चंडीगढ़: पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकार की तरफ से खुशखबरी है. असल में, चंडीगढ़ प्रशासन ने, मिड-डे मील और आंगनबाड़ी में जाने वाले बच्चों की खुराक में अंडा, दूध व केला जोड़कर इसे पोषक बनाने का सरकार के सामने प्रस्ताव भेज दिया है. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने यूटी प्रशासन द्वारा दी गई इस जानकारी पर पंजाब और हरियाणा को ऐसी ही योजना तैयार करने के आदेश दिए हैं.
हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब और यूटी को आदेश दिए थे कि मिड-डे मील और आंगनबाड़ी में जो भोजन परोसा जाता है, उसे और पौष्टिक बनाने की दिशा में काम किया जाए, इस पर चंडीगढ़ प्रशासन ने सुनवाई के दौरान बताया कि शहर में 450 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें से 82 में बच्चों को दूध, अंडा और केला उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया गया है.
आपको बता दें वर्तमान में करीब 1300 बच्चों को यह डाइट उपलब्ध करवाई जा रही है. बाकी के 392 केंद्रों में भी यह सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो अभी विचाराधीन है. मिली जानकारी के मुताबिक इसके साथ ही पहली से आठवीं तक के बच्चों को भी मिड-डे मील में अंडा, दूध और केला देने का प्रस्ताव है. हाईकोर्ट ने इस प्रस्ताव को बेहतर मानते हुए हरियाणा और पंजाब को यूटी प्रशासन की तर्ज पर ऐसी योजना तैयार करने के आदेश भी दे दिए हैं.
एप बनाकर दी जाए जन कल्याण योजनाओं की जानकारी: हाई कोर्ट
जस्टिस रितु बाहरी ने कहा कि ज्यादातर जन कल्याण योजनाओं की जानकारी बहुत सीमित वर्ग तक पहुंच पाती है. ऐसे में हरियाणा और पंजाब सरकार इस दिशा में काम करते हुए एक एप तैयार करें, जिससे आम लोगों को यह जानकारी आसानी से मिल सके और वे उसका फायदा उठा सकें.