चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही जारी है. बजट सत्र के चौथे दिन कांग्रेस सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी. जिसको लेकर बीजेपी, कांग्रेस और जेजेपी पहले ही व्हिप जारी कर चुकी है. लेकिन जेजेपी के कुछ विधायक पार्टी से नाराज़ हैं और सरकार से अलग-अलग होने की बात कह रहे हैं.
रामकुमार गौतम (नारनौंद)
हिसार के नारनौंद से जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम कृषि कानूनों को लेकर पार्टी से नाराज चल रहे हैं. कई बार वो पार्टी लाइन से हटकर भी बयान दे चुके हैं. वहीं मंगलवार को उन्होंने विधानसभा में कृषि कानूनों को टालने की बात कही.
देवेंद्र बबली (टोहाना)
जेजेपी के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने जननायक जनता पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. देवेंद्र बबली ने सीधे अपनी पार्टी को कहा है कि हरियाणा सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए. बबली ने कहा कि वो 15 दिनों में अपने हलके में जाकर जनता के बीच फैसला लेंगे, हालांकि फैसला क्या होगा ये देवेंद्र बबली ने स्पष्ट नहीं किया है.
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रामकरण काला (शाहबाद)
रामकरण काला कुरुक्षेत्र के शाहबाद से जेजेपी के विधायक हैं. वो भी कई बार कृषि कानूनों का विरोध कर चुके हैं. उन्होंने बीते दिनों यहां तक कह दिया था कि वो किसानों के कहने पर इस्तीफा भी दे देंगे. रामकरण काला भी सरकार के लिए मुसीबत बन सकते हैं. उनके बयान पार्टी लाइन से काफी अलग हैं.
जोगीराम सिहाग (बरवाला)
जेजेपी के बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा कि हरियाणा सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर कानून बनाए. किसानों की फसल MSP पर ही खरीदी जानी चाहिए. बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर बरवाला से जेजेपी विधायक जोगीराम सिहाग इससे पहले भी बगावती सुर दिखा चुके हैं.
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उन्होंने कहा था कि किसानों की मांग बिल्कुल जायज है, मैं उनके साथ खड़ा हूं. उन्होंने कहा था कि विधायक बाद में, पहले मैं किसान हूं, जरूरत पड़ी तो इस्तीफा देने को तैयार हूं. आज उन्होंने फिर से अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया.