चंडीगढ़ : हरियाणा में पशुपालन (Animal Husbandry in haryana) के विकास और इसे बढ़ावा देने के लिए ब्राजील के साथ मिलकर बड़ा कदम उठाया है. हरियाणा ब्राजील के सहयोग से पशुओं की नस्लों के विकास (Haryana Brazil breed development) के लिए एक उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित करेगा. यह जानकारी कृषि और पशुपालन मंत्री जे पी दलाल ने ब्राजील में दी. दरअसल जेपी दलाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ब्राजील दौरे पर हैं और बुधवार को ब्राजील के ब्राजीलिया शहर में इस प्रतिनिधिमंडल ने गिर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. जोस फर्नांडो और उनकी टीम के सदस्यों के साथ एक बैठक की.
बैठक में भारतीय हाई कमिशन के भारतीय राजदूत सुरेश रेडडी भी उपस्थित थे. बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एबीसीजेड (Association of Brazilian Zebu Breeders) के सदस्यों के साथ हरियाणा में गिर पशुओं के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित (Centre of Excellence for Animal Breed) करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की और जानकारी हासिल की.
प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजीलिया के पास अलेक्जेंड्रिओ जिले में मोटम गिर हट फार्म का दौरा किया जोकि 1500 से अधिक अच्छी गुणवत्ता वाली गिर गायों वाले सबसे बड़े गिर फार्म में से एक है. प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रजनन, पोषण और कृषि प्रबंधन प्रैक्टिस में पालन की जा रही डेयरी प्रथाओं की जानकारी ली और उनका अध्ययन किया.
ब्राजील दौरे पर जेपी दलाल (JP Dalal Brazil Visit) ने ब्राजील के कृषि, पशुधन और आपूर्ति मंत्रालय के व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय संबंध सचिव जीन मार्सेल फर्नांडीस से मुलाकात की और बहुत उपयोगी चर्चा की. वे डेयरी विकास और पशुओं की नस्लों के सुधार के क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को और मजबूत करने पर सहमत (development of animal breeds) हुए, जिसमें सूचनाओं और अनुभवों का आदान-प्रदान, एम्ब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी तकनीकों का संयुक्त अनुसंधान का आदान-प्रदान तथा आनुवंशिक सामग्री और जर्मप्लाज्म का आदान-प्रदान शामिल हैं.
बैठक के दौरान दोनों पक्ष हरियाणा में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने में सहयोग करने पर भी सहमत हुए. जेपी दलाल ने इन्हें आगे बढ़ाने और कृषि, वानिकी और जलीय कृषि में सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए ब्राजील के कृषि मंत्रालय के एक प्रतिनिधिमंडल को हरियाणा आने का निमंत्रण भी दिया. बैठक में वे ब्रासीलिया और नई दिल्ली में स्थित राजनयिक मिशनों के माध्यम से दोनों पक्षों के साथ संपर्क करने पर भी सहमत हुए.