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नई राइस शूट नीति को लेकर सुरजेवाला ने सीएम को दी खुली बहस की चुनौती

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Published : Jun 5, 2020, 5:19 PM IST

शुक्रवार को कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऑनलाइन पत्रकार वार्ता कर प्रदेश की गठबंधन सरकार को किसानों की रोजी-रोटी छीनने का जिम्मेदार ठहराया है. प्रदेश में धान की खेती को लेकर लगाई गई शर्तों को लेकर रणधीर ने मुख्यमंत्री को खुली बहस की चुनौती भी दी है.

randeep surjewala challenge cm manohar lal for open debate on new rice shoot policy
रणदीप सुरजेवाला, प्रवक्ता, कांग्रेस

चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला लगातार गठबंधन सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं. शुक्रवार को रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश की गठबंधन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार किसानों की दुश्मन बनी हुई है. सुरजेवाला ने भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की तरफ से बनाई गई राइस शूट नीति को तालिबानी फरमान करार देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को खुली बहस की चुनौती दे डाली.

इस मौके पर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के इतिहास में खट्टर सरकार सबसे बड़ी किसान विरोधी सरकार साबित हुई है, लगता है कि भाजपा-जजपा सरकार उत्तरी हरियाणा के किसान विशेष तौर से कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, यमुनानगर की रोजी-रोटी छीन खेती पर पूरी तरह से तालाबंदी करना चाहती है.

खेती तहस-नहस करने वाली नीति- सुरजेवाला

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 3 जून 2020 को धान की खेती को तहस-नहस करने वाली और किसान की रोटी छीनने वाली नई राइस शूट निति को जारी कर दिया. इस राइस शूट नीति का लक्ष्य हरियाणा में धान की खेती पूर्णतया खत्म करना और किसान के पेट पर लात मारना है.

ये 200 कदम पीछे ले जाने की नीति है- सुरजेवाला

सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में गिरते भूजल का संकट है तो दूसरी तरफ दादूपुर नलवी भी रिचार्ज कैनाल जबरदस्ती बंद की जा रही है. एक तरफ 50 बीएचपी की ट्यूबवेल मोटर के कनेक्शन काटे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ बरसाती मोगे यानी राइस शूट बंद कर किसान को ट्यूबवैल यानी भूजल दोहन के सहारे छोड़ा जा रहा है. साफ है कि भाजपा-जजपा सरकार 200 कदम पीछे ले जाने की नीति पर चल रही है.

सुरजेवाला ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश सरकार की इस नीति बनाने के दो मुख्य कारण बताए गए हैं. पहला हरियाणा धान की खपत से ज्यादा धान पैदा करता है. दूसरा हरियाणा में उगाए जाने वाले बासमती धान और 1121- 1509 बासमती वैरायटी के धान का विदेशों में निर्यात किया जाता है. हरियाणा पूरे देश का पेट भरता है और देश के लिए विदेशी मुद्रा कमाता है. हरियाणा का सबसे बड़ा चावल राइस शेलर उद्योग चलाना अब खट्टर सरकार के लिए प्रोत्साहन की बजाय अपराध बन गया है.

सीएम को दी खुली बहस के लिए चुनौती

उन्होंने कहा कि उत्तरी हरियाणा यानी कैथल जींद कुरुक्षेत्र करनाल पानीपत अंबाला यमुनानगर में पहले ही नेहरे 24 दिन बंद रहती हैं और 7 दिन चलती है ऊपर से किसान को मिलने वाले राइस शूट का खत्म करना पूरे धान की खेती पर एक मार मारने जैसा है. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री को हम चुनौती देते हैं कि इस राइस शूट नीति पर वह मुझसे तथा उत्तरी हरियाणा के किसानों से सार्वजनिक तौर पर खुली बहस करें ताकि सरकार की नादर शाही नीति का पूरी तरह से पर्दाफाश हो सके.

राइस शूट नीति में इन शर्तों का जिक्र किया गया है-

  • भाखड़ा कमांड सिस्टम में नए राइस सूट बिल्कुल खत्म कर दिए गए हैं. ( केवल जहां यमुना या घग्गर नदी का पानी मिलेगा वह इलाका अपवाद रहेगा )
  • 20 एकड़ से कम भूमि पर पूरे हरियाणा में राइस शूट नहीं दिया जाएगा. वहां भी यह शर्त रहेगी कि 20 एकड़ में से 15 एकड़ से अधिक भूमि में धान नहीं लगाया जा सकता.
  • वेस्टर्न यमुना कैनाल सिस्टम ( यमुनानगर, करनाल, पानीपत, जींद, रोहतक जैसे जिले) इस शूट के लिए हर साल आवंटित पानी की मात्रा 10 प्रतिशत- 5 प्रतिशत कम कर साल 2024 तक 25% से घटाकर 3% तक कम कर दी जाएगी. साल 2020 से हर साल पुराने राइस शूट की संख्या में 50% कटौती की जाएगी. साल 2020 के बाद कोई पुराना राइस शूट नहीं दिया जाएगा. नए राइस शूट में भी 3% तक सीमित रहेंगे.
  • भाखड़ा सिस्टम ( कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद) इस शूट के लिए 10% पानी को कम कर साल 2024 तक 3% तक घटा दिया जाएगा. 2 साल में यानी साल 2020 और 2021 के बाद सब पुराने राइस शूट खत्म कर दिए जाएंगे. नए राइस शूट भी 3% तक सीमित रहेंगे.
  • 10 क्यूसेक से कम के सब-राजवाहों से राइस शूट पानी नहीं दिया जा सकता.
  • राइस शूट की फीस में 100% वृद्धि कर 300 रुपये प्रति एकड़ यानी कम से कम 6000 रुपये एकड़ कर दी गई है.

ये भी पढ़ें- गन्नौर: राशन डिपो पर नहीं पहुंच रहा अनाज, बीपीएल धारकों ने किया प्रदर्शन

चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला लगातार गठबंधन सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं. शुक्रवार को रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश की गठबंधन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार किसानों की दुश्मन बनी हुई है. सुरजेवाला ने भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की तरफ से बनाई गई राइस शूट नीति को तालिबानी फरमान करार देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को खुली बहस की चुनौती दे डाली.

इस मौके पर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के इतिहास में खट्टर सरकार सबसे बड़ी किसान विरोधी सरकार साबित हुई है, लगता है कि भाजपा-जजपा सरकार उत्तरी हरियाणा के किसान विशेष तौर से कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, यमुनानगर की रोजी-रोटी छीन खेती पर पूरी तरह से तालाबंदी करना चाहती है.

खेती तहस-नहस करने वाली नीति- सुरजेवाला

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 3 जून 2020 को धान की खेती को तहस-नहस करने वाली और किसान की रोटी छीनने वाली नई राइस शूट निति को जारी कर दिया. इस राइस शूट नीति का लक्ष्य हरियाणा में धान की खेती पूर्णतया खत्म करना और किसान के पेट पर लात मारना है.

ये 200 कदम पीछे ले जाने की नीति है- सुरजेवाला

सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में गिरते भूजल का संकट है तो दूसरी तरफ दादूपुर नलवी भी रिचार्ज कैनाल जबरदस्ती बंद की जा रही है. एक तरफ 50 बीएचपी की ट्यूबवेल मोटर के कनेक्शन काटे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ बरसाती मोगे यानी राइस शूट बंद कर किसान को ट्यूबवैल यानी भूजल दोहन के सहारे छोड़ा जा रहा है. साफ है कि भाजपा-जजपा सरकार 200 कदम पीछे ले जाने की नीति पर चल रही है.

सुरजेवाला ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश सरकार की इस नीति बनाने के दो मुख्य कारण बताए गए हैं. पहला हरियाणा धान की खपत से ज्यादा धान पैदा करता है. दूसरा हरियाणा में उगाए जाने वाले बासमती धान और 1121- 1509 बासमती वैरायटी के धान का विदेशों में निर्यात किया जाता है. हरियाणा पूरे देश का पेट भरता है और देश के लिए विदेशी मुद्रा कमाता है. हरियाणा का सबसे बड़ा चावल राइस शेलर उद्योग चलाना अब खट्टर सरकार के लिए प्रोत्साहन की बजाय अपराध बन गया है.

सीएम को दी खुली बहस के लिए चुनौती

उन्होंने कहा कि उत्तरी हरियाणा यानी कैथल जींद कुरुक्षेत्र करनाल पानीपत अंबाला यमुनानगर में पहले ही नेहरे 24 दिन बंद रहती हैं और 7 दिन चलती है ऊपर से किसान को मिलने वाले राइस शूट का खत्म करना पूरे धान की खेती पर एक मार मारने जैसा है. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री को हम चुनौती देते हैं कि इस राइस शूट नीति पर वह मुझसे तथा उत्तरी हरियाणा के किसानों से सार्वजनिक तौर पर खुली बहस करें ताकि सरकार की नादर शाही नीति का पूरी तरह से पर्दाफाश हो सके.

राइस शूट नीति में इन शर्तों का जिक्र किया गया है-

  • भाखड़ा कमांड सिस्टम में नए राइस सूट बिल्कुल खत्म कर दिए गए हैं. ( केवल जहां यमुना या घग्गर नदी का पानी मिलेगा वह इलाका अपवाद रहेगा )
  • 20 एकड़ से कम भूमि पर पूरे हरियाणा में राइस शूट नहीं दिया जाएगा. वहां भी यह शर्त रहेगी कि 20 एकड़ में से 15 एकड़ से अधिक भूमि में धान नहीं लगाया जा सकता.
  • वेस्टर्न यमुना कैनाल सिस्टम ( यमुनानगर, करनाल, पानीपत, जींद, रोहतक जैसे जिले) इस शूट के लिए हर साल आवंटित पानी की मात्रा 10 प्रतिशत- 5 प्रतिशत कम कर साल 2024 तक 25% से घटाकर 3% तक कम कर दी जाएगी. साल 2020 से हर साल पुराने राइस शूट की संख्या में 50% कटौती की जाएगी. साल 2020 के बाद कोई पुराना राइस शूट नहीं दिया जाएगा. नए राइस शूट में भी 3% तक सीमित रहेंगे.
  • भाखड़ा सिस्टम ( कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद) इस शूट के लिए 10% पानी को कम कर साल 2024 तक 3% तक घटा दिया जाएगा. 2 साल में यानी साल 2020 और 2021 के बाद सब पुराने राइस शूट खत्म कर दिए जाएंगे. नए राइस शूट भी 3% तक सीमित रहेंगे.
  • 10 क्यूसेक से कम के सब-राजवाहों से राइस शूट पानी नहीं दिया जा सकता.
  • राइस शूट की फीस में 100% वृद्धि कर 300 रुपये प्रति एकड़ यानी कम से कम 6000 रुपये एकड़ कर दी गई है.

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