चंडीगढ़: रंजीत मर्डर केस में सुनवाई करने वाले जज को बदलने की अपील पर डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है. जस्टिस अनुपेंद्र ग्रेवाल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए सुनवाई से इनकार करते हुए नई बेंच गठित करने के लिए याचिका चीफ जस्टिस को भेज दी है. अब चीफ जस्टिस तय करेंगे कि इस मामले पर कौन सी बेंच सुनवाई करेगी.
जज बदलने की याजिका पर सुनावाई
मामले में याची कृष्ण लाल ने कहा है कि इस मामले में सीबीआई कोर्ट में सुनवाई कर रहे जज पहले भी गुरमीत सिंह के खिलाफ दो मामलों में फैसला सुना चुके हैं, इसलिए उन्हें इस मामले से अलग किया जाए. साध्वी यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के दोषी जेल में बंद गुरमीत के सहयोगी और आरोपी कृष्णलाल ने विशेष सीबीआई अदालत में याचिका लगाकर मांग की थी कि डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह हत्या मामले में वह सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह से इस मामले की सुनवाई नहीं करवाना चाहते हैं.
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सीबीआई कोर्ट ने कर दी थी याचिका खारिज
उन्होंने ने कहा था कि गुरमीत सिंह के खिलाफ पहले ही दो मामलों में जगदीप सिंह सजा सुना चुके हैं, इसलिए तीसरे मामले में वो किसी और जज से सुनवाई कराना चाहते हैं. इससे पहले सीबीआइ कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.
क्या है मामला ?
डेरे के प्रबंधक रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत का 10 जुलाई 2002 को मर्डर हुआ था. डेरा प्रबंधन को शक था कि रंजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी. पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. मामले में कुल 6 आरोपी हैं, जिसमें से एक आरोपी का नाम सबदिल है, दूसरे का नाम जसवीर है, तीसरे का नाम अवतार है, चौथे का नाम इंद्रसेन है, जिसकी उम्र करीब 87 साल है जोकि हाजिरी माफी पर है. वहीं पांचवे आरोपी का नाम कृष्ण है जोकि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में सजा काट रहा है और छठे आरोपी गुरमीत राम रहीम है जोकि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले और साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहा है.