चंडीगढ़: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि किसी जांच से डरने वाले नहीं हैं. यह बात उन्होंने चंडीगढ़ में आज पत्रकार वार्ता के दौरान कही. इस दौरान उन्होंने केंद्र और हरियाणा की बीजेपी सरकार को किसान विरोधी सरकार करार दिया.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री या चाहे उनके मंत्री कितने भी फर्जी केसों की जांच करवा लें वह सच बोलने से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने प्रदेश की मनोहर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री क्यों नहीं 5000 करोड़ के माइनिंग घोटाले की जांच करवाते जबकि उसके सभी साक्ष्य और सबूत सामने है.
बता दें प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ मिली एक शिकायत के आधार पर एक बार फिर से एक पुराने मामले को लेकर जांच करवाने के लिए नई एसआईटी गठित कर दी है, वहीं विज ने पुरानी एसआईटी की जांच पर भी सवालिया निशान उठाया था.
क्या था ममाला?
इसके बाद नैन ने सुरजेवाला से संधू की मुलाकात करवाई. बदले में नैन को उसे अपने टेंडर में पार्टनर बनाना पड़ा. जैसे ही संधू ने नैन को अपना बिजनेस पार्टनर बनाया, उसके बाद ही रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उसे बिजली निगम के टेंडर दिला दिए, जबकि उसके पास न तो कोई अनुभव था न ही वो शर्तें पूरी करता था.
शिकायतकर्ता ने की थी विज से जांज की मांग
शिकायतकर्ता अजय ने विज को दिए पत्र में लिखा कि हरियाणा भर से करीब 4 हजार लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की भर्ती ठेके के तहत उस वक्त की. भर्ती के लिए किसी से 5 तो किसी से 50 हजार रुपये तक की रिश्वत ली गई, लेकिन जब कर्मचारियों को किसी भी तरह की सरकारी सुविधा नहीं दी गई तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया. इस पर बिजली निगम ने सर्विस टैक्स चोरी और ईपीएफ आई ईएसआई चोरी की शिकायत कर दी.ट
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भिवानी सहित 11 जिलों में केस दर्ज किया गया जिसमें सभी लोग तो बच गए, लेकिन अजय संधू फंस गया. संधू ने बताया कि उसे करीब 3 करोड़ रुपये का देनदार सभी ने बना दिया, जबकि वो इस मामले में अकेले दोषी नहीं था. फिर भी इसे फंसा दिया गया.
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खुद डीजीपी से करवाएंगे जांच
अनिल विज ने कहा कि साफ लग रहा है कि रणदीप सुरजेवाला ने अपने मंत्री पद का इस्तेमाल किया और अब उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है. गृहमंत्री ने बताया कि उन्होंने खुद डीजीपी से बात कर जांच प्रक्रिया के दौरान सुरजेवाला को बुलाकर उनसे भी पूछताछ करने के आदेश दिए हैं.