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धान खरीद की तारीख बदलने को लेकर सरकार पर भड़के हुड्डा, बताया किसानों के साथ मजाक

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Published : Oct 1, 2021, 7:34 PM IST

हरियाणा में धान खरीद की तारीख बदलने को लेकर (Paddy crop procurement in Haryana) विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने धान खरीद को लेकर किसानों का मजाक बनाकर रख दिया है.

Bhupinder Singh Hooda
Bhupinder Singh Hooda on crop purchase

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने धान की खरीद (paddy crop purchase haryana) को लेकर आए नये फरमान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने धान खरीद में अन्नदाता का बिल्कुल मजाक बनाकर रख दिया है. पहले खुद सरकार ने ही 25 सितंबर से खरीद शुरू करने का ऐलान किया था. उसके बाद 1 अक्टूबर से खरीद की बात कही और अब 11 अक्टूबर तक खरीद को टाल दिया गया है. लाखों क्विंटल धान प्रदेश की मंडियों में अन्नदाता ट्रैक्टर ट्रालियों में भर कर ला चुके हैं. सरकार बताए कि अब किसान इस फसल का क्या करें और कहां ले जाएं.

हुड्डा ने कहा कि किसान एक तरफ मौसम और दूसरी तरफ सरकार की नीयत और नीतियों की मार झेल रहा है. अधिक बारिश की वजह से किसान की खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई और अब उसे सरकारी लेटलतीफी का शिकार होना पड़ रहा है. मंडी में खुले आसमान के नीचे धान लेकर बैठे किसान के सामने मौसम अब भी चुनौती बना हुआ है. 24 घंटे उसपर बारिश से धान खराब होने का खतरा मंडरा रहा है. सरकारी खरीद के इंतजार में किसान प्राइवेट एजेंसियों के हाथों लुट रहे हैं. मजबूरी में उन्हें एमएसपी से कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है इसलिए सरकार को बिना देरी किए खरीद शुरू करनी चाहिए और जिन किसानों ने एमएसपी से कम रेट पर फसल बेची है, उनके नुकसान की भरपाई करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में हुई हरियाणा कांग्रेस की बैठक, ऐलनाबाद सीट पर कैंडिडेट के नाम पर हुआ मंथन

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हड़ताल पर गए मंडी में काम करने वाले मजदूरों की मांगों का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मजदूरी में कटौती करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में गरीब मजदूरों के मेहनताने में कटौती करना उनके साथ अन्याय है. ऐसा लगता है किसान और कमेरे से गठबंधन सरकार बिल्कुल मुंह मोड़ चुकी है. हुड्डा ने एकबार फिर अधिक बारिश से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि पिछले कई सीजन से अधिकतर किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. गठबंधन सरकार को समय सीमा तय करके खराब हुई फसलों के एवज में किसानों को जल्द मुआवजा देना चाहिए और खेतों में जमा पानी की निकासी के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिए.

गौरतलब है कि हरियाणा में धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है. लिहाजा किसान धान की फसल को लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं. हालांकि अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. पहले 1 अक्टूबर से धान खरीद शुरू होनी थी. वहीं सरकार ने अब 11 अक्टूबर से धान की खरीद का नोटिफिकेशन निकाला है. इसके बाद भी भारी संख्या में किसान धान की फसल को लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं. कई-कई दिन से किसानों की फसल मंडियों में पड़ी है.

ये भी पढ़ें- 11 अक्टूबर से धान की खरीद, इंतजार कर रहे किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, जिम्मेदार कौन?

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने धान की खरीद (paddy crop purchase haryana) को लेकर आए नये फरमान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने धान खरीद में अन्नदाता का बिल्कुल मजाक बनाकर रख दिया है. पहले खुद सरकार ने ही 25 सितंबर से खरीद शुरू करने का ऐलान किया था. उसके बाद 1 अक्टूबर से खरीद की बात कही और अब 11 अक्टूबर तक खरीद को टाल दिया गया है. लाखों क्विंटल धान प्रदेश की मंडियों में अन्नदाता ट्रैक्टर ट्रालियों में भर कर ला चुके हैं. सरकार बताए कि अब किसान इस फसल का क्या करें और कहां ले जाएं.

हुड्डा ने कहा कि किसान एक तरफ मौसम और दूसरी तरफ सरकार की नीयत और नीतियों की मार झेल रहा है. अधिक बारिश की वजह से किसान की खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई और अब उसे सरकारी लेटलतीफी का शिकार होना पड़ रहा है. मंडी में खुले आसमान के नीचे धान लेकर बैठे किसान के सामने मौसम अब भी चुनौती बना हुआ है. 24 घंटे उसपर बारिश से धान खराब होने का खतरा मंडरा रहा है. सरकारी खरीद के इंतजार में किसान प्राइवेट एजेंसियों के हाथों लुट रहे हैं. मजबूरी में उन्हें एमएसपी से कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है इसलिए सरकार को बिना देरी किए खरीद शुरू करनी चाहिए और जिन किसानों ने एमएसपी से कम रेट पर फसल बेची है, उनके नुकसान की भरपाई करनी चाहिए.

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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हड़ताल पर गए मंडी में काम करने वाले मजदूरों की मांगों का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मजदूरी में कटौती करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में गरीब मजदूरों के मेहनताने में कटौती करना उनके साथ अन्याय है. ऐसा लगता है किसान और कमेरे से गठबंधन सरकार बिल्कुल मुंह मोड़ चुकी है. हुड्डा ने एकबार फिर अधिक बारिश से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि पिछले कई सीजन से अधिकतर किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. गठबंधन सरकार को समय सीमा तय करके खराब हुई फसलों के एवज में किसानों को जल्द मुआवजा देना चाहिए और खेतों में जमा पानी की निकासी के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिए.

गौरतलब है कि हरियाणा में धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है. लिहाजा किसान धान की फसल को लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं. हालांकि अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. पहले 1 अक्टूबर से धान खरीद शुरू होनी थी. वहीं सरकार ने अब 11 अक्टूबर से धान की खरीद का नोटिफिकेशन निकाला है. इसके बाद भी भारी संख्या में किसान धान की फसल को लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं. कई-कई दिन से किसानों की फसल मंडियों में पड़ी है.

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