चंडीगढ़ः टोल प्लाजा पर जाम से राहत के साथ पर्यावरण और समय बचाने के लिए सरकार की ओर से फास्ट टैग जरूरी किया जा रहा है. जिसको लेकर 1 दिसंबर तक सभी चालकों को अपनी गाड़ियों पर फास्ट टैग लगवाने समय दिया गया था. सरकार द्वारा वाहन पर फास्टैग की अनिवार्यता को लागू करने के फैसले के बाद वाहन मालिकों में अफरा-तफरी मच गई थी. इसी बीच केंद्र सरकार ने वाहन चालकों को राहत देते हुए फास्ट टैग लगवाने की तारीख आगे बढ़ा दी है. अब 1 दिसंबर की तारिख को बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दिया गया है.
टोल प्लाजा पर बढ़ी भीड़
केंद्र सरकार ने फास्टैग की अनिवार्यता 1 दिसंबर से लागू करने का फैसला किया था, जिसे अब बढ़ा 15 दिसंबर कर दिया गया है. इससे वाहन चालक और मालिकों को राहत की सांस मिली है. समय मिलने से लोग आसानी से वाहनों पर फास्टैग लगवा सकेंगे. गौरतलब है कि फास्टैग की अनिवार्यता लागू होने के बाद टोल प्लाजों पर लोगों की काफी भीड़ बढ़ गई, जिसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ये छूट प्रदान की है.
वक्त की बचत लेकिन डिजिटल पेमेंट समस्या!
केंद्र सरकार ने सभी टोल प्लाजा पर 15 दिसंबर से फास्ट टैग अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में जैसे-जैसे दिन नजदीक आ रहे हैं, टोल्स पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. लोगों का कहना है कि फास्टैग ठीक है, इससे वक्त की बचत होगी, लेकिन एक समस्या ये है कि जिन लोगों को डिजिटल पेमेंट के बारे में जानकारी नहीं है उन्हें दिक्कत होगी. इसके अलावा अगर किसी टोल पर स्कैनर में कोई खराबी है और फास्ट टैग को स्कैन नहीं कर पा रहा है तो वाहन चालक को कोई पैसा नहीं चुकाना होगा. वो फ्री में ही टोल से गुजर सकेगा.
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इन दस्तावेजों की जरूरत
फास्टैग लगवाने के लिए गाड़ी के मालिक की आरसी पैन कार्ड, एक फोटो और आधार कार्ड भी लिया जा रहा है. एक गाड़ी पर लगे फास्टैग की अवधि 5 साल बताई जा रही है. जहां पर इसको लेकर लोगों ने खुशी जाहिर की वहीं कुछ लोगों ने इसके विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की है. लोगों का कहना है कि पहले भी हमारे टोल के पास बने हुए हैं उनका क्या होगा.