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BJP-JJP ने किया हरियाणा के शिक्षा तंत्र का बंटाधार, लगातार गिर रही विश्वविद्यालयों की रैंकिंग: भूपेंद्र सिंह हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में शिक्ष स्तर के लेकर बीजेपी-जेजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गठबंधन सरकार ने प्रदेश के शिक्षातंत्र का बंटाधार कर दिया है. (Bhupinder Singh Hooda on BjP JJP Alliance)

Bhupinder Singh Hooda on BjP JJP
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा
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Published : Jun 7, 2023, 10:54 AM IST

Updated : Jun 7, 2023, 11:00 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार ने हरियाणा के पूरे शिक्षा तंत्र का बंटाधार कर दिया है. स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक प्रत्येक शिक्षण संस्थान सरकार के निशाने पर है. अब इसके नतीजे सामने दिखने लगे हैं. इसी का नतीजा है कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के टॉप 100 में हरियाणा का कोई विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थान नहीं है. एनआईआरएफ टॉप-100 रैंकिंग में हरियाणा के एक भी संस्थान का ना होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए सीधे तौर पर प्रदेश सरकार जिम्मेदार है. प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद से हरियाणा के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग लगातार गिरती आ रही है.

हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बीजेपी-जेजेपी सरकार पर बरसे भूपेंद्र हुड्डा: नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पिछले कई साल से सरकार पहले से स्थापित विश्वविद्यालय की व्यवस्था से छेड़छाड़ कर रही है. विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर हमला करने के साथ सरकार ने अब उनको ग्रांट देने से भी इनकार कर दिया. यानी अब सभी विश्वविद्यालयों को अपना खर्च खुद उठाना पड़ेगा. जाहिर है कि सरकार के इस कदम से सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की फीस में भयंकर बढ़ोतरी होगी. गरीब, पिछड़े व दलित विद्यार्थियों को मिलने वाली स्कॉलरशिप से लेकर अन्य रियायतों में भारी कटौती होगी. हॉस्टल फीस से लेकर एडमिशन तक किसान, गरीब, दलित व पिछड़े परिवारों की पहुंच से बाहर हो जाएंगे.

'मेडिकल फीस में 20 गुना की बढ़ोतरी': मौजूदा सरकार शिक्षण संस्थानों को जरूरी ग्रांट, यहां तक कि कर्मचारियों की सैलरी तक समय पर नहीं दे रही है. स्पष्ट है कि सरकार पूरे के पूरे शिक्षा तंत्र को निजी हाथों में सौंपना चाहती है. मेडिकल फीस में 20 गुना की बढ़ोतरी जैसे फैसलों के जरिए सरकार अपने मंसूबे पहले ही जाहिर कर चुकी है. भूपेंद्र हुड्डा ने बताया कि सरकार ने इस बार के बजट में शिक्षा जीडीपी का महज 2 फीसदी खर्च करने का ऐलान किया है. जबकि नई शिक्षा नीति 6% खर्च करने की सिफारिश करती है.

'हरियाणा में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर': हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा 2014 से पहले विकास के हर मामले में नंबर वन था. प्रदेश शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग के क्षेत्र में लगातार नए आयाम छू रहा था. लेकिन, बीजेपी-जेजेपी सरकार ने प्रदेश को हर उस पैमाने पर नंबर वन बना दिया है, जहां किसी भी प्रदेश को नहीं होना चाहिए. मौजूदा सरकार ने प्रदेश को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई, अपराध, नशाखोरी और अत्याचार में देश का टॉप राज्य बना दिया है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में स्कूल ड्रॉप आउट कम करने के लिए की जा रही बच्चों की ट्रैकिंग, CM ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, ऐसा लगता है मानो सरकार सुनियोजित तरीके से ऐसा कर रही है. क्योंकि अगर शिक्षा के क्षेत्र में कामों की तुलना की जाए तो हरियाणा 2014 से पहले पूरे देश में शिक्षा के हब के तौर पर विकसित हो रहा था. आईआईएम, आईआईटी कैंपस से लेकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, फैशन डिजाइन इंस्टीट्यूट, कैंसर इंस्टीट्यूट, एम्स, केंद्रीय विश्वविद्यालय और डिफेंस यूनिवर्सिटी समेत 15 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए.

'कांग्रेस की सरकार में 1 लाख से अधिक नौकरियां दी गई': उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही सोनीपत में राजीव गांधी एजुकेशन सिटी और 5 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए. इसी के साथ 12 नए राजकीय विश्वविद्यालय और 22 निजी समेत कुल 34 नए विश्वविद्यालय स्थापित किए. इसी तरह 45 राजकीय महाविद्यालय, 503 तकनीकी संस्थान, 140 सरकारी नई आईटीआई, 36 आरोही, कई संस्कृति मॉडल और किसान मॉडल स्कूलों की स्थापना की गई. इन तमाम संस्थानों में एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गईं.

खुद मौजूदा सरकार ने विधानसभा में बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2005-06 से 2014-15 तक अपग्रेड-नए स्कूल स्थापित की कुल संख्या 2332 थी. साल 2014-15 तक प्रदेश में कुल स्कूलों की संख्या 14503 थी. लेकिन, सरकार ने करीब 5 हजार स्कूलों को मर्जर के नाम पर बंद कर दिया. आज प्रदेश में स्कूलों की संख्या सिर्फ 9700 रह गई है.

'कांग्रेस सरकार बनने पर मौजूदा सरकार की शिक्षा विरोधी फैसले पर लगेगी रोक': भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार का काम शिक्षण संस्थान बनाना होता है, उन्हें बर्बाद करना नहीं. इसलिए सरकार की ऐसी नीतियों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर मौजूदा सरकार के शिक्षा विरोधी तमाम फैसलों पर रोक लगाई जाएगी और फिर से शिक्षण संस्थाओं की स्वायत्तता व फंडिंग को बहाल किया जाएगा.

(प्रेस नोट)

ये भी पढ़ें: हरियाणा भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता का मामला: रणदीप सुरजेवाला ने सरकार को घेरा, CM मनोहर लाल पर साधा निशाना

चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार ने हरियाणा के पूरे शिक्षा तंत्र का बंटाधार कर दिया है. स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक प्रत्येक शिक्षण संस्थान सरकार के निशाने पर है. अब इसके नतीजे सामने दिखने लगे हैं. इसी का नतीजा है कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के टॉप 100 में हरियाणा का कोई विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थान नहीं है. एनआईआरएफ टॉप-100 रैंकिंग में हरियाणा के एक भी संस्थान का ना होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए सीधे तौर पर प्रदेश सरकार जिम्मेदार है. प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद से हरियाणा के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग लगातार गिरती आ रही है.

हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बीजेपी-जेजेपी सरकार पर बरसे भूपेंद्र हुड्डा: नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पिछले कई साल से सरकार पहले से स्थापित विश्वविद्यालय की व्यवस्था से छेड़छाड़ कर रही है. विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर हमला करने के साथ सरकार ने अब उनको ग्रांट देने से भी इनकार कर दिया. यानी अब सभी विश्वविद्यालयों को अपना खर्च खुद उठाना पड़ेगा. जाहिर है कि सरकार के इस कदम से सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की फीस में भयंकर बढ़ोतरी होगी. गरीब, पिछड़े व दलित विद्यार्थियों को मिलने वाली स्कॉलरशिप से लेकर अन्य रियायतों में भारी कटौती होगी. हॉस्टल फीस से लेकर एडमिशन तक किसान, गरीब, दलित व पिछड़े परिवारों की पहुंच से बाहर हो जाएंगे.

'मेडिकल फीस में 20 गुना की बढ़ोतरी': मौजूदा सरकार शिक्षण संस्थानों को जरूरी ग्रांट, यहां तक कि कर्मचारियों की सैलरी तक समय पर नहीं दे रही है. स्पष्ट है कि सरकार पूरे के पूरे शिक्षा तंत्र को निजी हाथों में सौंपना चाहती है. मेडिकल फीस में 20 गुना की बढ़ोतरी जैसे फैसलों के जरिए सरकार अपने मंसूबे पहले ही जाहिर कर चुकी है. भूपेंद्र हुड्डा ने बताया कि सरकार ने इस बार के बजट में शिक्षा जीडीपी का महज 2 फीसदी खर्च करने का ऐलान किया है. जबकि नई शिक्षा नीति 6% खर्च करने की सिफारिश करती है.

'हरियाणा में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर': हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा 2014 से पहले विकास के हर मामले में नंबर वन था. प्रदेश शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग के क्षेत्र में लगातार नए आयाम छू रहा था. लेकिन, बीजेपी-जेजेपी सरकार ने प्रदेश को हर उस पैमाने पर नंबर वन बना दिया है, जहां किसी भी प्रदेश को नहीं होना चाहिए. मौजूदा सरकार ने प्रदेश को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई, अपराध, नशाखोरी और अत्याचार में देश का टॉप राज्य बना दिया है.

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, ऐसा लगता है मानो सरकार सुनियोजित तरीके से ऐसा कर रही है. क्योंकि अगर शिक्षा के क्षेत्र में कामों की तुलना की जाए तो हरियाणा 2014 से पहले पूरे देश में शिक्षा के हब के तौर पर विकसित हो रहा था. आईआईएम, आईआईटी कैंपस से लेकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, फैशन डिजाइन इंस्टीट्यूट, कैंसर इंस्टीट्यूट, एम्स, केंद्रीय विश्वविद्यालय और डिफेंस यूनिवर्सिटी समेत 15 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए.

'कांग्रेस की सरकार में 1 लाख से अधिक नौकरियां दी गई': उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही सोनीपत में राजीव गांधी एजुकेशन सिटी और 5 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए. इसी के साथ 12 नए राजकीय विश्वविद्यालय और 22 निजी समेत कुल 34 नए विश्वविद्यालय स्थापित किए. इसी तरह 45 राजकीय महाविद्यालय, 503 तकनीकी संस्थान, 140 सरकारी नई आईटीआई, 36 आरोही, कई संस्कृति मॉडल और किसान मॉडल स्कूलों की स्थापना की गई. इन तमाम संस्थानों में एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गईं.

खुद मौजूदा सरकार ने विधानसभा में बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2005-06 से 2014-15 तक अपग्रेड-नए स्कूल स्थापित की कुल संख्या 2332 थी. साल 2014-15 तक प्रदेश में कुल स्कूलों की संख्या 14503 थी. लेकिन, सरकार ने करीब 5 हजार स्कूलों को मर्जर के नाम पर बंद कर दिया. आज प्रदेश में स्कूलों की संख्या सिर्फ 9700 रह गई है.

'कांग्रेस सरकार बनने पर मौजूदा सरकार की शिक्षा विरोधी फैसले पर लगेगी रोक': भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार का काम शिक्षण संस्थान बनाना होता है, उन्हें बर्बाद करना नहीं. इसलिए सरकार की ऐसी नीतियों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर मौजूदा सरकार के शिक्षा विरोधी तमाम फैसलों पर रोक लगाई जाएगी और फिर से शिक्षण संस्थाओं की स्वायत्तता व फंडिंग को बहाल किया जाएगा.

(प्रेस नोट)

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Last Updated : Jun 7, 2023, 11:00 AM IST
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