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रेप के बाद मां बनी 14 वर्षीय बच्ची की होगी काउंसलिंग: हाईकोर्ट - highcourt nuh minor raped

बलात्कार के बाद 14 वर्षीय बच्ची मां बन गई. अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बच्ची की काउंसलिंग के निर्देश दिए हैं. इसके लिए हाईकोर्ट ने महिला काउंसलर को नियुक्त करने के लिए निर्देश दिए हैं.

punjab haryana highcourt
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Published : Nov 26, 2020, 9:19 PM IST

चंडीगढ़: 14 साल की उम्र में जहां बच्चे खेलते कूदते हैं. उसी उम्र में हरियाणा के नूंह जिले की एक बच्ची मां बन गई. दरिंदों ने एक बच्ची से बलात्कार किया और 14 वर्षीय मासूम बच्ची मां बन गई. पीड़िता के पुनर्वास के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने महिला काउंसलर नियुक्त कर काउंसलिंग के निर्देश दिए हैं.

जस्टिस रविंद्र सिंह सांगवान ने आरोपी शकील की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि नाबालिग पीड़िता को अंतरिम मुआवजा दिए जाने पर मेवात और फरीदाबाद की डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी फैसला ले. हाईकोर्ट में 6 महीने बाद मई महीने में कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है.

कोर्ट ने कहा कि पीड़िता बहुत ही कम आयु में मां बन गई है. ऐसे में उसके और उसके बच्चे की स्वास्थ्य की देखभाल के लिए समय-समय पर काउंसलिंग की जरूरत है. लिहाजा महिला काउंसिलर नियुक्त किया जाए. साथ ही आरोपी पक्ष की तरफ से मिल रही धमकियों पर हाईकोर्ट ने मेवात के एसपी को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और इस बारे में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ें- शराब घोटाला: हाईकोर्ट ने ईडी, सीबीआई और हरियाणा सरकार को जारी किया नोटिस

पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि आरोपी शकील और शमशाद उसकी लड़की को बहला-फुसलाकर जंगल में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. आरोपियों ने इस सारी घटना को मोबाइल फोन में कैद किया और बार-बार पीड़िता को डरा धमका कर उसका रेप किया.

इस बात का खुलासा तब हुआ जब लड़की की तबीयत खराब हुई और पता चला कि वो 4 महीने से गर्भवती है. पिता की शिकायत पर फिरोजपुर झिरका पुलिस थाने में 1 जून 2020 को एफआईआर दर्ज कर ली गई थी.

चंडीगढ़: 14 साल की उम्र में जहां बच्चे खेलते कूदते हैं. उसी उम्र में हरियाणा के नूंह जिले की एक बच्ची मां बन गई. दरिंदों ने एक बच्ची से बलात्कार किया और 14 वर्षीय मासूम बच्ची मां बन गई. पीड़िता के पुनर्वास के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने महिला काउंसलर नियुक्त कर काउंसलिंग के निर्देश दिए हैं.

जस्टिस रविंद्र सिंह सांगवान ने आरोपी शकील की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि नाबालिग पीड़िता को अंतरिम मुआवजा दिए जाने पर मेवात और फरीदाबाद की डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी फैसला ले. हाईकोर्ट में 6 महीने बाद मई महीने में कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है.

कोर्ट ने कहा कि पीड़िता बहुत ही कम आयु में मां बन गई है. ऐसे में उसके और उसके बच्चे की स्वास्थ्य की देखभाल के लिए समय-समय पर काउंसलिंग की जरूरत है. लिहाजा महिला काउंसिलर नियुक्त किया जाए. साथ ही आरोपी पक्ष की तरफ से मिल रही धमकियों पर हाईकोर्ट ने मेवात के एसपी को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और इस बारे में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.

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पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि आरोपी शकील और शमशाद उसकी लड़की को बहला-फुसलाकर जंगल में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. आरोपियों ने इस सारी घटना को मोबाइल फोन में कैद किया और बार-बार पीड़िता को डरा धमका कर उसका रेप किया.

इस बात का खुलासा तब हुआ जब लड़की की तबीयत खराब हुई और पता चला कि वो 4 महीने से गर्भवती है. पिता की शिकायत पर फिरोजपुर झिरका पुलिस थाने में 1 जून 2020 को एफआईआर दर्ज कर ली गई थी.

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