चंडीगढ़: सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कम पानी वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक फसलों की बुआई करने की अपील की थी. सरकार की तरफ से 8 ब्लॉक जहां डार्क जोन हैं उनमें पट्टे पर ली गई पंचायती जमीन पर सुनिश्चित करने को कहा गया है. कहा गया है कि इन जमीनों का उपयोग धान की खेती करने के लिए नहीं हो ये सुनिश्चित किया जाए. कम पानी वाले जिलों में उपायुक्तों को लिखे गए पत्र के बाद कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला हरियाणा सरकार पर हमलावर हो गए हैं. सुरजेवाला ने इसे सरकार का तालिबानी फैसला करार दिया है.
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लगाया था आरोप
बता दें कि रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि पंचायती जमीन पट्टे पर लेने वाला आज जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, समेत उत्तरी हरियाणा का किसान धान की खेती नहीं कर पाएगा. यह सरकार है या हर रोज सुबह किसान के खिलाफ नया षड़यंत्र रचने की दुकान ? सुरजेवाला ने कहा कि किसान से यह क्रूरता हरियाणा बर्दाश्त नहीं करेगा.
ट्वीट पर दुष्यंत चौटाला का पलटवार
सुरजेवाला की तरफ से किए गए ट्वीट के बाद हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि, आठ ऐसे ब्लॉक हैं जहां पर पानी का स्तर लगातार गिर रहा है. लीज को ओपन ऑक्शन के माध्यम से दोबारा ऑक्शन करेंगे, जो पंचायती जमीन नहीं लेना चाहता है तो विचार कर सकता है. दुष्यंत ने कहा कि पंचायतों की जमीन है, ओपन मार्केट है और उसका रेवेन्यू पंचायतों को जाएगा, अगर कोई नुकसान होता है तो पंचायत को रेवेन्यू लॉस की भरपाई इंसेंटिव के तौर पर देंगे. उन्हों ने अपी की कि पंचायतें भी अपनी जमीन पर पैड़ी लगाने को प्रमोट करे.
दुष्यंत चौटाला ने ली चुटकी
अब सुरजेवाला की तरफ से सरकार पर लगाए गए आरो पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जब से कोरोना एफेक्टिड एरिया से पंचकूला आकर बैठे हैं जजिया कर और तालिबानी फैसले के अलावा कोई शब्द अपनी डिक्शनरी से लेकर आएं तो मैं उन्हें मानूंगा. दुष्यंत ने कहा की उनकी अपनी सरकारों ने भी टैक्स लगाया है और सुरजेवाला दिल्ली की वाहवाही करते हैं, दिल्ली ने डीजल 7 रुपये बढ़ाया है, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार भी दिल्ली के खिलाफ नहीं बोला.
सीएम मनोहर लाल ने क्या अपील की थी ?
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपील की थी कि जो किसान पंचायती जमीन ठेके पर लेकर खेती करते हैं. वे धान के स्थान पर मक्का, अरहर और अन्य फसलों की बुआई करें और सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'जल ही जीवन मिशन है' अभियान को सफल बनायें.
इंसेंटिव देने के प्रावधान पर हो रही चर्चा
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जल ही जीवन मिशन के तहत किसानों को धान की जगह दूसरी फसलों की बुआई करने के लिए इंसेंटिव दे पाएं इसपर चर्चा की जा रही है. हरियाणा सरकार की तरफ से पहले किए गए प्रयासों के चलते गत वर्ष धान बाहुल जिलों में 50,000 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल के स्थान पर मक्का और अन्य फसलें उगाई गई थी. इस बार सरकार पिछले वर्ष के मुकाबले और भी ज्यादा इंसेंटिव देने पर विचार कर रही है ताकि धान की फसल के मुकाबले होने वाले नुकसान को पूरा किया जा सके.
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