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हरियाणा सरकार के SLC को लेकर निजी स्कूलों को दिए गए आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक - हरियाणा स्कूल एसएलसी आदेश

हरियाणा सरकार के सभी निजी स्कूलों को 15 दिन के भीतर ऑनलाइन एसएलसी (Haryana School Leaving Certificate) जारी करने के आदेश पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने रोक लगा दी है.

punjab haryana high court
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Published : Jul 5, 2021, 10:31 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा 15 जून को एक आदेश जारी कर स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (School Leaving Certificate) की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी. हरियाणा सरकार के इस आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने ये आदेश सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट जिला हिसार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया.

याचिका में हरियाणा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी हिसार समेत जिले के दर्जनों सरकारी स्कूलों को प्रतिवादी बनाया है. बेंच को बताया गया कि सरकार के आदेश के तहत सभी निजी स्कूलों को 15 दिन के भीतर ऑनलाइन एसएलसी जारी करने का निर्देश दिया था. अगर कोई प्राइवेट स्कूल संचालक 15 दिन के भीतर एसएलसी जारी नहीं करता तो स्वाभाविक रूप से एसएलसी को जारी हुआ मान लिया जाएगा और संबंधित विद्यार्थी का नियमित दाखिला कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में बनेगा देश का पहला अर्बन वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर, जानवरों को मिलेगा सुरक्षित रास्ता

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सरकार खुद असमंजस में है. एक तरफ तो सरकार निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की छूट दे रही है और ट्यूशन फीस न देने वाले छात्रों के नाम काटने की इजाजत भी दी है, लेकिन दूसरी तरफ एसएलसी के बारे में ये आदेश एक दूसरे के विरोधाभास है.

सरकार के इस आदेश से निजी स्कूलों के बच्चे स्कूल की फीस व अन्य शुल्क दिए बगैर सरकारी स्कूल में दाखिला ले रहे हैं. जिस कारण निजी स्कूलों की हालत काफी खराब हो रही है. इतना ही नहीं सरकार ने जहां पर स्कूली छात्रों का डाटा अपलोड होता है उसमें भी बगैर एसएलसी लिए प्रवेश लेने वाले छात्रों को सरकारी स्कूल का छात्र दिखाया है.

ये भी पढ़ें- 8 साल की उम्र में रवि दहिया ने शुरू की थी पहलवानी, अब ओलंपिक में पदक के लिए बहा रहे पसीना

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा 15 जून को एक आदेश जारी कर स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (School Leaving Certificate) की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी. हरियाणा सरकार के इस आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने ये आदेश सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट जिला हिसार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया.

याचिका में हरियाणा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी हिसार समेत जिले के दर्जनों सरकारी स्कूलों को प्रतिवादी बनाया है. बेंच को बताया गया कि सरकार के आदेश के तहत सभी निजी स्कूलों को 15 दिन के भीतर ऑनलाइन एसएलसी जारी करने का निर्देश दिया था. अगर कोई प्राइवेट स्कूल संचालक 15 दिन के भीतर एसएलसी जारी नहीं करता तो स्वाभाविक रूप से एसएलसी को जारी हुआ मान लिया जाएगा और संबंधित विद्यार्थी का नियमित दाखिला कर दिया जाएगा.

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याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सरकार खुद असमंजस में है. एक तरफ तो सरकार निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की छूट दे रही है और ट्यूशन फीस न देने वाले छात्रों के नाम काटने की इजाजत भी दी है, लेकिन दूसरी तरफ एसएलसी के बारे में ये आदेश एक दूसरे के विरोधाभास है.

सरकार के इस आदेश से निजी स्कूलों के बच्चे स्कूल की फीस व अन्य शुल्क दिए बगैर सरकारी स्कूल में दाखिला ले रहे हैं. जिस कारण निजी स्कूलों की हालत काफी खराब हो रही है. इतना ही नहीं सरकार ने जहां पर स्कूली छात्रों का डाटा अपलोड होता है उसमें भी बगैर एसएलसी लिए प्रवेश लेने वाले छात्रों को सरकारी स्कूल का छात्र दिखाया है.

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