ETV Bharat / state

चंडीगढ़ निगम चुनाव के नतीजों का पंजाब विधानसभा चुनावों पर रहेगा कैसा असर? जानिए क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजों (Chandigarh Municipal Corporation Election Result) में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है. वहीं सत्ता में रही बीजेपी को झटका लगा है तो कांग्रेस भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजों के क्या मायने हैं और पंजाब विधानसभा चुनाव पर इसका क्या असर होगा, इसको लेकर ईटीवी भारत ने राजनीतिक मामलों के जानकारों से बातचीत की.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
Chandigarh Election effect on punjab assembly election
author img

By

Published : Dec 27, 2021, 8:33 PM IST

Updated : Dec 27, 2021, 8:38 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे (Chandigarh Municipal Corporation Election Result) सबके सामने आ गए हैं. इन चुनावों में पहली बार निगम चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी (AAP in chandigarh) ने शानदार प्रदर्शन किया है और उसके सबसे ज्यादा 14 पार्षद जीतने में कामयाब हुए हैं. वहीं सत्ता में रही बीजेपी के 12 पार्षद जीतने में सफल हुए हैं जबकि कांग्रेस के 8 पार्षद ही जीत पाए हैं. जबकि एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल की झोली में गया है. चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में बीजेपी के तीन पूर्व मेयर सियासी रण में मात खा गए. इसके साथ ही बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गज चेहरे चुनावी मैदान में असफल हुए. चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजों के क्या मायने हैं और पंजाब विधानसभा चुनाव पर इसका क्या असर होगा, इसको लेकर ईटीवी भारत ने राजनीतिक मामलों के जानकारों से बातचीत की.

राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि लोगों का जनादेश काफी कंफ्यूजन भरा है, और किसी को भी स्पष्ट जनादेश लोगों ने नहीं दिया है. वे कहते हैं कि बीजेपी पहले से ही नगर निगम पर काबिज थी और उनके खिलाफ एंटी कमबंसी फैक्टर काम कर गया, लेकिन कांग्रेस भी अपने कुनबे को बेहतर तरीके से नहीं संभाल पाई. उसके कई दिग्गज आम आदमी पार्टी में चले गए थे. जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है, भले ही वे पहली बार निगम चुनाव में उतरे हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में उनका उम्मीदवार पहले भी उतरा है.

चंडीगढ़ निगम चुनाव के नतीजों का पंजाब विधानसभा चुनावों पर रहेगा कैसा असर? जानिए क्या कहना है राजनीतिक विशेषज्ञ का

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ की जीत तो ट्रेलर है, पूरी फिल्म पंजाब में दिखाएंगे- प्रेम कुमार गर्ग

वे कहते हैं कि चंडीगढ़ पंजाब से सटा हुआ है और वहां आप ने पिछला विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, और अकाली दल से बेहतर स्थिति में थे इसलिए चंडीगढ़ में आप पार्टी अजनबी नहीं थी. हालांकि उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है. वे कहते हैं कि आम आदमी पार्टी सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है. उन्हें ज्यादा समर्थन की भी जरूरत नहीं है. ऐसे में हो सकता है कांग्रेस उन्हें सपोर्ट करें. आगे मेयर बनाने को लेकर और डिप्टी मेयर बनाने को लेकर क्या रणनीतियां पार्टी अपनाती है वो देखना होगा. आम आदमी पार्टी को जो जनादेश मिला है, इसको लेकर यहां की प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी को चिंतन करना चाहिए. आम आदमी पार्टी को भले ही यहां बहुमत ना मिला हो, लेकिन पंजाब के चुनाव के लिए वे उत्साहित जरूर होंगे. चंडीगढ़ दो-दो राज्यों की राजधानी है. ऐसे में यहां के नतीजों का सिग्नल तो दोनों राज्यों में जाता ही है.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने की थी कई जनसभाएं

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अगर नगर निगम में अब एक साथ हो जाती हैं तो इसका पंजाब में क्या असर पड़ेगा. इसको लेकर प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. क्योंकि कयास लगाने से कोई फायदा नहीं है, और वर्तमान में जो स्थिति दिख रही है वह पंजाब में खिचड़ी सरकार की ही दिखाई दे रही है. कांग्रेस निगम में बाहर से आम आदमी पार्टी को सपोर्ट जरूर कर सकती है, लेकिन पंजाब के संदर्भ में सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी पार्टी को ही दिखाई देता है. क्योंकि पंजाब में चुनाव प्रचार भी तेज हो गया है. हालांकि अभी पंजाब में स्थिति बहुत ही अजीब सी है. कुछ भी कहना सही नहीं है.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने जोर शोर से उठाया था गंदगी का मुद्दा

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में AAP नंबर वन, कुल 14 सीटें जीती, बीजेपी को 12 और कांग्रेस को मिली 8 सीटें

केजरीवाल भी वहां मुख्यमंत्री का चेहरा अभी तक घोषित नहीं कर पाए हैं तो ऐसे में स्थिति बड़ी असमंजस की है. इस बार नगर निगम चुनाव में बीजेपी अकाली दल से अलग होकर पहली बार लड़ी थी और ऐसा ही इस बार पंजाब में देखने को मिलेगा. हालांकि वे इस बार अमरिंदर सिंह की पार्टी और सुखदेव सिंह ढींडसा के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) (संयुक्त) के साथ जा रहे हैं. यानी पंजाब की जो राजनीति है इस वक्त बड़ी विचित्र सी बनी हुई है. ऐसे में किसका क्या असर होगा यह कहना जल्दबाजी होगी. हालांकि गुरमीत सिंह कहते हैं कि आम आदमी पार्टी जरूर चंडीगढ़ की सफलता को पंजाब में भुनाना चाहेगी और वहां पर ज्यादा ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
पंजाब चुनाव को लेकर हुई बैठक में शामिल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींडसा

इसी मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुखबीर बाजवा कहते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम के नतीजों का पंजाब के चुनावों में असर क्या होगा इसको लेकर चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन मेरा खुद का तजुर्बा कहता है कि इसका कुछ ज्यादा असर पंजाब के चुनावों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन आम आदमी पार्टी को इस बार पंजाब के चुनाव में एक नया मुद्दा जरूर मिल गया है. वह इस जीत को वहां के चुनाव में जरूर इस्तेमाल करेगी. आम आदमी पार्टी अब कहेगी कि हमने राजधानी में कब्जा किया है. अब वह पंजाब पर भी कब्जा करेंगे. वे कहते हैं कि चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी की जीतने की सबसे बड़ी वजह बीजेपी और कांग्रेस से जो लोग खफा थे वे उसमें शामिल हो गए. उनको नया विकल्प मिल गया. जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी को यहां पर सफलता मिली. पहले बीजेपी से नाराज होने वाला कांग्रेस में और कांग्रेस से नाराज होने वाला बीजेपी या अकाली दल में जाता था, लेकिन अब नया विकल्प मिल गया है. जिसके बाद ज्यादातर नाराज नेता आम आदमी पार्टी में चले गए.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
सीएम मनोहर लाल ने भी चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के लिए किया था प्रचार

ये भी पढ़ें- नतीजे उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे, हार के कारणों पर होगा मंथन- चंडीगढ़ BJP अध्यक्ष

सुखबीर बाजवा कहते हैं कि इसका पंजाब में इतना असर दिखाई नहीं देगा क्योंकि वहां पर बीजेपी और कैप्टन अमरिंदर सिंह मिलकर चुनावी मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस का भी चन्नी के नेतृत्व में मनोबल हाई हुआ है. हालांकि सिद्धू की बयानबाजी की वजह से कहीं ना कहीं उन्हें नुकसान भी हो रहा है. चंडीगढ़ के चुनाव में भी इन दोनों की आपसी फूट का असर देखने को मिला है. वे कहते हैं कि आम आदमी पार्टी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे सोशल मीडिया पर सरकार जल्दी बना लेते हैं. बाजवा कहते हैं कि जब चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में मेयर के लिए मतदान होगा तो बीजेपी किसी भी कीमत पर उस मौके को नहीं जाने देगी, क्रॉस वोटिंग जरूर होगी. अकाली दल भी इस समय बैकफुट पर है. मजीठिया केस की वजह से भले ही वे इसको ना कहें, लेकिन उसका असर कहीं ना कहीं अकाली दल पर पड़ा है. भले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह जीते या ना जीते, लेकिन उनमें किसी को भी हराने की कैपेसिटी है. अब किसान भी चुनाव मैदान में आ गए हैं तो ऐसे में पंजाब में किसी की भी जीत को लेकर कुछ कह पाना अभी संभव नहीं है.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
रणदीप सुरजेवाला चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में प्रचार करते हुए

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv BharatAPP

चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे (Chandigarh Municipal Corporation Election Result) सबके सामने आ गए हैं. इन चुनावों में पहली बार निगम चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी (AAP in chandigarh) ने शानदार प्रदर्शन किया है और उसके सबसे ज्यादा 14 पार्षद जीतने में कामयाब हुए हैं. वहीं सत्ता में रही बीजेपी के 12 पार्षद जीतने में सफल हुए हैं जबकि कांग्रेस के 8 पार्षद ही जीत पाए हैं. जबकि एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल की झोली में गया है. चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में बीजेपी के तीन पूर्व मेयर सियासी रण में मात खा गए. इसके साथ ही बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गज चेहरे चुनावी मैदान में असफल हुए. चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजों के क्या मायने हैं और पंजाब विधानसभा चुनाव पर इसका क्या असर होगा, इसको लेकर ईटीवी भारत ने राजनीतिक मामलों के जानकारों से बातचीत की.

राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि लोगों का जनादेश काफी कंफ्यूजन भरा है, और किसी को भी स्पष्ट जनादेश लोगों ने नहीं दिया है. वे कहते हैं कि बीजेपी पहले से ही नगर निगम पर काबिज थी और उनके खिलाफ एंटी कमबंसी फैक्टर काम कर गया, लेकिन कांग्रेस भी अपने कुनबे को बेहतर तरीके से नहीं संभाल पाई. उसके कई दिग्गज आम आदमी पार्टी में चले गए थे. जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है, भले ही वे पहली बार निगम चुनाव में उतरे हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में उनका उम्मीदवार पहले भी उतरा है.

चंडीगढ़ निगम चुनाव के नतीजों का पंजाब विधानसभा चुनावों पर रहेगा कैसा असर? जानिए क्या कहना है राजनीतिक विशेषज्ञ का

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ की जीत तो ट्रेलर है, पूरी फिल्म पंजाब में दिखाएंगे- प्रेम कुमार गर्ग

वे कहते हैं कि चंडीगढ़ पंजाब से सटा हुआ है और वहां आप ने पिछला विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, और अकाली दल से बेहतर स्थिति में थे इसलिए चंडीगढ़ में आप पार्टी अजनबी नहीं थी. हालांकि उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है. वे कहते हैं कि आम आदमी पार्टी सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है. उन्हें ज्यादा समर्थन की भी जरूरत नहीं है. ऐसे में हो सकता है कांग्रेस उन्हें सपोर्ट करें. आगे मेयर बनाने को लेकर और डिप्टी मेयर बनाने को लेकर क्या रणनीतियां पार्टी अपनाती है वो देखना होगा. आम आदमी पार्टी को जो जनादेश मिला है, इसको लेकर यहां की प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी को चिंतन करना चाहिए. आम आदमी पार्टी को भले ही यहां बहुमत ना मिला हो, लेकिन पंजाब के चुनाव के लिए वे उत्साहित जरूर होंगे. चंडीगढ़ दो-दो राज्यों की राजधानी है. ऐसे में यहां के नतीजों का सिग्नल तो दोनों राज्यों में जाता ही है.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने की थी कई जनसभाएं

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अगर नगर निगम में अब एक साथ हो जाती हैं तो इसका पंजाब में क्या असर पड़ेगा. इसको लेकर प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. क्योंकि कयास लगाने से कोई फायदा नहीं है, और वर्तमान में जो स्थिति दिख रही है वह पंजाब में खिचड़ी सरकार की ही दिखाई दे रही है. कांग्रेस निगम में बाहर से आम आदमी पार्टी को सपोर्ट जरूर कर सकती है, लेकिन पंजाब के संदर्भ में सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी पार्टी को ही दिखाई देता है. क्योंकि पंजाब में चुनाव प्रचार भी तेज हो गया है. हालांकि अभी पंजाब में स्थिति बहुत ही अजीब सी है. कुछ भी कहना सही नहीं है.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने जोर शोर से उठाया था गंदगी का मुद्दा

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में AAP नंबर वन, कुल 14 सीटें जीती, बीजेपी को 12 और कांग्रेस को मिली 8 सीटें

केजरीवाल भी वहां मुख्यमंत्री का चेहरा अभी तक घोषित नहीं कर पाए हैं तो ऐसे में स्थिति बड़ी असमंजस की है. इस बार नगर निगम चुनाव में बीजेपी अकाली दल से अलग होकर पहली बार लड़ी थी और ऐसा ही इस बार पंजाब में देखने को मिलेगा. हालांकि वे इस बार अमरिंदर सिंह की पार्टी और सुखदेव सिंह ढींडसा के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) (संयुक्त) के साथ जा रहे हैं. यानी पंजाब की जो राजनीति है इस वक्त बड़ी विचित्र सी बनी हुई है. ऐसे में किसका क्या असर होगा यह कहना जल्दबाजी होगी. हालांकि गुरमीत सिंह कहते हैं कि आम आदमी पार्टी जरूर चंडीगढ़ की सफलता को पंजाब में भुनाना चाहेगी और वहां पर ज्यादा ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
पंजाब चुनाव को लेकर हुई बैठक में शामिल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींडसा

इसी मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुखबीर बाजवा कहते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम के नतीजों का पंजाब के चुनावों में असर क्या होगा इसको लेकर चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन मेरा खुद का तजुर्बा कहता है कि इसका कुछ ज्यादा असर पंजाब के चुनावों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन आम आदमी पार्टी को इस बार पंजाब के चुनाव में एक नया मुद्दा जरूर मिल गया है. वह इस जीत को वहां के चुनाव में जरूर इस्तेमाल करेगी. आम आदमी पार्टी अब कहेगी कि हमने राजधानी में कब्जा किया है. अब वह पंजाब पर भी कब्जा करेंगे. वे कहते हैं कि चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी की जीतने की सबसे बड़ी वजह बीजेपी और कांग्रेस से जो लोग खफा थे वे उसमें शामिल हो गए. उनको नया विकल्प मिल गया. जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी को यहां पर सफलता मिली. पहले बीजेपी से नाराज होने वाला कांग्रेस में और कांग्रेस से नाराज होने वाला बीजेपी या अकाली दल में जाता था, लेकिन अब नया विकल्प मिल गया है. जिसके बाद ज्यादातर नाराज नेता आम आदमी पार्टी में चले गए.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
सीएम मनोहर लाल ने भी चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के लिए किया था प्रचार

ये भी पढ़ें- नतीजे उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे, हार के कारणों पर होगा मंथन- चंडीगढ़ BJP अध्यक्ष

सुखबीर बाजवा कहते हैं कि इसका पंजाब में इतना असर दिखाई नहीं देगा क्योंकि वहां पर बीजेपी और कैप्टन अमरिंदर सिंह मिलकर चुनावी मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस का भी चन्नी के नेतृत्व में मनोबल हाई हुआ है. हालांकि सिद्धू की बयानबाजी की वजह से कहीं ना कहीं उन्हें नुकसान भी हो रहा है. चंडीगढ़ के चुनाव में भी इन दोनों की आपसी फूट का असर देखने को मिला है. वे कहते हैं कि आम आदमी पार्टी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे सोशल मीडिया पर सरकार जल्दी बना लेते हैं. बाजवा कहते हैं कि जब चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में मेयर के लिए मतदान होगा तो बीजेपी किसी भी कीमत पर उस मौके को नहीं जाने देगी, क्रॉस वोटिंग जरूर होगी. अकाली दल भी इस समय बैकफुट पर है. मजीठिया केस की वजह से भले ही वे इसको ना कहें, लेकिन उसका असर कहीं ना कहीं अकाली दल पर पड़ा है. भले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह जीते या ना जीते, लेकिन उनमें किसी को भी हराने की कैपेसिटी है. अब किसान भी चुनाव मैदान में आ गए हैं तो ऐसे में पंजाब में किसी की भी जीत को लेकर कुछ कह पाना अभी संभव नहीं है.

Chandigarh Election effect on punjab assembly election
रणदीप सुरजेवाला चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में प्रचार करते हुए

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv BharatAPP

Last Updated : Dec 27, 2021, 8:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.