चंडीगढ़: फरीदाबाद के तिगांव विधानसभा क्षेत्र में आगरा नहर सेक्टर 8 से गांव घरोड़ा तक एमआईटीसी मुख्य चैनल के उपलब्ध आरओडब्ल्यू के भीतर चार लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने स्वीकृति दी है. केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री राजेश नागर और पूर्व मंत्री एवं विधायक मूलचंद शर्मा तथा आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों ने इसकी मांग की थी. बताया जा रहा है कि सड़क पर लगभग 81 करोड़ रुपये खर्च आएगा.
तिगांव को मुख्यमंत्री नायब सैनी की सौगात: इस संबंध में अधीक्षण अभियंता, गुरुग्राम सर्कल, पीडब्ल्यूडी बी एंड आर शाखा, गुरुग्राम ने प्रस्तुत किया था कि एचएसएमआईटीसी ने फरीदाबाद में लगभग 30 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की थी और एक मुख्य चैनल का निर्माण किया था. जिसे एमआईटीसी चैनल नंबर 1 कहा जाता है. ये फरीदाबाद जिले में बनाया गया है. भारी नुकसान होने के कारण एचएसएमआईटीसी की गतिविधियां औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25-0 के तहत 30 जून 2002 को बंद कर दी गई थीं.
जिसके बाद चैनल की कुछ भूमि पर स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण कर लिया. 13.490 किलोमीटर लंबाई में 23.46 मीटर चौड़ी पट्टी के साथ एमआईटीसी चैनल नंबर 1 की लगभग 30 हेक्टेयर भूमि है.
मंझावली में यमुना पर पुल का निर्माण पूरा: उन्होंने बताया गया कि मंझावली में यमुना पर पुल का निर्माण पूरा हो चुका है और इसके निर्माण के बाद फरीदाबाद मंझावली रोड पर यातायात की तीव्रता में भारी वृद्धि होगी, जिससे जाम की स्थिति पैदा होगी, क्योंकि ये सड़क कई गांवों से होकर गुजरती है. इस समस्या के समाधान के लिए, एमआईटीसी की भूमि का उपयोग फरीदाबाद को मंझावली और नोएडा से गांव घरोड़ा के माध्यम से जोड़ने के लिए नई सड़क के विकास के लिए किया जा सकता है और ये विभिन्न गांवों यानी मिर्जापुर, नीमका, तिगांव, भैंसरावली, रायपुर कलां और घरोड़ा आदि के लिए बाईपास के रूप में भी काम करेगी.
अच्छी सड़क के जरिए गावों को शहरों से जोड़ा जाएगा: इन गांवों को मौजूदा सड़कों के नेटवर्क के माध्यम से प्रस्तावित कॉरिडोर से भी जोड़ा जाएगा. इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, जिला फरीदाबाद के तिगांव विधानसभा क्षेत्र में खाली एचएसएमआईटीसी चैनल नंबर 1 पर नई सड़क का प्रस्ताव है. प्रस्तावित सड़क डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से होकर गुजरती है और वर्तमान में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में 2 मीटर और 3 मीटर चौड़ाई वाले 2 वीयूपी प्रदान किए गए हैं. 4 लेन सड़क के निर्माण के लिए, यहां प्रत्येक 9 मीटर चौड़ाई के न्यूनतम 2 वीयूपी की आवश्यकता होगी. साथ ही मामले में आगे बढ़ने से पहले, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की 30 हेक्टेयर भूमि को सरकारी विभागों के बीच भूमि हस्तांतरण के लिए 2021 की मौजूदा नीति के अनुसार पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) को हस्तांतरित किया जाना आवश्यक होगा.