सहरावत ने कहा कि अगर देश को जरूरत है, तो वह भी सेना में जाकर आर-पार की जंग के लिए तैयार हैं. सार्जेंट विक्रांत की शहादत पर उनके पिता को गर्व है और वे चाहते हैं कि उनका दूसरा बेटा भी सेना में भर्ती हो जाए, ताकि देश के दुश्मनों को सबक सिखाया जा सके.

आपको बता दें कि विक्रांत के चाचा अशोक सहरावत भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनका कहना है कि अब बहुत हो गया आर-पार की जंग से पाकिस्तान को सबक सिखा ही देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस देश के सभी भूतपूर्व सैनिक एक बार फिर से सीमाओं पर जाकर पाकिस्तान को धूल चटाने के लिए तैयार हैं. शहीद विक्रांत की मां को भी अपने बेटे पर गर्व है.

उल्लेखनीय है कि 33 साल के सार्जेंट विक्रांत साल 2005 में भारतीय वायु सेना में भर्ती हुए थे. करीब 7 साल पहले विक्रांत की शादी सुमन से हुई थी. 4 भाई-बहनों में विक्रांत अपने पिता की तीसरी संतान हैं. विक्रांत के पिता खेती-बाड़ी का काम करते हैं. विक्रांत के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. बेटी काव्या 5 साल की है और छोटा बेटा वरदान करीब डेढ़ साल का है.
4 महीने पहले ही विक्रांत की पोस्टिंग कोयंबटूर से श्रीनगर हुई थी. तकरीबन डेढ़ महीने पहले सार्जेंट विक्रांत छुट्टी काटकर श्रीनगर गए थे. शहीद विक्रांत का पार्थिव शरीर कल गांव पहुंचेगा, जहां शहीद को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.

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जम्मू के बड़गांव में भारतीय वायु सेना के एमआई-7 हेलीकॉप्टर क्रैश में झज्जर के भदानी गांव का बेटा विक्रांत भी शहीद हो गया। विक्रांत की शहादत की सूचना मिलते ही ग्रामीण विक्रांत के घर पर इकट्ठे हो गए विक्रांत की शहादत पर पूरे परिवार और गांव वालों को गर्व है। परिवार और गांव यह चाहता है कि देश के बेटे हर रोज सीमाओं पर शहीद हो रहे हैं ऐसे में पाकिस्तान से आर पार की लड़ाई कर उसे मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है। कश्मीर से धारा 370 हटा कर कश्मीर का मसला हमेशा के लिए खत्म करने की मांग भी की जा रही है। 

विक्रांत के पिता कृष्ण सहरावत ने देश के राजनीतिक दलों से कहा है कि वह रोज रोज के इस मसले को खत्म करने के लिए वह पाकिस्तान से आर पार की लड़ाई करें, ताकि इस देश की माओं की गोद सूनी ना हो और पत्नियों का सुहाग सलामत रहे। उन्होंने कहा कि अगर देश को जरूरत है, तो वह भी सेना में जाकर आर-पार की जंग के लिए तैयार हैं। सार्जेंट विक्रांत की शहादत पर उनके पिता को गर्व है और वे चाहते हैं कि उनका दूसरा बेटा भी सेना में भर्ती हो जाए। ताकि देश के दुश्मनों को सबक सिखाया जा सके।

विक्रांत के चाचा अशोक सहरावत भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनका कहना है कि अब बहुत हो गया आर-पार की जंग से पाकिस्तान को सबक सिखा ही देना चाहिए। उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। उन्होंने कहा कि इस देश के सभी भूतपूर्व सैनिक एक बार फिर से सीमाओं पर जाकर पाकिस्तान को धूल चटाने के लिए तैयार हैं। शहीद विक्रांत की मां को भी अपने बेटे पर गर्व है।

हम आपको बता दें कि 33 साल के सार्जेंट विक्रांत साल 2005 में भारतीय वायु सेना में भर्ती हुए थे। करीब 7 साल पहले विक्रांत की शादी सुमन से हुई थी। 4 भाई बहनों में विक्रांत अपने पिता की तीसरी संतान है। विक्रांत के पिता खेतीबाड़ी करते हैं। विक्रांत के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। बेटी काव्या 5 साल की है और छोटा बेटा वरदान करीब डेढ़ साल का है। 4 महीने पहले ही विक्रांत की पोस्टिंग कोयंबटूर से श्रीनगर हुई थी। करीब डेढ़ महीने पहले सार्जेंट विक्रांत छुट्टी काटकर श्रीनगर गए थे। शहीद विक्रांत का पार्थिव शरीर कल गांव पहुंचेगा। जहां शहीद को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
बाइट:- कृष्ण सहरावत पिता, कांता मां, चाचा अशोक।
प्रदीप धनखड़
झज्जर।

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Pradeep Dhankhar
Journalist
Bahadurgarh
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