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प्राइवेट बस परमिट मामलाः रोजाना होगी सुनवाई, विजिलेंस जांच के बाद होगा अंतिम फैसला - हरियाणा सरकार

हरियाणा सरकार की तरफ से दिए गए 510 रूट को परमिट दिए जाने के मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर अब कोर्ट रोजाना सुनवाई करेगा. हरियाणा सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि विजिलेंस जांच के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
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Published : Jul 18, 2019, 12:49 AM IST

चंडीगढ़ः बुधवार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार की तरफ से दिए गए 510 रूट परमिट को लेकर चल रहे मामले पर सुनवाई हुई. प्राइवेट बस ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि सरकार की तरफ से जारी कि गई स्कीम के तहत उनके द्वारा बसों की खरीद की गई थी लेकिन बसें नहीं चलने के चलते उन्हें रोजाना नुकसान उठाना पड़ रहा है.

वहीं हरियाणा के एजी बलदेव राज महाजन ने हाई-कोर्ट में बताया कि 510 रूट परमिट सस्ते दिए जाने पर ही सवाल नहीं है बल्कि ये परमिट कहां दिए गए और किस तरह से दिए गए इसको लेकर भी सवाल हैं, जिस पर विजिलेंस जांच चल रही है.

रोजाना होगी सुनवाई

दरअसल, हरियाणा सरकार की तरफ से करवाई जा रही विजिलेंस रिपोर्ट का एक हिस्सा जून में हाई कोर्ट में रखा जा चुका है जबकि फाइनल रिपोर्ट के लिए अभी सरकार की तरफ से समय मांगा गया है. याचिकाकर्ता पक्ष के वकील राजीव गोदारा ने बताया कि सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में कहा गया है कि अभी विजिलेंस की पूरी रिपोर्ट नहीं देखी गई है पूरी रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार आगामी समय में फैसला लेगी.

मामले की जानकारी देते याचिकाकर्ता के वकील

फिलहाल हाई कोर्ट की तरफ से अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तारीख तय की गई है. इसके बाद हाई कोर्ट इस मामले पर रोजाना सुनवाई करेगा. राजीव गोदारा के अनुसार एजी हरियाणा ने कोर्ट के समक्ष बताया कि रूट के रेट में अंतर के साथ-साथ रूट्स किस तरह से दिए गए हैं इसको लेकर भी विजिलेंस जांच जारी है.

ये था मामला

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार की तरफ से 710 परमिट्स के लिए स्कीम जारी की गई थी. जिसमें से 510 रूट परमिट सरकार की तरफ से पहले जारी कर दिए गए थे. 510 रूट परमिट को लेकर कर्मचारियों की तरफ से विरोध भी किया गया था. इसके अलावा प्राइवेट बसों को परमिट देने के विरोध में हरियाणा परिवहन विभाग की सभी रोडवेज एकजुट हो गई थी और 18 दिन तक हड़ताल चली थी. हाई कोर्ट के दखल के बाद हड़ताल खत्म हुई थी और उसी दौरान से ये मामला कोर्ट में चल रहा है.

चंडीगढ़ः बुधवार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार की तरफ से दिए गए 510 रूट परमिट को लेकर चल रहे मामले पर सुनवाई हुई. प्राइवेट बस ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर्स ने बताया कि सरकार की तरफ से जारी कि गई स्कीम के तहत उनके द्वारा बसों की खरीद की गई थी लेकिन बसें नहीं चलने के चलते उन्हें रोजाना नुकसान उठाना पड़ रहा है.

वहीं हरियाणा के एजी बलदेव राज महाजन ने हाई-कोर्ट में बताया कि 510 रूट परमिट सस्ते दिए जाने पर ही सवाल नहीं है बल्कि ये परमिट कहां दिए गए और किस तरह से दिए गए इसको लेकर भी सवाल हैं, जिस पर विजिलेंस जांच चल रही है.

रोजाना होगी सुनवाई

दरअसल, हरियाणा सरकार की तरफ से करवाई जा रही विजिलेंस रिपोर्ट का एक हिस्सा जून में हाई कोर्ट में रखा जा चुका है जबकि फाइनल रिपोर्ट के लिए अभी सरकार की तरफ से समय मांगा गया है. याचिकाकर्ता पक्ष के वकील राजीव गोदारा ने बताया कि सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में कहा गया है कि अभी विजिलेंस की पूरी रिपोर्ट नहीं देखी गई है पूरी रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार आगामी समय में फैसला लेगी.

मामले की जानकारी देते याचिकाकर्ता के वकील

फिलहाल हाई कोर्ट की तरफ से अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तारीख तय की गई है. इसके बाद हाई कोर्ट इस मामले पर रोजाना सुनवाई करेगा. राजीव गोदारा के अनुसार एजी हरियाणा ने कोर्ट के समक्ष बताया कि रूट के रेट में अंतर के साथ-साथ रूट्स किस तरह से दिए गए हैं इसको लेकर भी विजिलेंस जांच जारी है.

ये था मामला

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार की तरफ से 710 परमिट्स के लिए स्कीम जारी की गई थी. जिसमें से 510 रूट परमिट सरकार की तरफ से पहले जारी कर दिए गए थे. 510 रूट परमिट को लेकर कर्मचारियों की तरफ से विरोध भी किया गया था. इसके अलावा प्राइवेट बसों को परमिट देने के विरोध में हरियाणा परिवहन विभाग की सभी रोडवेज एकजुट हो गई थी और 18 दिन तक हड़ताल चली थी. हाई कोर्ट के दखल के बाद हड़ताल खत्म हुई थी और उसी दौरान से ये मामला कोर्ट में चल रहा है.

Intro:एंकर -
हरियाणा सरकार की तरफ से दिए गए 510 रूट परमिट ओं के बाद शुरू की गई विजिलेंस जांच समेत पूरे मामले को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर अब पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट रोजाना सुनवाई करेगा । पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि विजिलेंस जांच में समाने आये तथ्यों के बाद इसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा । दरसल हाई कोर्ट में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स , कर्मचारी नेताओ समेत कई याचिका दायर की गई थी जिनपर सुनवाई जारी है । हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई के लिए निर्धारित की है , कोर्ट अब इस मामले के रोजाना सुनवाई करेगा ।


Body:वीओ -
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार की तरफ से दिए गए 510 रूट परमिट को लेकर चल रहे मामले पर सुनवाई हुई । हाई कोर्ट में एक बार फिर प्राइवेट बस ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर्स ने हाई कोर्ट के समक्ष कहां के सरकार की तरफ से जारी कि गई स्कीम के तहत उनके द्वारा बसों की खरीद की गई थी मगर बसें नहीं चलने के चलते उन्हें रोजाना नुकसान उठाना पड़ रहा है । एजी हरियाणा बलदेव राज महाजन ने हाईकोर्ट में बताया कि 510 रूट परमिट सस्ते दिए जाने पर ही सवाल नहीं है बल्कि यह परमिट कहां दिए गए और किस तरह से दिए गए इसको लेकर भी सवाल है जिस पर विजिलेंस जांच चल रही है । दरअसल हरियाणा सरकार की तरफ से करवाई जा रही विजिलेंस रिपोर्ट का एक हिस्सा जून में हाईकोर्ट में रखा जा चुका है जबकि फाइनल रिपोर्ट के लिए अभी सरकार की तरफ से समय मांगा गया है । याचिकाकर्ता पक्ष के वकील राजीव गोदारा ने बताया कि सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में कहा गया है कि अभी विजिलेंस की पूरी रिपोर्ट नहीं देखी गई है पूरी रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार आगामी समय में फैसला लेगी । फिलहाल हाई कोर्ट की तरफ से 22 जुलाई की तारीख निर्धारित की गई है इसके बाद हाई कोर्ट इस मामले पर रोजाना सुनवाई करेगा । राजीव गोदारा के अनुसार एजी हरियाणा ने कोर्ट के समक्ष बताया कि रूट के रेट में अंतर के साथ-साथ रूट्स किस तरह से दिए गए हैं इसको लेकर भी विजिलेंस जांच जारी है ।
बाइट - राजीव गोदारा , याचिकाकर्ता पक्ष के वकील


Conclusion:गौरतलब है कि हरियाणा सरकार की तरफ से 710 परमिट्स के लिए स्कीम जारी की गई थी । जिसमें से 510 रूट परमिट सरकार की तरफ से पहले जारी कर दिए गए थे । 510 रूट परमिट को लेकर कर्मचारियों की तरफ से विरोध भी किया गया था इसके बाद सरकार की तरफ से 190 रूट परमिट और जारी कर दिए गए सरकार की तरफ से जो रूट दिए गए उनमें रेट्स को लेकर काफी अंतर था । कर्मचारियों ने महंगे रेट्स पर दिए जा रहे रूट को लेकर भी सवाल उठाया था जिसको लेकर लंबा आंदोलन भी गया था । इस मामले में हरियाणा सरकार ने बाद में विजिलेंस जांच के भी आदेश जारी कर दिए जिस पर अभी विजिलेंस जांच जारी है । दूसरी तरफ स्कीम के तहत बसे लेने वाले प्राइवेट बस ऑपरेटर्स पहले से हाईकोर्ट पहुंचे थे और बस चलाने की गुहार लगाई थी अभी इस पूरे मामले पर फैसला लंबित है । वहीं प्राइवेट बस ऑपरेटर कोर्ट से रोजाना होने वाले बसों के नुकसान के चलते बस चलाने की मांग कर रहे हैं ।
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