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NCR प्लानिंग बोर्ड की बैठक में शामिल हुए सीएम, हिसार से दिल्ली तक रेलवे ट्रैक होगा फास्ट - हिसार से दिल्ली रेलवे फास्ट ट्रैक

दिल्ली में में NCR प्लानिंग बोर्ड की बैठक की बैठक हुई. इस बैठक में एनसीआर से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें अरावली से जुड़े मुद्दे, करनाल और जींद की सब डिवीजनल प्लानिंग बनाने शामिल हैं.

दिल्ली NCR प्लानिंग बोर्ड की बैठक
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Published : Sep 13, 2019, 7:14 PM IST

नई दिल्ली/चंडीगढ़: विज्ञान भवन में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की अहम बैठक हुई. इस बैठक में चार राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों को आना था, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ही इस बैठक में शिरकत की. सीएम मनोहर लाल अपने करनाल दौरे के बाद इस बैठक के पहुंचे.

46 प्रतिशत हरियाणा NCR में
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के 13 जिले एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में आते हैं. लगभग 46 प्रतिशत हरियाणा दिल्ली एनसीआर में आता है. बैठक में करनाल और जींद की सब डिवीजनल प्लानिंग पास कर दी गई.

काउंटर मैग्नेट टाउन हिसार और अंबाला
इस बैठक में काउंटर मैग्नेट टाउन हिसार और अंबाला को लिया गया है. हिसार से दिल्ली तक फास्ट रेलवे ट्रैक बनाया जाएगा जो हरियाणा का पहला ऐसा रेलवे ट्रैक होगा. इस बैठक में केएमपी प्रोजेक्ट की सराहना की भी गई. साथ ही इस बैठक में अरावली के जो प्रोजेक्ट लंबित थे, उनकी कमेटी बना कर उनको जल्द पूरा करने की बात भी की गई.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बयान

चरखी दादरी में धरने पर बैठे किसानों पर सीएम का बयान
इसी दौरान चरखी दादरी में धरने पर बैठे किसानों पर बोलते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि कई जिलों की जमीन नियमों के तहत एक्वायर की गई थी. मुआवजे के रेट को लेकर किसानों की शिकायतें थी. इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से किसानों की मुलाकात हो चुकी है. रेट बढ़ाने का अंतिम फैसला केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को लेना है. अगर किसी किसान को शिकायत है, तो आर्बिट्रेशन या कोर्ट में जा सकता हैं. इसमें हम कुछ नहीं कर सकते. बाकी जिलों में 80% मुआवजा बांटा जा चुका है.

ये भी पढ़ें:मंदी की मार: नेरोलेक पेंट्स ने 400 कर्मचारियों को निकाला, धरने पर बैठे लोग

साथ ही सीएम मनोहर लाल ने कहा कि खेड़की दौला टोल हटाने को लेकर जमीन अधिग्रहित कर ली गई है. इसमें कानूनी अड़चन है, जिसके हटने के बाद इसे शिफ्ट कर दिया जाएगा.

चुनाव आयोग के आदेश का होगा पालन
चुनाव आयोग में कांग्रेस की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी, जिसको लेकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो. जो भी फैसला होगा चुनाव आयोग के मुताबिक होगा लेकिन चुनाव के आदेश का पालन किया जाएगा.

नई दिल्ली/चंडीगढ़: विज्ञान भवन में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की अहम बैठक हुई. इस बैठक में चार राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों को आना था, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ही इस बैठक में शिरकत की. सीएम मनोहर लाल अपने करनाल दौरे के बाद इस बैठक के पहुंचे.

46 प्रतिशत हरियाणा NCR में
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के 13 जिले एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में आते हैं. लगभग 46 प्रतिशत हरियाणा दिल्ली एनसीआर में आता है. बैठक में करनाल और जींद की सब डिवीजनल प्लानिंग पास कर दी गई.

काउंटर मैग्नेट टाउन हिसार और अंबाला
इस बैठक में काउंटर मैग्नेट टाउन हिसार और अंबाला को लिया गया है. हिसार से दिल्ली तक फास्ट रेलवे ट्रैक बनाया जाएगा जो हरियाणा का पहला ऐसा रेलवे ट्रैक होगा. इस बैठक में केएमपी प्रोजेक्ट की सराहना की भी गई. साथ ही इस बैठक में अरावली के जो प्रोजेक्ट लंबित थे, उनकी कमेटी बना कर उनको जल्द पूरा करने की बात भी की गई.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बयान

चरखी दादरी में धरने पर बैठे किसानों पर सीएम का बयान
इसी दौरान चरखी दादरी में धरने पर बैठे किसानों पर बोलते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि कई जिलों की जमीन नियमों के तहत एक्वायर की गई थी. मुआवजे के रेट को लेकर किसानों की शिकायतें थी. इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से किसानों की मुलाकात हो चुकी है. रेट बढ़ाने का अंतिम फैसला केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को लेना है. अगर किसी किसान को शिकायत है, तो आर्बिट्रेशन या कोर्ट में जा सकता हैं. इसमें हम कुछ नहीं कर सकते. बाकी जिलों में 80% मुआवजा बांटा जा चुका है.

ये भी पढ़ें:मंदी की मार: नेरोलेक पेंट्स ने 400 कर्मचारियों को निकाला, धरने पर बैठे लोग

साथ ही सीएम मनोहर लाल ने कहा कि खेड़की दौला टोल हटाने को लेकर जमीन अधिग्रहित कर ली गई है. इसमें कानूनी अड़चन है, जिसके हटने के बाद इसे शिफ्ट कर दिया जाएगा.

चुनाव आयोग के आदेश का होगा पालन
चुनाव आयोग में कांग्रेस की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी, जिसको लेकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो. जो भी फैसला होगा चुनाव आयोग के मुताबिक होगा लेकिन चुनाव के आदेश का पालन किया जाएगा.

Intro:*हर्ष कुमार (हथीन)* – 32 वर्ष से चुनावी राजनीति में हैं और हथीन सीट पर 7 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 1987 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हर्ष कुमार 1996 में हविपा से और 2005 में हथीन से निर्दलीय विधायक बने। 2014 के विधानसभा चुनाव में वे सिर्फ 6000 वोटों से चुनाव हारे थे। वे 1996 में बंसीलाल सरकार में मंत्री भी रहे। जेजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।

*रामकुमार गौतम (नारनौंद)* – नारनौंद विधानसभा सीट पर 4 चुनाव लड़ चुके हैं। 2005 में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते जब पूरे हरियाणा में भाजपा के सिर्फ 2 विधायक बने थे। जेजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।

*अनूप धानक (उकलाना)* – 2014 में अपने पहले ही चुनाव में उकलाना विधानसभा सीट पर 41 प्रतिशत वोटों के साथ जीत दर्ज की। जेजेपी के गठन पर समर्थन देने वाले विधायकों में प्रमुख। जेजेपी ज्वाइन करने के लिए हाल ही में विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया।

*राव रमेश पालड़ी (महेंद्रगढ़)* – जेजेपी के महेंद्रगढ़ जिलाध्यक्ष हैं। इनेलो में भी कई वरिष्ठ पदों पर रहे।

*देवेंद्र कादियान (पानीपत ग्रामीण)* – जेजेपी के युवा नेता। उनके पिता सतबीर कादियान 1987, 1991 और 2000 में नौल्था सीट से विधायक बने जिसकी जगह परिसीमन में पानीपत ग्रामीण सीट बनी। सतबीर कादियान 2000 में बनी इनेलो सरकार में विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। देवेंद्र कादियान की मां बिमला कादियान ने भी पानीपत ग्रामीण सीट से 2009 में विधानसभा चुनाव लड़ा था।

*कमलेश सैणी (नारनौल)* – 2014 में नारनौल सीट पर इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 4 हजार वोटों से जीत से चूक गई। उनके ससुर भाना राम सैणी ने भी 2009 में नारनौल से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 3 हजार वोटों से चुनाव हारे थे।

*श्याम सुंदर सभरवाल (बावल)* – बावल सीट पर 2014 में इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और पहले ही चुनाव में उन्होंने लगभग 36 हजार वोट लिए थे। एमबीए और एलएलएम की पढ़ाई कर चुके श्याम सुंदर फिलहाल इनेलो के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के रेवाड़ी जिलाध्यक्ष हैं।Body:*हर्ष कुमार (हथीन)* – 32 वर्ष से चुनावी राजनीति में हैं और हथीन सीट पर 7 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 1987 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हर्ष कुमार 1996 में हविपा से और 2005 में हथीन से निर्दलीय विधायक बने। 2014 के विधानसभा चुनाव में वे सिर्फ 6000 वोटों से चुनाव हारे थे। वे 1996 में बंसीलाल सरकार में मंत्री भी रहे। जेजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।

*रामकुमार गौतम (नारनौंद)* – नारनौंद विधानसभा सीट पर 4 चुनाव लड़ चुके हैं। 2005 में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते जब पूरे हरियाणा में भाजपा के सिर्फ 2 विधायक बने थे। जेजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।

*अनूप धानक (उकलाना)* – 2014 में अपने पहले ही चुनाव में उकलाना विधानसभा सीट पर 41 प्रतिशत वोटों के साथ जीत दर्ज की। जेजेपी के गठन पर समर्थन देने वाले विधायकों में प्रमुख। जेजेपी ज्वाइन करने के लिए हाल ही में विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया।

*राव रमेश पालड़ी (महेंद्रगढ़)* – जेजेपी के महेंद्रगढ़ जिलाध्यक्ष हैं। इनेलो में भी कई वरिष्ठ पदों पर रहे।

*देवेंद्र कादियान (पानीपत ग्रामीण)* – जेजेपी के युवा नेता। उनके पिता सतबीर कादियान 1987, 1991 और 2000 में नौल्था सीट से विधायक बने जिसकी जगह परिसीमन में पानीपत ग्रामीण सीट बनी। सतबीर कादियान 2000 में बनी इनेलो सरकार में विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। देवेंद्र कादियान की मां बिमला कादियान ने भी पानीपत ग्रामीण सीट से 2009 में विधानसभा चुनाव लड़ा था।

*कमलेश सैणी (नारनौल)* – 2014 में नारनौल सीट पर इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 4 हजार वोटों से जीत से चूक गई। उनके ससुर भाना राम सैणी ने भी 2009 में नारनौल से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 3 हजार वोटों से चुनाव हारे थे।

*श्याम सुंदर सभरवाल (बावल)* – बावल सीट पर 2014 में इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और पहले ही चुनाव में उन्होंने लगभग 36 हजार वोट लिए थे। एमबीए और एलएलएम की पढ़ाई कर चुके श्याम सुंदर फिलहाल इनेलो के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के रेवाड़ी जिलाध्यक्ष हैं।Conclusion:
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