फरीदाबाद : हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक बार फिर कमाल कर दिया है. डॉक्टरों की टीम ने एक 76 वर्षीय मृत बुजुर्ग महिला के बॉडी पार्ट्स से पांच लोगों को नई जिंदगी दी है. मृत महिला के शरीर में मौजूद बॉडी पार्ट्स को अलग-अलग पांच लोगों में लगाया गया और पांचों लोग अब एक बार फिर से नई जिंदगी जीने को तैयार है. अमूमन कई अस्पतालों में किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट किया जाता है लेकिन अमृता हॉस्पिटल के पास 13 बॉडी पार्ट्स को ट्रांसप्लांट करने का लाइसेंस है और यही वजह है कि एक मृत बुजुर्ग महिला के बॉडी पार्ट्स से पांच लोगों को नई जिंदगी मिली है.
महिला के अंगों से 5 को जीवनदान : ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में अमृता हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर संजीव सिंह ने बताया कि किसी दूसरे अस्पताल में एक 76 साल की बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी और उस महिला की इच्छा थी कि उसके बॉडी पार्ट्स किसी दूसरे के काम आए और यही वजह है कि बुजुर्ग महिला के परिजनों ने शरीर के ऑर्गन्स डोनेट करने का फैसला लिया. हालांकि जिस अस्पताल में बुजुर्ग महिला की मौत हुई, उस अस्पताल में ये सुविधा नहीं थी जिसके बाद उसे अमृता अस्पताल लाया गया और फिर मृत महिला के बॉडी पार्ट्स का चेकअप किया गया. सारे ऑर्गन्स ठीक मिले, फिर रिसीवर यानी जिसको ऑर्गन्स की जरूरत थी उनसे संपर्क साधा गया और सबको अमृता हॉस्पिटल बुला लिया गया. इसके बाद ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू हुई और लगभग 12 घंटे के अंदर उस महिला के शरीर के ऑर्गन्स को अलग-अलग पांच मरीजों को लगाया गया जिसमें मृत महिला की आंख, दोनों हाथ, किडनी, लिवर शामिल है.
ऑर्गन डोनेशन के लिए उम्र मायने नहीं रखती : डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस महिला मरीज को दोनों हाथ लगाए गए वो ऋषिकेश की थी, जबकि जिसे लीवर लगाया गया उसे जम्मू कश्मीर से बुलाया, वहीं जिसे किडनी लगाया गया उसे हरियाणा के रोहतक से बुलाया गया और इसे काफी कम समय में और पूरी प्लानिंग के साथ किया गया क्योंकि अगर थोड़ी सी भी देरी और कोई चूक हो जाती तो काफी बड़ा ख़तरा था. कई ऑर्गन्स ऐसे हैं जिन्हें ज्यादा समय तक स्टोर नहीं किया जा सकता. जिस रात दुनिया नए साल का जश्न मना रही थी, उस रात को फरीदाबाद के अमृता अस्पताल की पूरी टीम इस काम में लगी हुई थी. डॉक्टरों ने बताया कि किसी भी मृत व्यक्ति के बॉडी पार्ट्स से दूसरे व्यक्ति को नया जीवनदान दिया जा सकता है चाहे मृत व्यक्ति की उम्र ही कितनी क्यों ना हो. अगर उसके बॉडी ऑर्गन्स ठीक है तो उसके बॉडी पार्ट्स किसी दूसरे मरीज़ के काम आ सकते हैं. इसलिए सभी को अंगदान करने के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि ऐसे करके वो दूसरों की ज़िंदगी में नया सवेरा ला सकता है.
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