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लॉकडाउनः जूस सेंटर और फास्ट फूड की दुकानें बंद, दुकानदारों को सता रही बेरोजगारी

लॉकडाउन में जूस कॉर्नर और फास्ट फूड की दुकानें खोलने की इजाजत अभी तक नहीं मिल पाई है, जिस वजह से दुकान मालिक और वहां काम करने वाले लोग इस समय भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं.

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Published : May 10, 2020, 5:26 PM IST

fast food shop close chandigarh
चंडीगढ़ में बंद फास्ट फूड एंड जूस की दुकानें

चंडीगढ़: लॉकडाउन में जूस सेंटर और फास्ट फूड की दुकानें चलाने वाले दुकानदारों पर बड़ा असर पड़ा है. दरअसल चंडीगढ़ के हर सेक्टर में जूस और फास्ट फूड की दुकानें हैं जो आम दिनों में लोगों से भरी रहती थी, लेकिन पिछले डेढ़ महीने से जारी लॉकडाउन की वजह से ना तो ये दुकानें खुल रही हैं और ना ही यहां काम करने वाले कमा पा रहे हैं.

दरअसल, लॉकडाउन के तीसरे चरण में चंडीगढ़ प्रशासन ने सिर्फ जरूरी सामान की दुकानें ही खोलने के आदेश दिए हैं, लेकिन ऐसी बहुत सी छोटी दुकानें हैं जिन्हें खोलने की इजाजत नहीं दी गई है. जिस वजह से दुकान मालिक और वहां काम करने वाले लोग भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं. खासतौर पर जूस कॉर्नर और फास्ट फूड की दुकानें खोलने की इजाजत अभी तक नहीं मिल पाई है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ में जूस और फास्ट फूड की दुकानों पर काम करने वाले कामगारों से बात की. उन्होंने बताया कि जिन दुकानों पर वो काम करते थे, वो दुकानें पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़ी हैं. ऐसे में वो दुकानों के बाहर ही रहने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके पास रहने के लिए कोई और जगह नहीं है. साथ ही उनके पास पैसे भी नहीं है.

भूखे सोने को मजबूर कामगार

कामगारों ने बताया कि दुकान मालिक भी दुकान नहीं खुलने की वजह से आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में वो भी ज्यादा मदद नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सामाजिक संस्थाओं की ओर से कभी उन्हें खाना मिल जाता है और कभी उन्हें भूखा ही सोना पड़ता है.

ये भी पढ़िए: विदेश से 26 हरियाणवी लौटे स्वदेश, जिनमें 17 गुरुग्राम के निवासी

साथ ही कामगारों ने चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार से मदद की गुहार भी लगाई. उन्होंने कहा कि या तो दुकानें खोल दी जाएं और अगर ऐसा नहीं किया जाता तो उन्हें उनके घर वापस भेज दिया जाए.

चंडीगढ़: लॉकडाउन में जूस सेंटर और फास्ट फूड की दुकानें चलाने वाले दुकानदारों पर बड़ा असर पड़ा है. दरअसल चंडीगढ़ के हर सेक्टर में जूस और फास्ट फूड की दुकानें हैं जो आम दिनों में लोगों से भरी रहती थी, लेकिन पिछले डेढ़ महीने से जारी लॉकडाउन की वजह से ना तो ये दुकानें खुल रही हैं और ना ही यहां काम करने वाले कमा पा रहे हैं.

दरअसल, लॉकडाउन के तीसरे चरण में चंडीगढ़ प्रशासन ने सिर्फ जरूरी सामान की दुकानें ही खोलने के आदेश दिए हैं, लेकिन ऐसी बहुत सी छोटी दुकानें हैं जिन्हें खोलने की इजाजत नहीं दी गई है. जिस वजह से दुकान मालिक और वहां काम करने वाले लोग भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं. खासतौर पर जूस कॉर्नर और फास्ट फूड की दुकानें खोलने की इजाजत अभी तक नहीं मिल पाई है.

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ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ में जूस और फास्ट फूड की दुकानों पर काम करने वाले कामगारों से बात की. उन्होंने बताया कि जिन दुकानों पर वो काम करते थे, वो दुकानें पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़ी हैं. ऐसे में वो दुकानों के बाहर ही रहने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके पास रहने के लिए कोई और जगह नहीं है. साथ ही उनके पास पैसे भी नहीं है.

भूखे सोने को मजबूर कामगार

कामगारों ने बताया कि दुकान मालिक भी दुकान नहीं खुलने की वजह से आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में वो भी ज्यादा मदद नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सामाजिक संस्थाओं की ओर से कभी उन्हें खाना मिल जाता है और कभी उन्हें भूखा ही सोना पड़ता है.

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साथ ही कामगारों ने चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार से मदद की गुहार भी लगाई. उन्होंने कहा कि या तो दुकानें खोल दी जाएं और अगर ऐसा नहीं किया जाता तो उन्हें उनके घर वापस भेज दिया जाए.

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