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मुस्लिम संगठन ने की वक्फ संशोधन बिल की सरहाना, इसे ऐतिहासिक कदम और एक नई शुरुआत बताया - WAQF AMENDMENT BILL 2024

संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के लिए BJP नीत एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया.

Muslim Rashtriya Manch
जगदिबिंका पाल से मिला मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के डेलिगेशन (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 28, 2025, 7:16 PM IST

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया और विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए हर बदलाव को नकार दिया. जेपीसी ने घोषणा की कि मसौदा रिपोर्ट को 29 जनवरी को औपचारिक रूप से अपना लिया जाएगा.

इस बीच मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने वक्फ संशोधन का समर्थन किया है. इस संबंध में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक शाहिद सईद ने मंगलवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को मंजूरी मिलने का स्वागत किया और इसे वंचित समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

हेल्थ और शिक्षा जैसे क्षेत्र में होगा इस्तेमाल
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सईद के हवाले से कहा, "यह विधेयक बुनियादी सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वंचित और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए एक प्रभावी साधन होगा. वक्फ संपत्तियां अब धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि अब इनका इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार जैसे क्षेत्रों के लिए किया जा सकेगा."

महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी
विधेयक की प्रशंसा करते हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला विंग की प्रमुख और राष्ट्रीय संयोजक शालिनी अली ने कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट में ट्रांसपेरेंसी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी. उन्होंने जोर दिया कि विधेयक को अप्रूवल मिलने से समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा, "यह विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है, समाज में समानता और समृद्धि को बढ़ावा देता है. इसमें समाज के सभी वर्गों को शामिल करने और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए."

समाज के लिए एक नई शुरुआत
इस बीच मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक प्रमुख सदस्य शाहिद अख्तर ने वक्फ संशोधन विधेयक को सामाजिक समानता और विकास के लिए एक 'ऐतिहासिक कदम' बताया और कहा कि यह समाज के लिए एक नई शुरुआत है.

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विधेयक की प्रासंगिकता के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए पूरे देश में 1,000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसमें कहा गया है कि विभिन्न मुस्लिम राष्ट्रीय मंच संगठनों के 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने जेपीसी के समक्ष तर्क पेश किए.

बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को पिछले साल अगस्त में 21 सदस्यीय जेपीसी के पास भेजा गया था. इस विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों में बदलाव लाना, वक्फ संपत्तियों का सर्वे करना और वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करके अतिक्रमण हटाना है.

यह भी पढ़ें- वक्फ संशोधन बिल को JPC की मंजूरी, NDA के सभी संशोधन स्वीकार, विपक्ष का हर बदलाव खारिज

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया और विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए हर बदलाव को नकार दिया. जेपीसी ने घोषणा की कि मसौदा रिपोर्ट को 29 जनवरी को औपचारिक रूप से अपना लिया जाएगा.

इस बीच मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने वक्फ संशोधन का समर्थन किया है. इस संबंध में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक शाहिद सईद ने मंगलवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को मंजूरी मिलने का स्वागत किया और इसे वंचित समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

हेल्थ और शिक्षा जैसे क्षेत्र में होगा इस्तेमाल
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सईद के हवाले से कहा, "यह विधेयक बुनियादी सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वंचित और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए एक प्रभावी साधन होगा. वक्फ संपत्तियां अब धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि अब इनका इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार जैसे क्षेत्रों के लिए किया जा सकेगा."

महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी
विधेयक की प्रशंसा करते हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला विंग की प्रमुख और राष्ट्रीय संयोजक शालिनी अली ने कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट में ट्रांसपेरेंसी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी. उन्होंने जोर दिया कि विधेयक को अप्रूवल मिलने से समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा, "यह विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है, समाज में समानता और समृद्धि को बढ़ावा देता है. इसमें समाज के सभी वर्गों को शामिल करने और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए."

समाज के लिए एक नई शुरुआत
इस बीच मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक प्रमुख सदस्य शाहिद अख्तर ने वक्फ संशोधन विधेयक को सामाजिक समानता और विकास के लिए एक 'ऐतिहासिक कदम' बताया और कहा कि यह समाज के लिए एक नई शुरुआत है.

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विधेयक की प्रासंगिकता के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए पूरे देश में 1,000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसमें कहा गया है कि विभिन्न मुस्लिम राष्ट्रीय मंच संगठनों के 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने जेपीसी के समक्ष तर्क पेश किए.

बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को पिछले साल अगस्त में 21 सदस्यीय जेपीसी के पास भेजा गया था. इस विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों में बदलाव लाना, वक्फ संपत्तियों का सर्वे करना और वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करके अतिक्रमण हटाना है.

यह भी पढ़ें- वक्फ संशोधन बिल को JPC की मंजूरी, NDA के सभी संशोधन स्वीकार, विपक्ष का हर बदलाव खारिज

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