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21 दिसंबर को होगा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की एग्जीक्यूटिव कमेटी का चुनाव - एसजीपीसी एग्जीक्यूटिव कमेटी चुनाव

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए 21 दिसंबर को कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारे में चुनाव होगा. जिसमें कमेटी के 11 सदस्य चुने जाएंगे. कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने इसकी जानकारी दी.

SGPC Executive Committee elections Haryana Sikh Gurdwara Management Committee SGPC Election
एसजीपीसी एक्जीक्यूटिव कमेटी चुनाव, 21 दिसंबर को होंगे चुनाव, कमेटी के 11 सदस्य चुने जाएंगे
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Published : Dec 17, 2022, 5:43 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए 21 दिसंबर को कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारे में चुनाव होगा. जिसमें कमेटी के 11 सदस्य चुने जाएंगे. हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने इसकी जानकारी दी. वे पिछले ढाई साल से हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद का पदभार संभाल रहे हैं.

कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ में अपने हकों के लिए पंजाब से लड़ाई लड़ने को उचित बताया. उन्होंने कहा कि हरियाणा के सिख और गैर सिख इस मुद्दे पर एक हैं. अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल किसी को सिख होने का प्रमाण पत्र नहीं दे सकते. अमृतपाल द्वारा गुरुद्वारों मैं कुर्सी, टेबल तोड़ने और खालिस्तान की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ करना और आगजनी करना सही नहीं है.

पढ़ें: श्री गुरु नानक देव प्रकाश पर्व में भाग लेने 910 तीर्थयात्रियों का जत्था पाकिस्तान रवाना

इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने एसजीपीसी को पिछले 28 सालों से हर मुद्दे पर अपना सहयोग देने की कोशिश की है. हरियाणा सरकार ने 48 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. अब एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए चुनाव होने हैं. उन्होंने बताया कि SGPC की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने 1 दिसंबर को 38 सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया था. 21 दिसंबर को कुरुक्षेत्र में गुरुद्वारा में एग्जीक्यूटिव कमेटी के चुनाव होंगे.

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सुखबीर सिंह पर बोला जुबानी हमला: इस दौरान पंजाब के अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर भी उन्होंने जुबानी हमला करते हुए कहा कि अगर उन्हें मेरी सिक्योरिटी से परेशानी है, तो वह मेरे पास आए हम दोनों अपनी सिक्योरिटी को एक साथ छोड़ देंगे. उसके बाद संगत के बीच जाएंगे, जिससे पता चल जाएगा कि कौन क्या है. उन्होंने कहा कि उन्हें आरएसएस का एजेंट बताना या बीजेपी का फ्रंट मैन कहना बिल्कुल जायज नहीं है. सुखबीर सिंह बादल ने पंथ को जो ठेस पहुंचाई है, इसको लेकर उन्हें कोई माफ नहीं करेगा. उन्होंने सुखबीर सिंह बादल पर पंजाब में नशा, माइनिंग को बढ़ावा देने के आरोप लगाए. इसके साथ ही उन्होंने सुखबीर सिंह बादल को सार्वजनिक बहस करने की चुनौती भी दी.

चंडीगढ़: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए 21 दिसंबर को कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारे में चुनाव होगा. जिसमें कमेटी के 11 सदस्य चुने जाएंगे. हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने इसकी जानकारी दी. वे पिछले ढाई साल से हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद का पदभार संभाल रहे हैं.

कार्यकारी अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ में अपने हकों के लिए पंजाब से लड़ाई लड़ने को उचित बताया. उन्होंने कहा कि हरियाणा के सिख और गैर सिख इस मुद्दे पर एक हैं. अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल किसी को सिख होने का प्रमाण पत्र नहीं दे सकते. अमृतपाल द्वारा गुरुद्वारों मैं कुर्सी, टेबल तोड़ने और खालिस्तान की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ करना और आगजनी करना सही नहीं है.

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इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने एसजीपीसी को पिछले 28 सालों से हर मुद्दे पर अपना सहयोग देने की कोशिश की है. हरियाणा सरकार ने 48 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. अब एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए चुनाव होने हैं. उन्होंने बताया कि SGPC की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने 1 दिसंबर को 38 सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया था. 21 दिसंबर को कुरुक्षेत्र में गुरुद्वारा में एग्जीक्यूटिव कमेटी के चुनाव होंगे.

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सुखबीर सिंह पर बोला जुबानी हमला: इस दौरान पंजाब के अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर भी उन्होंने जुबानी हमला करते हुए कहा कि अगर उन्हें मेरी सिक्योरिटी से परेशानी है, तो वह मेरे पास आए हम दोनों अपनी सिक्योरिटी को एक साथ छोड़ देंगे. उसके बाद संगत के बीच जाएंगे, जिससे पता चल जाएगा कि कौन क्या है. उन्होंने कहा कि उन्हें आरएसएस का एजेंट बताना या बीजेपी का फ्रंट मैन कहना बिल्कुल जायज नहीं है. सुखबीर सिंह बादल ने पंथ को जो ठेस पहुंचाई है, इसको लेकर उन्हें कोई माफ नहीं करेगा. उन्होंने सुखबीर सिंह बादल पर पंजाब में नशा, माइनिंग को बढ़ावा देने के आरोप लगाए. इसके साथ ही उन्होंने सुखबीर सिंह बादल को सार्वजनिक बहस करने की चुनौती भी दी.

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