चंडीगढ़: चंडीगढ़ मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर जोर-शोर से रणनीति तैयार की जा रही है. इसी कड़ी में यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (UMTA) की पहली बैठक मंगलवार को चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इसके साथ ही इस बैठक में चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा के मुख्य सचिवों और प्रशासक के सलाहकार की उपस्थिति रहे. यूएमटीए के सदस्यों ने राइट्स द्वारा तैयार व्यापक गतिशीलता योजना को अपनी मंजूरी दे दी है. इससे चंडीगढ़ ट्राइसिटी के लिए वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट (alternative analysis report) और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Detailed Project Report)- चरण- I एमआरटीएस नेटवर्क (77 किलोमीटर) की तैयारी में मदद मिलेगी. इसके अलावा यह निर्णय लिया गया है कि एएआर और डीपीआर तैयार करने के लिए राइट्स को शामिल किया जाए.
क्या है UMTA?: बता दें कि, युनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (UMTA) ट्राइसिटी के तमाम मोबिलिटी को संभालने के लिए एक संयुक्त मंच है. भारत सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के अधिकारियों को शहर में यातायात की स्थिति में सुधार के लिए विभिन्न संस्थानों के बीच तालमेल सुनिश्चित करने और इस मोबिलिटी प्लान के अमल करते हुए सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा हरियाणा और पंजाब सरकार की सहमति: चंडीगढ़ मेट्रो प्लान को लेकर जून महीने में ट्राइसिटी में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा हरियाणा और पंजाब सरकार की सहमति के बाद केंद्र सरकार ने प्लान तैयार करने को कहा था. केंद्र सरकार ने मेट्रो से जुड़े फैसले चंडीगढ़ प्रशासन को अपने स्तर पर लेने के लिए कहा था. केंद्रीय आवास मामले और शहरी विकास मंत्रालय (एमओएचएयूडी) ने चंडीगढ़ मेट्रो को हरी झंडी देने के बाद में चंडीगढ़ को अहम फैसले लेने को कहा गया. इस मेट्रो को ट्राइसिटी मेट्रो के नाम से जाना जाएगा, क्योंकि यह तीन शहरों को जोड़ेगी. मंत्रालय को व्यापक गतिशीलता योजना (सीएमपी) जमा करने के बाद परियोजना को हरी झंडी दी.
चंडीगढ़ मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 10,570 करोड़: चंडीगढ़ मेट्रो प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 10,570 करोड़ रुपये है, जिसमें बस टर्मिनल, बस डिपो और व्यस्त चौराहों पर ज्यामितीय सुधार और बहुत कुछ शामिल होगा. रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) ने मेट्रो परियोजना के लिए प्रस्ताव भेजा था और अब मंत्रालय ने प्राधिकरण को चरणों में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गए है. ट्राइसिटी मेट्रो का तीन शहरों में 39 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए शुरू की जाएगी. इस प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में चंडीगढ़ को 5520 करोड़, पंचकूला 800 करोड़ और मोहाली के लिए 4240 करोड़ की जरूरत होगी. फेज दो में पंचकूला को 720 करोड़ और मोहाली को 1680 करोड़ देने होंगे.
2 चरणों में मेट्रो प्रोजेक्ट का काम: पहले चरण में मेट्रो ट्रेन सारंगपुर से पंचकूला से आईएसबीटी, रॉक गार्डन से जीरकपुर आईएसबीटी तक और मोहाली औद्योगिक क्षेत्र और हवाई अड्डे के माध्यम से होती हुई ग्रेन मार्केट चौक, सेक्टर 39 से ट्रांसपोर्ट नगर, सेक्टर 26 तक चलाई जाएगी. वहीं, दूसरा चरण में पंचकूला आईएसबीटी से पंचकूला एक्सटेंशन पारौल तक और नई चंडीगढ़ से सारंगपुर, एयरपोर्ट चौक से मानकपुर कल्लार और जीरकपुर आईएसबीटी से पिंजौर आईएसबीटी तक चलाई जाएगी.