चंडीगढ़: अर्जुन अवॉर्ड के लिए चयन नहीं होने पर भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव का आरोप लगाया है. दीपिका ने अवॉर्ड कमेटी के इस रवैये के खिलाफ मंत्रालय में शिकायत दर्ज करवाई है. उन्होंने कहा है कि यदि मंत्रालय से न्याय नहीं मिला तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी.
लगाया भेदभाव करने का आरोप
आपको बता दें कि दीपिका ठाकुर ने भी अर्जुन अवॉर्ड के लिए आवेदन किया था. लेकिन हॉकी में पुरुष टीम के चिंगलेनसाना का ही चयन हुआ है. जिसके बाद दीपिका ने नाराजगी जताते हुए अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि चिंगलेनसाना को उत्तर-पूर्वी का होने के कारण अवॉर्ड दिया गया.
पहले भी लगे थे ऐसे आरोप
आपको बता दें कि पिछले साल भी पहलवान बजरंग पूनिया को खेलरत्न नहीं मिलने पर अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव के आरोप लगे थे. इस साल भी अवॉर्डों की घोषणा के बाद विवाद फिर से शुरू हो गया है.
उठाए यह सवाल
भारतीय टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने यह भी सवाल उठाया है कि एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल जीतने वाली हॉकी टीम के खिलाड़ी को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया है और जबकि उन्हें सिल्वर मेडल जीतने और ओलंपिक में खेलने के बावजूद दरकिनार कर दिया गया.
'खेल मंत्रालय के नियम की अनदेखी की'
दीपिका ने कहा कि खेल मंत्रालय का नियम भी है कि किसी भी टीम इवेंट में एक को अवॉर्ड नहीं मिल सकता है और महिला-पुरुष दोनों को मिलना चाहिए. केवल एक को उस परिस्थिति में अवॉर्ड मिल सकता है, जब महिला या पुरुष में किसी का आवेदन न आया हो.
देश के लिये दीपिका का ये योगदान है
आपको बता दें कि दीपिका देश के लिए 250 मैच खेल चुकी हैं और लंबे समय तक महिला हॉकी टीम की उप कप्तान रही हैं. कई मुकाबलों में उन्होंने टीम की कप्तानी भी की है. उन्हीं की कप्तानी में भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियन गेम्स 2018 में सिल्वर मेडल तो 2014 में ब्रांज मेडल जीता है. 2015 में वह बेस्ट प्लेयर और 2014 में बेस्ट डिफेंडर अवॉर्ड जीत चुकी हैं.