चंडीगढ़: हरियाणा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फिरोजपुर झिरका से प्रवेश कर चुकी है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा हरियाणा में पहले चरण के तहत नूंह, गुरुग्राम और फरीदाबाद में रहेगी. वहीं, यात्रा का दूसरा चरण 6 जनवरी से शुरू होगा जब यात्रा उत्तर प्रदेश से पानीपत जिले में प्रवेश करेगी. हरियाणा कांग्रेस ने प्रदेश में यात्रा के दोनों चरणों में जिन इलाकों को चयनित किया है वह ऐसे जिले हैं जहां पर बीजेपी अन्य दलों के मुकाबले ज्यादा प्रभावशाली रही है. बात चाहे फिर 2014 के विधानसभा चुनावों की हो या फिर 2019 के चुनावों की इन दोनों चुनाव में बीजेपी ने इन्हीं इलाकों में सबसे ज्यादा प्रभाव दिखाया था. (Bharat Jodo Yatra in Haryana)
बीजेपी के वर्चस्व वाले जिलों पर भारत जोड़ो यात्रा का कितना प्रभाव: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के तहत हरियाणा के जो जिले शामिल है उनमें नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद पहले चरण के जिले हैं जबकि दूसरे चरण में यह यात्रा पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला होते हुए पंजाब में 12 जनवरी को एंट्री करेगी. यानी राहुल गांधी की गई यात्रा दूसरे चरण में जीटी रोड पर रहेगी, जिसमें बीजेपी पिछले दो चुनावों में सबसे मजबूत दल के तौर पर रही है. अगर हम 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालते हैं तो नूंह जिले में 3 सीटें आती हैं. जिनमें से कांग्रेस पार्टी ने तीनों सीटों पर कब्जा किया था. वही, गुरुग्राम जिले में विधानसभा की 4 सीटें आती हैं, जिनमें से ही 3 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के पास है. (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra in Haryana)
ऐसे ही अगर हम फरीदाबाद की बात करें तो फरीदाबाद में 6 विधानसभा सीटें आती है, जिनमें से चार पर बीजेपी का कब्जा है. जबकि एक पर कांग्रेस पार्टी और एक पर निर्दलीय विधायक है. वहीं, दूसरे चरण में यात्रा 6 जनवरी जीटी रोड पर पानीपत पहुंचेगी. इस जिले में 4 विधानसभा सीटें आती है. जिनमें इस वक्त बीजेपी के पास तीन और एक निर्दलीय विधायक है. इसके बाद यात्रा करनाल पहुंचेगी. इस जिले में 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से तीन पर बीजेपी और एक सीट पर निर्दलीय जबकि एक सीट पर कांग्रेस का विधायक है. (Effect of Bharat Jodo Yatra) ( BJP dominated districts)
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इसके बाद यो यात्रा कुरुक्षेत्र जिले में पहुंचेगी जहां पर है 4 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से मौजूदा समय में 2 सीटों पर बीजेपी, एक कांग्रेस और एक जेजेपी का विधायक है. इसके बाद विभाग यात्रा अंबाला जिले में प्रवेश करेगी यहां पर 4 विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें से 2 सीटों पर बीजेपी और 2 सीटों पर कांग्रेस के विधायक है. यानी राहुल गांधी की यात्रा हरियाणा में दोनो चरणों में जिन जिलों से गुजरेगी 29 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनमें मौजूदा समय में 17 पर बीजेपी के विधायक हैं यानी इन क्षेत्रों पर बीजेपी का दबदबा है. ऐसे में जब बीजेपी को हरियाणा में जीटी रोड की पार्टी भी कहा जाता है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी की यो यात्रा जीटी रोड से गुजरेगी तो निश्चित तौर पर ही उनका टारगेट आगामी विधानसभा चुनाव होंगे. (Haryana Assembly Elections)
बीजेपी के लिए चुनौती से कम नहीं भारत जोड़ो यात्रा: कांग्रेस पार्टी इन इलाकों में फिर से खुद को मजबूत करना चाहेगी और इसके लिए पार्टी हर तरह से इस यात्रा को भुनाने की कोशिश करेगी. वहीं, बीजेपी के लिए भी राहुल गांधी की यात्रा किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि बीजेपी के तमाम नेता इस यात्रा को किसी भी तरह की चुनौती नहीं मानते हैं, लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं है कि जिस तरीके का यात्रा को लोगों का समर्थन मिल रहा है उससे कहीं ना कहीं अमरीश पार्टी का हरियाणा में मनोबल बढ़ेगा.
क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ: इस मामले में राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जिन जिलों में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा हरियाणा में गुजर रही है, उनमें बीजेपी 2014 और 2019 के चुनाव में मजबूती के साथ उभरी थी, वे कहते हैं कि निश्चित तौर पर ही कांग्रेस चाहेगी कि बीजेपी की इस मजबूत कड़ी को किसी न किसी तरह से कमजोर किया जाए. हालांकि उनका यह भी कहना है कि इस यात्रा के प्रदेश में गुजरने की करीब डेढ़ साल बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे. ऐसे में काफी लंबा वक्त अभी चुनावों के लिए है. यह यात्रा तब तक लोगों पर कितना प्रभाव छोड़ती है इसका आंकलन करना अभी मुश्किल है. हालांकि जिस तरीके से लोग इस यात्रा से अभी तक जुड़ रहे हैं उससे निश्चित तौर पर ही कांग्रेस पार्टी उत्साहित है, लेकिन चुनावी के वक्त में इस यात्रा का कितना फायदा मिलेगा या तो साल 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजे ही बताएंगे. (bharat jodo yatra)
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