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हरियाणा बजट से इस बार ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं, जानिए क्या कह रहे हैं अर्थशास्त्री - हरियाणा बजट 2021 न्यूज

अर्थशास्त्री बिमल अंजुम ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार जनता को कोई बड़ा राहत देने की स्थिति में नहीं है. अगर प्रदेश सरकार प्रदेश के लोगों को कोई राहत देना चाहती है तो वैट में राहत दे सकती है, मगर इन हालात में इससे भी छेड़छाड़ मुश्किलों भरा हो सकता है.

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अर्थशास्त्री बिमल अंजुम ने ईटीवी भारत से हरियाणा बजट में सरकार की चुनौतियों पर राय दी
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Published : Feb 17, 2021, 2:11 PM IST

Updated : Mar 11, 2021, 10:53 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का बजट शुक्रवार को पेश होने जा रहा है, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर वित्त मंत्री के तौर पर अपना दूसरा बजट पेश करेंगे. मुख्यमंत्री के सामने बजट में कोरोना काल के बीच इन लोगों को राहत देना सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहेगा. ऐसे में ईटीवी भारत ने अर्थशास्त्री विमल अंजुम से जाना कि आज की परिस्थिति में सरकार कैसा बजट ला सकते हैं.

माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार ने टैक्स जोड़कर पहले से खराब हालत से गुजर रही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को कुछ गति देने का काम कर सकती है, लेकिन इन हालात में लोगो पर अतिरिक्त बोझ डालना भी बेहद मुश्किल रह सकता है. ऐसे में अर्थशास्त्री का कहना है कि किसी भी सेक्टर से राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती.

अर्थशास्त्री बिमल अंजुम ईटीवी भारत से हरियाणा बजट में सरकार की चुनौतियों पर क्या बोले, देखिए वीडियो

'कृषि बजट को 20 फीसदी देना संभव नहीं'

कृषि बजट में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी के कृषि मंत्री के दावे पर अर्थशास्त्री विमल अंजुम का कहना है कि अगर सरकार कृषि क्षेत्र में इतनी बड़ी राहत देती है तो अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी. इस बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा में सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत रहेगी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लाया जा रहा है. केंद्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा को भी नई शिक्षा नीति को लागू करना होगा.

ये पढ़ें- हरियाणा के बजट में कृषि के लिए होगी 20 प्रतिशत की वृद्धि- कृषि मंत्री

अर्थशास्त्री प्रोफेसर विमल अंजुम ने बताया कि इस बजट से राहत पैकेज आने वाला नहीं है, क्योंकि पिछले बजट में भी राजकोषीय घाटा था जोकि 1.67 के करीब था. इस बार ढाई से 3 प्रतिशत तक पहुचेंगा. उन्होंने बताया कि पिछले बजट में भी रेवेन्यू और एक्सपेंसिस थे उनमें काफी अंतर देखने को मिला था जो कि 15 हजार करोड़ का डिफिस्ट लोन के चलते था, वो अभी भी जारी रहेगा.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में घाटों को पूरा करने एवं राहत को लेकर लिए गए अतरिक्त कर्ज लिया गया था. जीएसटी लॉस के भी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि जीएसटी कॉउंसिल की तरफ से मिलने वाले पैसे को लेकर जो ऑप्शन सरकार की तरफ से राज्य सरकार को दी गई थी. राज्य सरकार उन दोनों को ही ठीक तरीके से एक्सरसाइज नहीं कर पाई.

कहां बढ़ाये जा सकते है अतिरिक्त कर?

प्रोफेसर विमल अंजुम के अनुसार सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर और लीकर पर अतिरिक्त वेट जोड़ा जा सकता है. अगर प्रदेश सरकार प्रदेश के लोगों को कोई राहत देना चाहती है तो वैट में राहत दी जा सकती है, मगर इन हालात में इससे छेड़छाड़ मुश्किलों भरा हो सकता है.

ये पढ़ें- बिगड़ा बजट: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से चढ़े सब्जियों के भाव

वैक्सीन को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला

अर्थशास्त्री विमल अंजुम ने कहा कि सरकार इस बजट में कोरोना वैक्सीन आमजन तक पहुंचाने को लेकर कोई नया फैसला ले सकती है. उनका अनुमान है कि केंद्र सरकार की तरह प्रदेश सरकार वैक्सीन में राहत को लेकर कोई फैसला कर सकती है.

'GST कलेक्शन बढ़ाने के लिए सर्विस सेक्टर को दें राहत'

उन्होंने कहा कि अतिरिक्त कर्ज राज्य सरकार की तरफ से आने वाले समय में लिया जा सकता है. यह भी उम्मीद जताई जा सकती है. सरकार की तरफ से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को और अधिक राहत देने को लेकर कदम उठाए जा सकते हैं. मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को बढ़ावा देने के साथ ही सरकार को राजस्व की बड़ी प्राप्तियां होंगी. जीएसटी कलेक्शन में हरियाणा 4 से 5 वें स्थान पर है. ऐसे में सर्विस सेक्टर में जो सरकार की तरफ से कंडीशन लगाई गई है उनमें राहत देने की जरूरत है ताकि इन्वेस्टमेंट बढ़ने के साथ राजस्व प्राप्तियां हो और जीएसटी कलेक्शन बढ़े.

गौरतलब है कि हाल ही में हरियाणा के कृषि मंत्री की तरफ से उम्मीद जताई थी कि हरियाणा में कृषि का बजट 20 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. हालांकि अर्थशास्त्री मानते हैं कि हरियाणा में अगर कृषि क्षेत्र में इन हालातो में इतनी वृद्धि रहती है, तो सरकार के लिए बजट में मुश्किलें हो सकती है. हालांकि शिक्षा और स्वास्थ्य की तरफ विशेष ध्यान देना होगा ये भी सरकार को सुझाव दिए जा रहे है.

ये भी पढ़ें- आज फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, पढ़ें खबर

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का बजट शुक्रवार को पेश होने जा रहा है, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर वित्त मंत्री के तौर पर अपना दूसरा बजट पेश करेंगे. मुख्यमंत्री के सामने बजट में कोरोना काल के बीच इन लोगों को राहत देना सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहेगा. ऐसे में ईटीवी भारत ने अर्थशास्त्री विमल अंजुम से जाना कि आज की परिस्थिति में सरकार कैसा बजट ला सकते हैं.

माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार ने टैक्स जोड़कर पहले से खराब हालत से गुजर रही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को कुछ गति देने का काम कर सकती है, लेकिन इन हालात में लोगो पर अतिरिक्त बोझ डालना भी बेहद मुश्किल रह सकता है. ऐसे में अर्थशास्त्री का कहना है कि किसी भी सेक्टर से राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती.

अर्थशास्त्री बिमल अंजुम ईटीवी भारत से हरियाणा बजट में सरकार की चुनौतियों पर क्या बोले, देखिए वीडियो

'कृषि बजट को 20 फीसदी देना संभव नहीं'

कृषि बजट में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी के कृषि मंत्री के दावे पर अर्थशास्त्री विमल अंजुम का कहना है कि अगर सरकार कृषि क्षेत्र में इतनी बड़ी राहत देती है तो अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी. इस बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा में सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत रहेगी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लाया जा रहा है. केंद्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा को भी नई शिक्षा नीति को लागू करना होगा.

ये पढ़ें- हरियाणा के बजट में कृषि के लिए होगी 20 प्रतिशत की वृद्धि- कृषि मंत्री

अर्थशास्त्री प्रोफेसर विमल अंजुम ने बताया कि इस बजट से राहत पैकेज आने वाला नहीं है, क्योंकि पिछले बजट में भी राजकोषीय घाटा था जोकि 1.67 के करीब था. इस बार ढाई से 3 प्रतिशत तक पहुचेंगा. उन्होंने बताया कि पिछले बजट में भी रेवेन्यू और एक्सपेंसिस थे उनमें काफी अंतर देखने को मिला था जो कि 15 हजार करोड़ का डिफिस्ट लोन के चलते था, वो अभी भी जारी रहेगा.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में घाटों को पूरा करने एवं राहत को लेकर लिए गए अतरिक्त कर्ज लिया गया था. जीएसटी लॉस के भी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि जीएसटी कॉउंसिल की तरफ से मिलने वाले पैसे को लेकर जो ऑप्शन सरकार की तरफ से राज्य सरकार को दी गई थी. राज्य सरकार उन दोनों को ही ठीक तरीके से एक्सरसाइज नहीं कर पाई.

कहां बढ़ाये जा सकते है अतिरिक्त कर?

प्रोफेसर विमल अंजुम के अनुसार सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर और लीकर पर अतिरिक्त वेट जोड़ा जा सकता है. अगर प्रदेश सरकार प्रदेश के लोगों को कोई राहत देना चाहती है तो वैट में राहत दी जा सकती है, मगर इन हालात में इससे छेड़छाड़ मुश्किलों भरा हो सकता है.

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वैक्सीन को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला

अर्थशास्त्री विमल अंजुम ने कहा कि सरकार इस बजट में कोरोना वैक्सीन आमजन तक पहुंचाने को लेकर कोई नया फैसला ले सकती है. उनका अनुमान है कि केंद्र सरकार की तरह प्रदेश सरकार वैक्सीन में राहत को लेकर कोई फैसला कर सकती है.

'GST कलेक्शन बढ़ाने के लिए सर्विस सेक्टर को दें राहत'

उन्होंने कहा कि अतिरिक्त कर्ज राज्य सरकार की तरफ से आने वाले समय में लिया जा सकता है. यह भी उम्मीद जताई जा सकती है. सरकार की तरफ से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को और अधिक राहत देने को लेकर कदम उठाए जा सकते हैं. मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को बढ़ावा देने के साथ ही सरकार को राजस्व की बड़ी प्राप्तियां होंगी. जीएसटी कलेक्शन में हरियाणा 4 से 5 वें स्थान पर है. ऐसे में सर्विस सेक्टर में जो सरकार की तरफ से कंडीशन लगाई गई है उनमें राहत देने की जरूरत है ताकि इन्वेस्टमेंट बढ़ने के साथ राजस्व प्राप्तियां हो और जीएसटी कलेक्शन बढ़े.

गौरतलब है कि हाल ही में हरियाणा के कृषि मंत्री की तरफ से उम्मीद जताई थी कि हरियाणा में कृषि का बजट 20 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. हालांकि अर्थशास्त्री मानते हैं कि हरियाणा में अगर कृषि क्षेत्र में इन हालातो में इतनी वृद्धि रहती है, तो सरकार के लिए बजट में मुश्किलें हो सकती है. हालांकि शिक्षा और स्वास्थ्य की तरफ विशेष ध्यान देना होगा ये भी सरकार को सुझाव दिए जा रहे है.

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Last Updated : Mar 11, 2021, 10:53 PM IST
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