चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र अब खत्म हो चुका (Haryana Assembly Winter Session) है. एक तरह विपक्ष जहां अपने सवालों को लेकर अपना पीठ थपथपा रही है. वहीं सरकार अपने जवाबों को लेकर खुश दिखाई दे रहे है. इन सबके बीच महम से निर्दलीय विधायक (Meham Mla Balraj Kundu) शीतकालीन सत्र को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. कुंडू ने कहा कि आज प्रदेश में कई ज्वलंत और गंभीर मुद्दे उठे हुए हैं लेकिन ना ही विपक्ष इन मुद्दों को लेकर ठीक से सवाल पूछ पाया और न ही सरकार इन गंभीर मुद्दोें के सवालों के जवाबों पर गंभीर दिखाई दी. हर मुद्दे पर लीपापोती कर सदन को स्थगित कर दिया गया.
ईटीवी भारत में बात करते हुए बलराज कुंडू ने कहा कि सदन में एचपीएससी (HPSC Recruitmnet Case) जैसा गंभीर मुद्दा उठा लेकिन विपक्ष ने उसे भी प्रभावी तरीके से नहीं सदन के सामने नहीं रख पाया. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा वॉट्सऐप चैट की कापियां दिखा रहे थे लेकिन उन्होंने इन कॉपियों को सरकार को ही नहीं सौंपा. आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया ये समझ से परे है. इसके अलावा भर्ती घोटाले में पहले से ही इतने ज्यादा सबूत हैं जिनके चलते वॉट्सऐप चैट की तो जरूरत ही नहीं.
बलराज कुंडू ने कहा कि एचपीएससी के दफ्तर में कैश मिलना, महेंद्रगढ़ नारनौल के परीक्षा सेंटर्स में प्रश्न पत्रों का प्रकरण होना, कांस्टेबल भर्ती में अनियमितताएं सामने (HARYANA CONSTABLE PAPER LEAK CASE) आना, बायोमैट्रिक अटेंडेंस में अनियमितताएं मिलना. यह सब ऐसे सबूत हैं कि अगर इन पर जांच की जाए तो सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. बलराज कुंडू ने अभय चौटाला द्वारा राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने वाले बयान को लेकर कहा कि चौटाला इस मामले को लेकर अपना काम कर रहे हैं. उनके काम करने का तरीका अलग है. इसलिए मैं अभय चौटाला के इस बयान पर टिप्पणी नहीं करना चाहता.
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परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को लेकर भी बलराज कुंडू ने सवाल उठाए. कुंडू ने कहा कि हरियाणा में भर्ती के दौरान पहले हरियाणा से जुड़े सवाल पूछे जाते थे लेकिन अब की परीक्षाओं में बाहर से प्रश्न पूछे जा रहे हैं. हरियाणा के बारे में राज्य के युवा ही बेहतर जवाब दे सकते हैं. इससे दूसरे राज्यों के युवाओं को नौकरी मिल रही है और हरियाणा के युवा नौकरियों से वंचित हो रहे हैं. बिजली विभाग में एसडीओ की भर्ती में आधे से ज्यादा नौकरियां दूसरे राज्यों के लोगों को दी गई.
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उन्होंने कुछ विधायकों के बारे में कहा कि कई विधायक ऐसे हैं जो खुद को बड़ा नेता समझते हैं. वह अपनी उपस्थिति को दिखाने के लिए सदन का समय बर्बाद करते हैं. उनके पास न मुद्दे होते हैं और ना ही तथ्य होते हैं. लेकिन फिर भी वे सदन में कुछ ना कुछ बोलना चाहते हैं. वे नए विधायकों को बोलने का मौका नहीं देते. इससे सदन की कार्यवाही ठीक तरह से नहीं चल पाती.
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