चंडीगढ़: आगामी पिराई सीजन शुरू होने से पहले सहकारी चीनी मिलों में गन्ने की पिराई को लेकर हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल और सहकरिता मंत्री बनवारी लाल की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में चीनी मिलों (sugar mills in haryana) के लिए लुब्रीकेंट, कास्टिक सोडा और अन्य सामग्री खरीदने की प्रक्रिया भी पूरी की गई.
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल और सहकरिता मंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में चीनी मिलों के लिए लगभग 4.47 करोड़ रुपये की लागत से कई प्रकार की सामग्री की खरीद को लेकर विस्तार से समीक्षा की और लगभग 2 करोड़ 84 लाख रुपए की लागत से लुब्रीकेंट व 1.63 करोड़ रुपये की लागत से कास्टिक सोडा खरीदने की स्वीकृति प्रदान की गई. बैठक में किसान हित में चीनी मिलों को गत वर्ष की अपेक्षा पहले चलाने का भी निर्णय लिया गया.
इसके अलावा मोलासिस पर आधारित बी हेवी सिस्टम से एथनोल प्रोजेक्ट लगाने को लेकर भी सहमति जताई गई. पानीपत की चीनी मिल में बी हेवी सिस्टम से एथनोल प्लांट लगाया जाएगा. बी हेवी सिस्टम से बनाए जाने वाले एथनोल की क्वालिटी अच्छी होती है और बाजार में इसके अच्छे भाव भी मिलेंगे. भविष्य में एथनोल की डिमांग लगातार बढती जा रही है. इस प्रकार एथनोल प्लांट चीनी मिलों को घाटे से उबारने में बहुत ही कारगर साबित होंगे.
उन्होंने ये भी निर्णय लिया गया कि ग्राम स्तर पर दूध की सोसायटियों का गठन किया जाए, ताकि लोग अधिक से अधिक दूध की बिक्री कर सकें. सहकारिता के क्षेत्र में दूध की सोसायटी का गठन करना एक क्रांतिकारी कदम है. इन सोसायटियों से अधिक से अधिक युवाओं एवं महिलाओं को जोड़ा जाए ताकि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया जा सके. इनमें दूध से दही, लस्सी, पनीर, चीज, पिन्नी, घी आदि अन्य खाद्य सामग्री बनाने पर अधिक बल दिया जाएगा.
बैठक में चीनी मिलों में निकलने वाले मेलासिस के भी स्टेण्डर्ड निर्धारित करने व रेवाड़ी में लगाए जाने वाले मिल्क प्लांट को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई. इसके अलावा एग्रो मॉल, सांझा तैयारी, ग्राम स्तर पर मिल्क सोसायटी का गठन करने, मिनी डेरी, एक्सपर्ट हाउस खोलने को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई.