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हरियाणा में शराब पर कोविड सेस लगाने का मामला पहुंचा हाई कोर्ट - कोविड सेस को हाईकोर्ट में चुनौती

हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में शराब पर कोविड सेस लगाने के मामले पर मैसर्स हरियाणा वाइंस ने हाई कोर्ट में सरकार के इस फैसले को चुनौती दी है.

haryana government decision of covid cess on alcohol challenged in chandigarh highcourt
शराब पर कोविड सेस के खिलाफ मैसर्स हरियाणा वाइंस ने हाइकोर्ट में दायर की याचिका
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Published : Jul 10, 2020, 10:42 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में शराब पर कोविड सेस लगाने का मामला विवादों में आ गया है. सरकार के इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनौती दी गई है. शुक्रवार को इस मामले में सरकार ने जवाब देने के लिए समय देने की मांग की. जिस पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस राजीव शर्मा पर आधारित बेंच ने सरकार को जवाब देने के लिए मामले की सुनवाई 15 जुलाई तक स्थगित कर दी है.

इस मामले में मैसर्स हरियाणा वाइंस ने अपनी याचिका में कहा था कि सरकार द्वारा कोविड सेस लगाना अनुचित है. याचिकाकर्ता कंपनी ने हाई कोर्ट को बताया कि 2020-2021 की एक्साइज पॉलिसी के तहत लगाई गई बोली के बाद उन्हें ठेके अलॉट हुए हैं. अलॉट किए जाते समय इसका कोई जिक्र नहीं था, लेकिन सरकार ने 6 मई को अपनी इस एक्साइज पॉलिसी में संशोधन कर कोविड सेस लगाए जाने का निर्णय कर लिया.

याचिकाकर्ता कंपनी का आरोप है कि जब पॉलिसी के तहत उन्हें पहले ही ठेके अलॉट हो चुके हैं और उनका सरकार से समझौता हो चुका है तो बाद में सरकार सिर्फ अपने स्तर पर पॉलिसी में बदलाव कैसे कर सकती है.

ये भी पढ़ें: भिवानी: मछली पालन के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए होगा स्पेशल ट्रेनिंग का आयोजन

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में शराब पर कोविड सेस लगाने का मामला विवादों में आ गया है. सरकार के इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनौती दी गई है. शुक्रवार को इस मामले में सरकार ने जवाब देने के लिए समय देने की मांग की. जिस पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस राजीव शर्मा पर आधारित बेंच ने सरकार को जवाब देने के लिए मामले की सुनवाई 15 जुलाई तक स्थगित कर दी है.

इस मामले में मैसर्स हरियाणा वाइंस ने अपनी याचिका में कहा था कि सरकार द्वारा कोविड सेस लगाना अनुचित है. याचिकाकर्ता कंपनी ने हाई कोर्ट को बताया कि 2020-2021 की एक्साइज पॉलिसी के तहत लगाई गई बोली के बाद उन्हें ठेके अलॉट हुए हैं. अलॉट किए जाते समय इसका कोई जिक्र नहीं था, लेकिन सरकार ने 6 मई को अपनी इस एक्साइज पॉलिसी में संशोधन कर कोविड सेस लगाए जाने का निर्णय कर लिया.

याचिकाकर्ता कंपनी का आरोप है कि जब पॉलिसी के तहत उन्हें पहले ही ठेके अलॉट हो चुके हैं और उनका सरकार से समझौता हो चुका है तो बाद में सरकार सिर्फ अपने स्तर पर पॉलिसी में बदलाव कैसे कर सकती है.

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