चंडीगढ़/कुल्लू: आषाढ़ शुक्लपक्ष की पूर्णिमा अर्थात गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का योग बन रहा है. 16 जुलाई को आधी रात के बाद खग्रास चंद्रग्रहण लगेगा, जो भारत में दिखाई देगा. इसका स्पर्श रात 1:31 बजे शुरू होगा और मध्य बुधवार सुबह 3:01 बजे, जबकि मोक्ष सुबह 4:30 बजे होगा. तुला, वृश्चिक और मीन राशि के लिए चन्द्रग्रहण शुभ होगा.
ग्रहण की कुल अवधि 2:59 घंटे होगी. आचार्य दीप कुमार का कहना है कि चंद्रग्रहण धार्मिक और ग्रहीय दृष्टियों से महत्वपूर्ण है. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र मित्र योग में धन और मकर की संधि राशि में महापूर्णिमा है, जिसे मंत्र सिद्धि के लिए अच्छा योग माना जाता है.
आचार्य दीप कुमार के अनुसार ग्रहण के दौरान अन्न, जल आदि ग्रहण नहीं करना चाहिए और ग्रहण के दौरान स्नान नहीं करना चाहिए. स्नान उससे पूर्व या बाद में करें. वहीं ग्रहण के दौरान खुली आंखों से चंद्रमा न देखें. इससे आंखों पर बुरा असर पड़ता है. ज्योतिषाचार्य दीप कुमार ने बताया कि सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दोनों से कुछ घंटे पहले का समय ऐसा होता है, जब प्रकृति संवेदनशील हो जाती है. तब कुछ नकारात्मक स्थितियां पैदा हो जाती हैं. इससे अनहोनी की आशंका बढ़ जाती है. इस समय को सूतक काल कहा जाता है. सूर्यग्रहण से 12 घंटे तो चंद्रग्रहण के नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है.
इन बातों का रखें ध्यान
- सूतक लगने पर घर से न निकलें.
- सिलाई कढ़ाई का काम न करें.
- गर्भवती महिला धारदार वस्तु कैंची, चाकू, ब्लेड आदि का प्रयोग न करें. इससे बच्चों के अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है.
- गर्भवती महिलाएं अपने पास नारियल रखें. इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव खत्म होता है.
- भूख लगने पर वही खाएं, जिसमें सूतक से पहले तुलसीदल डाला हो.
- सूतक के समय पूजा-पाठ न करें। मानसिक ध्यान कर सकते हैं.
- भोजन न पकाएं, ग्रहण के कारण भोजन अशुद्ध हो सकता है.
- सूतक लगने से पहले ही अन्न, खाने की वस्तुओं और जल में तुलसीदल, कुशा डालनी चाहिए. खासतौर पर दूध व अन्य डेयरी प्रोडक्ट में.
- झूठ, फरेब और बुरे विचार दिमाग में न आने दें. माना जाता है कि इस समय में किए गए अपराधों के पाप कई गुना ज्यादा हो जाते हैं.
- घर में यदि कोई लंबे समय से बीमार है तो ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन करने पर लाभ मिलेगा.
- चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो ‘ऊं चंद्राय नम:' मंत्र का जाप करने से लाभ मिलेगा.
- ग्रहण के दौरान प्राणायाम और व्यायाम करना चाहिए. सोच को सकारात्मक रखना चाहिए.
- ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव अवश्य करें.
- स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान कराने के बाद पूजा करें.
- जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज दान करने से लाभ होगा.