चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) से बुधवार को समस्त अतिथि अध्यापक संघ (haryana guest teachers met cm khattar) हरियाणा के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर मुलाकात की. मुलाकात बेहद सकारात्मक माहौल में हुई. इसके बाद अतिथि अध्यापकों ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि वे अपना सांकेतिक धरना स्थगित कर देंगे. बैठक को लेकर सीएमओ हरियाणा की ओर से ट्वीट कर लिखा गया कि सीएम मनोहर लाल से आज समस्त अतिथि अध्यापक संघ, हरियाणा के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर मुलाकात की.
इन सभी मांगों पर सरकार और अतिथि अध्यापकों के बीच सहमति बनने के उपरांत संघ के पदाधिकारियों ने अपना सांकेतिक धरना स्थगित करने का आश्वासन दिया है. बैठक में अतिथि अध्यापकों के सेवा नियमों को जारी करने के साथ-साथ शिक्षा व अन्य कार्यों के लिए साल में एक बार 10 हजार रुपये भत्ते के तौर पर दिए जाने की मांगों पर सहमति बनी. अतिथि अध्यापकों की मांग थी की उनसे जुड़े सेवा नियम जल्द से जल्द जारी किए जाएं. इसके अलावा उन्हें शिक्षा व अन्य कार्यों के लिए साल में एक बार 10 हजार रुपये भत्ते के तौर पर दिए जाएं.
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अतिथि अध्यापकों की 20 आकस्मिक अवकाश दिए जाने की भी मांग थी. इन सभी मांगों पर सरकार और अतिथि अध्यापकों के बीच सहमति बनी है. अतिथि अध्यापकों का कहना था कि बैठक बेहद सकारात्मक माहौल में हुई, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनकी सभी बातों को ध्यानपूर्वक सुना. अतिथि अध्यापकों ने सांकेतिक धरना स्थगित करने का आश्वासन दिया है. सीएम से मुलाकात से पहले अतिथि अध्यापकों ने हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर भी मुलाकात की थी. वहीं सीएम के साथ हुई बैठक में हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर भी मौजूद रहे.
शिक्षा मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि अतिथि अध्यापकों के सेवा नियम एक सप्ताह के भीतर ही लागू कर दिए जाएंगे. अतिथि अध्यापकों को आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये का बीमा और सेवा नियम बनाने की मांग को स्वीकार कर लिया गया है. किसी अतिथि अध्यापक की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को तीन लाख रुपये की राशि देने की घोषणा भी मुख्यमंत्री द्वारा की जा चुकी है. अतिथि अध्यापकों को उनकी शिक्षा व अन्य कार्यों के लिए साल में भत्ते के तौर एक बार 10 हजार रुपये की राशि दी जाएगी. इसके अलावा, उन्हें 20 आकस्मिक अवकाश दिए जाएंगे. कम्प्यूटर अध्यापकों की मांगों जैसे कि मातृत्व लाभ व आकस्मिक अवकाश के साथ-साथ अन्य मागों को मान लिया गया है और ट्रान्सफर/एडजस्टमेंट के नियमों में बदलाव के लिए एसोसिएशन से राय ली जाएगी. इसके अलावा, ड्राईंग और पीटीआई टीचर को कौशल विकास निगम पोर्टल पर आवेदन करने के समय पर अनुभव को आधार मानते हुए आय में छूट दी गई है.
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बता दें कि, अपनी मांगों को लेकर अतिथि अध्यापकों ने हरियाणा में कई जगह सांकेतिक धरना दे रखा है. बीते दिन तो अतिथि अध्यापकों ने यमुनानगर में शिक्षा मंत्री के निवास का घेराव भी किया था. मंगलवार सुबह घने अंधेरे और कोहरे के बीच शिक्षा मंत्री के निवास का घेराव करने सैकड़ों टीचर पहुंच गए. हैरानी की बात है कि पुलिस प्रशासन को इस बात की खबर तक नहीं लगी. जब तक पुलिस पहुंची तब तक सैकड़ों टीचर्स सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शिक्षा मंत्री के निवास पर पहुंच गए थे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया और धक्का मुक्की भी हुई. करीब 40 से 50 मिनट तक ये टीचर्स निवास के बाहर बैठे रहे थे.
बता दें कि हरियाणा में करीब 14 हजार गेस्ट टीचर हैं. उनका काम और पद तो नियमित अध्यापकों के समान है लेकिन वेतन अलग-अलग है. अतिथि अध्यापकों की सेवाओं को 58 साल कर दिया गया. उन्हें नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर महंगाई भत्ता भी 11 फीसदी दिया जाता है. लेकिन बेसिक बेतन कम है. इसी को लेकर गेस्ट टीचर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार विधानसभा में इसको लेकर बिल पास कर चुकी है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सितंबर में एक कमेटी बनाकर सर्विस रूल बनाने का दावा भी किया था. लेकिन अभी तक अतिथि अध्यापकों का सेवा नियम नहीं बना.
बिल के जरिए ये तय किया गया था कि गेस्ट टीचर्स को बेसिक के ऊपर नियमित कर्मियों की तरह महंगाई भत्ता मिलेगा. उस समय हरियाणा के पीजीटी गेस्ट को 36 हजार रुपये मिलते थे. जिसके बाद जुलाई 2019 में पांच प्रतिशत बढ़ा दिया गया. पीजीटी गेस्ट टीचर को इस बढ़ोतरी के साथ 37 हजार 800 रुपये मिलने लगे. लेकिन कई विद्यालयों ने मानदेय और डीए में अलग-अलग बढ़ोतरी की. जबकि पीजीटी व टीजीटी-जेबीटी का पद एक ही है. इसी को लेकर गेस्ट टीचर विरोध कर रहे हैं.
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