ETV Bharat / state

चंडीगढ़ में स्कूल ना फीस बढ़ा सकते हैं, ना एक्सट्रा चार्ज वसूल सकते हैं: हाईकोर्ट

चंडीगढ़ में कोई निजी स्कूल ट्यूशन फीस के आलावा अन्य कोई फीस नहीं वसूल सकता है. इसके साथ ही प्रशासन के आदेश अनुसार कोई भी स्कूल फीस बढ़ोत्तरी भी नहीं कर सकता है.

author img

By

Published : Jul 15, 2020, 11:07 PM IST

punjab and haryana high court said schools in chandigarh can neither increase fees, nor can they charge extras
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट

चंडीगढ़: कोरोना कोविड 19 के चलते चंडीगढ़ प्रशासन की इजाजत के बिना फीस बढ़ोतरी नहीं किए जाने के जो आदेश दिए गए थे. उन आदेशों पर अभी तक पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में कोई रोक नहीं लगाई है, ऐसे में वे आदेश प्रभावी हैं और कोई भी निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा ना तो कोई अन्य फीस वसूल सकता है और ना ही बिना इजाजत फीस बढ़ोत्तरी कर सकता है. यह टिप्पणी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को निजी स्कूलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए की है.

गौरतलब है कि निजी स्कूलों की संस्था इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रशासन के 3 जून को उस आदेश को चुनौती दी है. जिसमें प्रशासन ने निजी स्कूलों को बिना इजाजत फीस बढ़ोतरी करने पर रोक लगा दी है. एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनकी संस्था में शहर के 78 निजी स्कूल है. प्रशासन ने 3 जून को आदेश जारी कर कहा है कि कोई भी निजी स्कूल प्रशासन की इजाजत के बिना स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता और ट्यूशन फीस भी सत्र 2019-2020 में जो थी. वहीं ट्यूशन फीस सत्र 2020-21 में ही रहेगी. इसमें बिना पूर्व इजाजत बढ़ोतरी नहीं की जा सकती.

'अभिभावकों को राहत देने के लिए आदेश पारित किया गया था'

इस याचिका पर हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब देते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने हाईकोर्ट को बताया कि कोरोना के चलते लोगों से प्रभावित अभिभावकों को राहत देने के लिए प्रशासन ने फीस बढ़ोतरी नहीं किए जाने के आदेश दिए थे. सरकारी स्कूलों में पहले ही 6 महीनों की फीस माफ की जा चुकी है.

इसलिए निजी स्कूलों को आदेश दिए थे कि वह फीस ना बढ़ाएं और सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूल है, लेकिन निजी स्कूल इसे भी चुनौती दे रहे हैं. जबकि यह निजी स्कूल ऐसा कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा रहे. जिसमें यह साबित हो जाए कि इन स्कूलों को कितना नुकसान हुआ है और वैसे भी स्कूल शिक्षा प्रदान करने के लिए ही होते हैं.

ये भी पढ़िए: करनाल: CBSE 12वीं में 99.6 अंक लेकर पुलकित अग्गी ने जिले में किया टॉप

चंडीगढ़: कोरोना कोविड 19 के चलते चंडीगढ़ प्रशासन की इजाजत के बिना फीस बढ़ोतरी नहीं किए जाने के जो आदेश दिए गए थे. उन आदेशों पर अभी तक पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में कोई रोक नहीं लगाई है, ऐसे में वे आदेश प्रभावी हैं और कोई भी निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा ना तो कोई अन्य फीस वसूल सकता है और ना ही बिना इजाजत फीस बढ़ोत्तरी कर सकता है. यह टिप्पणी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को निजी स्कूलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए की है.

गौरतलब है कि निजी स्कूलों की संस्था इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रशासन के 3 जून को उस आदेश को चुनौती दी है. जिसमें प्रशासन ने निजी स्कूलों को बिना इजाजत फीस बढ़ोतरी करने पर रोक लगा दी है. एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उनकी संस्था में शहर के 78 निजी स्कूल है. प्रशासन ने 3 जून को आदेश जारी कर कहा है कि कोई भी निजी स्कूल प्रशासन की इजाजत के बिना स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता और ट्यूशन फीस भी सत्र 2019-2020 में जो थी. वहीं ट्यूशन फीस सत्र 2020-21 में ही रहेगी. इसमें बिना पूर्व इजाजत बढ़ोतरी नहीं की जा सकती.

'अभिभावकों को राहत देने के लिए आदेश पारित किया गया था'

इस याचिका पर हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब देते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने हाईकोर्ट को बताया कि कोरोना के चलते लोगों से प्रभावित अभिभावकों को राहत देने के लिए प्रशासन ने फीस बढ़ोतरी नहीं किए जाने के आदेश दिए थे. सरकारी स्कूलों में पहले ही 6 महीनों की फीस माफ की जा चुकी है.

इसलिए निजी स्कूलों को आदेश दिए थे कि वह फीस ना बढ़ाएं और सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूल है, लेकिन निजी स्कूल इसे भी चुनौती दे रहे हैं. जबकि यह निजी स्कूल ऐसा कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा रहे. जिसमें यह साबित हो जाए कि इन स्कूलों को कितना नुकसान हुआ है और वैसे भी स्कूल शिक्षा प्रदान करने के लिए ही होते हैं.

ये भी पढ़िए: करनाल: CBSE 12वीं में 99.6 अंक लेकर पुलकित अग्गी ने जिले में किया टॉप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.