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पूर्व हॉकी कप्तान दीपिका ठाकुर ने अवॉर्ड कमेटी पर लगाया भेदभाव का आरोप, कहा- जाऊंगी कोर्ट

अर्जुन अवॉर्ड में चयन न होने के कारण भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव का आरोप लगाया है. उन्होंने इस विषय को लेकर मंत्रालय को शिकायत कर दी है. अगर मंत्रालय में भी कार्रवाई नहीं हुई तो यह कदम उठाएंगी दीपिका ठाकुर.

deepika thakur allegation of discrimination on award committee
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Published : Aug 20, 2019, 1:14 PM IST

चंडीगढ़: अर्जुन अवॉर्ड के लिए चयन नहीं होने पर भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव का आरोप लगाया है. दीपिका ने अवॉर्ड कमेटी के इस रवैये के खिलाफ मंत्रालय में शिकायत दर्ज करवाई है. उन्होंने कहा है कि यदि मंत्रालय से न्याय नहीं मिला तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी.

लगाया भेदभाव करने का आरोप

आपको बता दें कि दीपिका ठाकुर ने भी अर्जुन अवॉर्ड के लिए आवेदन किया था. लेकिन हॉकी में पुरुष टीम के चिंगलेनसाना का ही चयन हुआ है. जिसके बाद दीपिका ने नाराजगी जताते हुए अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि चिंगलेनसाना को उत्तर-पूर्वी का होने के कारण अवॉर्ड दिया गया.

पहले भी लगे थे ऐसे आरोप

आपको बता दें कि पिछले साल भी पहलवान बजरंग पूनिया को खेलरत्न नहीं मिलने पर अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव के आरोप लगे थे. इस साल भी अवॉर्डों की घोषणा के बाद विवाद फिर से शुरू हो गया है.

उठाए यह सवाल

भारतीय टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने यह भी सवाल उठाया है कि एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल जीतने वाली हॉकी टीम के खिलाड़ी को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया है और जबकि उन्हें सिल्वर मेडल जीतने और ओलंपिक में खेलने के बावजूद दरकिनार कर दिया गया.

'खेल मंत्रालय के नियम की अनदेखी की'

दीपिका ने कहा कि खेल मंत्रालय का नियम भी है कि किसी भी टीम इवेंट में एक को अवॉर्ड नहीं मिल सकता है और महिला-पुरुष दोनों को मिलना चाहिए. केवल एक को उस परिस्थिति में अवॉर्ड मिल सकता है, जब महिला या पुरुष में किसी का आवेदन न आया हो.

देश के लिये दीपिका का ये योगदान है

आपको बता दें कि दीपिका देश के लिए 250 मैच खेल चुकी हैं और लंबे समय तक महिला हॉकी टीम की उप कप्तान रही हैं. कई मुकाबलों में उन्होंने टीम की कप्तानी भी की है. उन्हीं की कप्तानी में भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियन गेम्स 2018 में सिल्वर मेडल तो 2014 में ब्रांज मेडल जीता है. 2015 में वह बेस्ट प्लेयर और 2014 में बेस्ट डिफेंडर अवॉर्ड जीत चुकी हैं.

चंडीगढ़: अर्जुन अवॉर्ड के लिए चयन नहीं होने पर भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव का आरोप लगाया है. दीपिका ने अवॉर्ड कमेटी के इस रवैये के खिलाफ मंत्रालय में शिकायत दर्ज करवाई है. उन्होंने कहा है कि यदि मंत्रालय से न्याय नहीं मिला तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी.

लगाया भेदभाव करने का आरोप

आपको बता दें कि दीपिका ठाकुर ने भी अर्जुन अवॉर्ड के लिए आवेदन किया था. लेकिन हॉकी में पुरुष टीम के चिंगलेनसाना का ही चयन हुआ है. जिसके बाद दीपिका ने नाराजगी जताते हुए अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि चिंगलेनसाना को उत्तर-पूर्वी का होने के कारण अवॉर्ड दिया गया.

पहले भी लगे थे ऐसे आरोप

आपको बता दें कि पिछले साल भी पहलवान बजरंग पूनिया को खेलरत्न नहीं मिलने पर अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव के आरोप लगे थे. इस साल भी अवॉर्डों की घोषणा के बाद विवाद फिर से शुरू हो गया है.

उठाए यह सवाल

भारतीय टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने यह भी सवाल उठाया है कि एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल जीतने वाली हॉकी टीम के खिलाड़ी को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया है और जबकि उन्हें सिल्वर मेडल जीतने और ओलंपिक में खेलने के बावजूद दरकिनार कर दिया गया.

'खेल मंत्रालय के नियम की अनदेखी की'

दीपिका ने कहा कि खेल मंत्रालय का नियम भी है कि किसी भी टीम इवेंट में एक को अवॉर्ड नहीं मिल सकता है और महिला-पुरुष दोनों को मिलना चाहिए. केवल एक को उस परिस्थिति में अवॉर्ड मिल सकता है, जब महिला या पुरुष में किसी का आवेदन न आया हो.

देश के लिये दीपिका का ये योगदान है

आपको बता दें कि दीपिका देश के लिए 250 मैच खेल चुकी हैं और लंबे समय तक महिला हॉकी टीम की उप कप्तान रही हैं. कई मुकाबलों में उन्होंने टीम की कप्तानी भी की है. उन्हीं की कप्तानी में भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियन गेम्स 2018 में सिल्वर मेडल तो 2014 में ब्रांज मेडल जीता है. 2015 में वह बेस्ट प्लेयर और 2014 में बेस्ट डिफेंडर अवॉर्ड जीत चुकी हैं.

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अर्जुन अवार्ड के लिए चयन न होने पर भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने अवार्ड कमेटी पर भेदभाव का आरोप लगाया है। दीपिका ने अपने दावे के संबंध में सभी रिकॉर्ड और नियमों के साथ इस संबंध में मंत्रालय में शिकायत दर्ज करवाई है। मंत्रालय से न्याय नहीं मिलने पर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है।

पिछले साल पहलवान बजरंग पूनिया को खेलरत्न नहीं मिलने पर अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव के आरोप लगे थे। इस बार भी अवॉर्डों की घोषणा के बाद फिर विवाद शुरू हो गया है।

भारतीय हॉकी टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने भी अर्जुन अवार्ड के लिए आवेदन किया था। लेकिन हॉकी में पुरुष टीम के चिंगलेनसाना का चयन हुआ है। इस पर दीपिका ने नाराजगी जताते हुए अवॉर्ड कमेटी पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि चिंगलेनसाना को उत्तर-पूर्व का होने के कारण अवॉर्ड दिया गया है। 



ये उठाया सवाल

भारतीय टीम की पूर्व कप्तान दीपिका ठाकुर ने सवाल उठाया है कि एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल जीतने वाली हॉकी टीम के खिलाड़ी को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया है। उन्हें सिल्वर मेडल जीतने और ओलंपिक खेलने पर भी दरकिनार कर दिया गया। 

दीपिका ने कहा कि खेल मंत्रालय का नियम भी है कि किसी भी टीम इवेंट में एक को अवॉर्ड नहीं मिल सकता है और महिला-पुरुष दोनों को मिलना चाहिए। केवल एक को उस परिस्थिति में अवॉर्ड मिल सकता है, जब महिला या पुरुष में किसी का आवेदन न आया हो। दीपिका ने कहा कि मंत्रालय से न्याय नहीं मिला तो वह कोर्ट जाएंगी।

दीपिका का करियर

दीपिका देश के लिए 250 मैच खेल चुकी हैं और लंबे समय तक महिला हॉकी टीम की उप कप्तान रही हैं। कई मुकाबलों में उन्होंने टीम की कप्तानी भी की है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियन गेम्स 2018 में सिल्वर मेडल तो 2014 में ब्रांज मेडल जीता है। 



दोनों बार दीपिका ने टीम में रहते हुए अहम भूमिका निभाई है। वह रियो ओलंपिक में टीम के लिए खेलीं। 2015 में वह बेस्ट प्लेयर और 2014 में बेस्ट डिफेंडर अवॉर्ड जीत चुकी हैं। वर्ल्ड कप, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशिया कप, एशियन चैंपियन ट्राफी आदि में भी खेल चुकी है और इस समय भी टीम में खेल रहीं हैं।


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