चंडीगढ़: कोविड-19 या कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के साथ लोगों में आयुर्वेद का रुझान भी काफी बढ़ा है. लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कई तरह के आयुर्वेदिक नुस्खों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में इन नुस्खों का इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इसी को लेकर हमारी टीम ने राष्ट्रीय आयुश मिशन के नोडल ऑफिसर डॉ. राजीव कपिला से बात की.
डॉ. राजीव कपिला ने बताया कि इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरी योग और कसरत है. उन्होंने बताया कि दौड़ लगाने से अच्छा अभी ये है कि घर में रहकर ही योग और कसरत की जाए. उन्होंने कहा कि कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायाम इम्युनिटी को काफी मजबूत करता है.
घर पर और किन तरीकों से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है?
डॉ. राजीव कपिला ने बताया कि आयुर्वेद में कई तरीकों को बताया कि जिससे शरीर की इम्युनिटी स्ट्रॉग होती है. उन्होंने बताया कि लोग गिलोय बेल का 2 से 3 इंच लंबा टुकड़ा पानी में 15 से 20 मिनट तक उबालें और उसे दिन में दो बार पियें. ये इम्युनिटी बढ़ाने में काफी कारगर साबित होगा. इसके अलावा हल्दी भी एक अच्छी इम्यूनिटी बूस्टर है. हफ्ते में चार बार हल्दी का आधा चम्मच दूध में डालकर पियें. ये भी काफी लाभकारी है.
आयुष काढ़े का कैसे और कब सेवन करें?
डॉ. राजीव कपिला ने बताया कि आजकल लोग आयुष काढ़े का काफी सेवन कर रहे हैं. उसके इस्तेमाल में भी काफी बातों का ध्यान में रखना जरूरी है. उन्होंने बताया कि आयुष काढ़े में जो चीजें मिलाई जाती हैं वो सभी गर्म होती हैं. इसमें अदरक, काली मिर्च, लौंग, दालचीनी मिलाई जाती है.
इसके लिए इन सभी चीजों को पीसकर रख लें और इन्हें पानी में उबालकर या चाय में डालकर पिया जा सकता है, लेकिन इसकी मात्रा ज्यादा नहीं होनी चाहिए. क्योंकि यो सभी चीजें शरीर के लिए गर्म है और गर्मी के मौसम में इन्हें सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए.
क्या आयुष काढ़े को खाली पेट लेना जरूरी है?
डॉ. कपिला ने बताया कि ये जरूरी नहीं है कि इस काढ़े को खाली पेट ही लेना है. इसे दिन में किसी भी समय लिया जा सकता है. जरूरी बात ये है कि कोविड से बचाव के लिए इसका सेवन जरूर करना है और सीमित मात्रा में करना है. इसके अलावा खाने-पीने में ठंडी चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें. दिन में तीन-चार बार पानी को हल्का गर्म करें और गरार करें. सात ही दो बार भाप लें.