चंडीगढ़: कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर हरियाणा और पंजाब सरकार के बीच बयानबाजी जारी हैं. इसी कड़ी में हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से दिए बयान को लेकर निशाना साधा है. कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि हम पहले से ही यह बात कह रहे हैं कि यह आंदोलन कांग्रेस की तरफ से स्पॉन्सर है. अब कैप्टन अमरिंदर सिंह का किसानों को हरियाणा-दिल्ली में आंदोलन करने के अपील वाले बयान से बात साबित होती है.
कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान हरियाणा-दिल्ली में आंदोलन करें क्योंकि पंजाब में आंदोलन से नुकसान हो रहा है. उन्होंने पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से सवाल किया कि क्या किसानों के आंदोलन से हरियाणा को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि असल में अगर ये आंदोलन किसानों का होता तो पंजाब में ही होता, क्योंकि पंजाब में किसानों को फसलों का सही दाम नहीं मिलता और ये बात वहां के नेता भी मानते हैं.
ये पढ़ें- किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा और पंजाब में सियासत गरमाई, अमरिंदर सिंह पर किसानों को भड़काने का आरोप
कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि हरियाणा का किसान पंजाब के किसान के मुकाबले ज्यादा खुशहाल है. हरियाणा के किसानों के लिए सरकार बहुत सी योजनाएं चला रही हैं, उनकी फसलों को अच्छे दामों पर खरीदा जा रहा है. किसानों को सही मुआवजा भी दिया जा रहा है, लेकिन पंजाब में ना तो किसानों की फसलों को सही दाम पर खरीदा जा रहा है और नुकसान होने पर किसानों को कोई मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा.
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि ये आंदोलन भाजपा का विरोध करने के लिए चलाया गया है और कांग्रेस पार्टी इस आंदोलन को सहारा दे रही है. उन्होंने कहा कि ये बात कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान से यह बात साफ भी हो जाती है.
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पंजाब के होशियारपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसानों से कहा कि पंजाब में 113 स्थानों पर चल रहे उनके आंदोलन से राज्य का आर्थिक विकास बाधित हो रहा है और इसलिए वे दिल्ली की सीमाओं पर जाकर केंद्र पर दबाव बनाएं. उन्होंने कहा कि मैं किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि यह आपका पंजाब है, आपके गांव हैं, आपके लोग हैं. आप दिल्ली (सीमा) पर जो करना चाहते हैं, वह करें, उनपर (केंद्र) दबाव बनाएं और उन्हें सहमत करें.
ये भी पढ़ें- राजनीतिक हो गया किसान आंदोलन, सरकार आज भी बातचीत के लिए तैयार-ओपी धनखड़