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हरियाणा के मंत्रिमंडल विस्तार में फंसा महाराष्ट्र का पेंच, ये वजह आई सामने

हरियाणा में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण हो चुका है, लेकिन अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है. अब इसके पीछे मुख्य कारण माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रही बीजेपी की माथापच्ची.

मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला
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Published : Nov 7, 2019, 4:28 PM IST

Updated : Nov 8, 2019, 12:33 PM IST

चंडीगढ़/दिल्ली: हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. हरियाणा में बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार भी बना ली है. इसमें खास बात ये है कि बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार तो बना ली, लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार अभी तक नहीं हुआ है. इसके पीछे मुख्य कारण माना जा रहा है महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी की माथापच्ची.

सीएम मनोहर की हाईकमान से नहीं हुई मुलाकात- सूत्र
मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले दो दिनों से दिल्ली में मौजूद हैं, लेकिन अभी तक हाईकमान से उनकी मुलाकात नहीं हुई है. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी हाईकमान इस समय महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर माथापच्ची कर रहा है और यही कारण है कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पाई है.

Cabinet expansion in Haryana is delayed due to Maharashtra
मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री (फाइल फोटो)

शिवसेना और बीजेपी का गतिरोध जारी
दरअसल, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक साथ हुए और एक साथ ही चुनाव परिणाम आए. दोनों ही राज्यों में बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ. हरियाणा में तो बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली, लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं.

50-50 के फॉर्मूले पर बीजेपी सहमत नहीं- सूत्र
बीजेपी और शिवसेना के बीच पूरा विवाद 50-50 फॉर्मूले को लेकर है. शिवसेना बार-बार बीजेपी को उसका वादा याद दिला ला रही है तो वहीं बीजेपी राजी होने को तैयार नहीं है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, 50-50 फॉर्मूले का मतलब सरकार में बराबरी की हिस्सेदारी से था. ढाई-ढाई साल के सीएम पद के लिए नहीं था. मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी पीछे हटने को तैयार नहीं है. बीजेपी को उम्मीद है कि शिवसेना से गतिरोध 8 नवंबर तक सुलझ जाएगा.

Cabinet expansion in Haryana is delayed due to Maharashtra
देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ेंः 14वीं विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, सदन में पेश हुए दो बिल

मंत्रियों पर फंसा पेंच
हरियाणा में सरकार तो बन चुकी है. मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री और दुष्यंत चौटाला ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ भी ले ली है, लेकिन गठबंधन सरकार में मंत्रियों को लेकर पेंच फंसा हुआ है. इसी को लेकर दिल्ली में हरियाणा भवन में बीजेपी की बैठकों का दौर जारी है. बीजेपी के दो मंत्रियों और मुख्यमंत्री को छोड़कर लगभग सभी दिग्गज चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में पार्टी के सामने एक नई चुनौती ये भी है कि नए चेहरों में से किसे मंत्री पद दिया जाए और किसे नहीं.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा
हालांकि चर्चा है कि बीजेपी की ओर से जेजेपी को दो मंत्री पद दिए जा सकते हैं. वहीं दो या तीन निर्दलीयों को भी मंत्री बनाया जा सकता है. बाकी के सभी मंत्री बीजेपी कोटे से होंगे. बचे निर्दलीय विधायकों को चेयरमैन और दूसरे पदों से संतुष्ट करने की कोशिश होगी.

ये भी पढ़ें- सत्र खत्म होते ही दिल्ली दौरे पर CM, मंत्रिमंडल विस्तार पर आलाकमान से करेंगे मुलाकात

चंडीगढ़/दिल्ली: हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. हरियाणा में बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार भी बना ली है. इसमें खास बात ये है कि बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार तो बना ली, लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार अभी तक नहीं हुआ है. इसके पीछे मुख्य कारण माना जा रहा है महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी की माथापच्ची.

सीएम मनोहर की हाईकमान से नहीं हुई मुलाकात- सूत्र
मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले दो दिनों से दिल्ली में मौजूद हैं, लेकिन अभी तक हाईकमान से उनकी मुलाकात नहीं हुई है. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी हाईकमान इस समय महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर माथापच्ची कर रहा है और यही कारण है कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पाई है.

Cabinet expansion in Haryana is delayed due to Maharashtra
मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री (फाइल फोटो)

शिवसेना और बीजेपी का गतिरोध जारी
दरअसल, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक साथ हुए और एक साथ ही चुनाव परिणाम आए. दोनों ही राज्यों में बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ. हरियाणा में तो बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली, लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं.

50-50 के फॉर्मूले पर बीजेपी सहमत नहीं- सूत्र
बीजेपी और शिवसेना के बीच पूरा विवाद 50-50 फॉर्मूले को लेकर है. शिवसेना बार-बार बीजेपी को उसका वादा याद दिला ला रही है तो वहीं बीजेपी राजी होने को तैयार नहीं है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, 50-50 फॉर्मूले का मतलब सरकार में बराबरी की हिस्सेदारी से था. ढाई-ढाई साल के सीएम पद के लिए नहीं था. मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी पीछे हटने को तैयार नहीं है. बीजेपी को उम्मीद है कि शिवसेना से गतिरोध 8 नवंबर तक सुलझ जाएगा.

Cabinet expansion in Haryana is delayed due to Maharashtra
देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ेंः 14वीं विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, सदन में पेश हुए दो बिल

मंत्रियों पर फंसा पेंच
हरियाणा में सरकार तो बन चुकी है. मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री और दुष्यंत चौटाला ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ भी ले ली है, लेकिन गठबंधन सरकार में मंत्रियों को लेकर पेंच फंसा हुआ है. इसी को लेकर दिल्ली में हरियाणा भवन में बीजेपी की बैठकों का दौर जारी है. बीजेपी के दो मंत्रियों और मुख्यमंत्री को छोड़कर लगभग सभी दिग्गज चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में पार्टी के सामने एक नई चुनौती ये भी है कि नए चेहरों में से किसे मंत्री पद दिया जाए और किसे नहीं.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा
हालांकि चर्चा है कि बीजेपी की ओर से जेजेपी को दो मंत्री पद दिए जा सकते हैं. वहीं दो या तीन निर्दलीयों को भी मंत्री बनाया जा सकता है. बाकी के सभी मंत्री बीजेपी कोटे से होंगे. बचे निर्दलीय विधायकों को चेयरमैन और दूसरे पदों से संतुष्ट करने की कोशिश होगी.

ये भी पढ़ें- सत्र खत्म होते ही दिल्ली दौरे पर CM, मंत्रिमंडल विस्तार पर आलाकमान से करेंगे मुलाकात

Intro:पंचकूला में हुए दंगों के मामले में दर्ज हुई एफ आई आर नंबर 345 में मुख्य आरोपी हनीप्रीत व अन्य आरोपियों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। मामले में नया मोड़ आने की संभावना है। क्योंकि पंचकूला डिस्टिक एटर्नी पंकज गर्ग ने हाई कोर्ट में मामले से संबंधित एक रिवीजन पिटिशन लगाई है। रिविज पिटीशन में मांग की गई है कि हनीप्रीत व अन्य आरोपियों से हटाई गई देशद्रोह की धारा को लगाया जाए या यूं कहें कि देशद्रोह की धारा हटाए जाने पर गौर किया जाए।


Body:पंचकूला डिस्टिक अटर्नी पंकज गर्ग ने बताया कि उन्होंने मामले से सम्बंधित हाईकोर्ट में एक रिवीजन पिटिशन लगाई गई है ताकि हनीप्रीत व अन्य आरोपियों पर से देशद्रोह की धारा ना हटाई जाए। आपको बता दें कि देशद्रोह की धारा हटाए जाने पर हाई कोर्ट रिवीजन पिटिशन पर जल्द ही अपना फैसला दे सकता है।

बाइट - पंकज गर्ग, डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी, पंचकूला।


Conclusion:आपको बता दें कि पंचकूला में हुए दंगों का मामला 25 अगस्त 2017 का है। मामले की सुनवाई एडीशनल सेशन जज संजय संधीर की कोर्ट में हुई थी। वहीं इस मामले को लेकर एफ आई आर नंबर 345 दर्ज की गई थी। बता दें कि हनीप्रीत साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में हिंसा भड़काने और देशद्रोह के मामले की आरोपी थी। पंचकूला एडिशनल सेशन कोर्ट से पहले हनीप्रीत पर से देश द्रोह की धारा हटाई गई थी, जिसके बाद मामला सीजेएम कोर्ट में चला गया। वहीं फिर 6 नवंबर को सीजेएम कोर्ट ने हनीप्रीत पर बाकि की लगी धाराओं में बेल दे दी। जिसके बाद मामला फिर से गरमा गया है।
Last Updated : Nov 8, 2019, 12:33 PM IST
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