चंडीगढ़: किसान आंदोलन को समाज के अलग-अलग वर्गों का काफी समर्थन मिल रहा है. यहां तक की हरियाणा और पंजाब के ज्यादातर कलाकार इस आंदोलन का जमकर समर्थन कर रहे हैं और बहुत से गायकों ने आंदोलन को लेकर गीत भी बनाए हैं.
रविवार को ईटीवी भारत ने पंजाबी गायक इंद्रजीत निक्कू से किसान आंदोलन को लेकर बात की. जिसमें उन्होंने कहा कि वो किसानों के इस आंदोलन का खुलकर समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि किसान सड़कों पर हो, खेतों में हो, सीमा पर हो या लाल किले पर झंडा फहराने के लिए जा रहा हो हम हमेशा किसानों के साथ हैं.
कृषि कानून में ढेर सारी कमियां: इंद्रजीत निक्कू
इंद्रजीत निक्कू ने कहा कि किसान कृषि कानूनों में संशोधन के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है, क्योंकि इन कानूनों में इतनी सारी कमियां है जिन्हें संशोधन के जरिए ठीक नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि ये बात समझ से बाहर है कि सरकार को इन कानूनों को रद्द करने में और नया कानून बनाने में क्या समस्या है.
इंद्रजीत निक्कू ने कहा कि इन कानूनों को लेकर भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विरोध किया जा रहा है. अगर ये कानून सही होते तो लाखों लोग इसके विरोध में ना उतरे होते. उन्होंने कहा कि आज का किसान अनपढ़ नहीं है बल्कि पढ़ा लिखा और समझदार है और हमारे देश के किसानों के बच्चे नासा जैसी संस्थाओं में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज किसानों के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं इसलिए सरकार किसानों को बेवकूफ समझने की गलती ना करे.
सरकार जानकर किसानों पर खालिस्तानी होने का आरोप लगा रही है: इंद्रजीत निक्कू
वहीं जब इंद्रजीत निक्कू से इस आंदोलन में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा फंडिंग किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सिख समुदाय हमेशा से लोगों की सेवा करता आया है. देश ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी देश में अगर कोई आपदा आती है तो सबसे पहले सिख संस्थाओं के लोग वहां पहुंच जाते हैं और लोगों की सेवा करते हैं.
उस वक्त कोई सरकार ये नहीं पूछती के सिख समुदाय लोगों की सेवा करने के लिए पैसे कहां से ला रहा है, तब विदेशों में बसे हमारे भाई बहन हमें फंडिंग करते हैं ताकि हम लोगों की सेवा कर सकें. और आज जब हमारे वही भाई-बहन हमें आंदोलन मैं किसानों की सेवा के लिए पैसे भेज रहे हैं तब सरकार हमारे ऊपर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप लगा रही है.
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इंद्रजीत निक्कू ने कहा कि आज का किसान पढ़ा लिखा है और गांव से उठकर लोग आज कई देशों की संसद तक पहुंच गए हैं. सरकार ये आरोप लगा रही है कि गायक गीतों के माध्यम से किसानों को भड़का रहे हैं लेकिन आज किसान समझदार है और वो अपना अच्छा, बुरा भली-भांति समझता है. किसान आंदोलन उनकी खेती और उनके लिए जीवन और मौत का सवाल है इसलिए किसान आज सड़कों पर बैठा है, न की हमारे गीतों की वजह से.