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सरकार जो राशि प्राइवेट स्कूलों दे रही है वो प्रयाप्त नहीं है, हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे- NISA

134ए को लेकर प्रदेश सरकार और प्राइवेट स्कूलों में तकरार जारी है. अब तकरार की वजह सरकार द्वारा दी जा रही राशि है. बुधवार को नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलायंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता कर सरकार को खरी खोटी सुनाई.

कुलभूषण शर्मा, अध्यक्ष, निसा
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Published : May 23, 2019, 2:49 AM IST

Updated : May 23, 2019, 4:16 AM IST

चंडीगढ़: प्रदेश में 134ए को लेकर सरकार और प्राइवेट स्कूलों के बीच विवाद जारी है. पहले प्राइवेट स्कूलों का आरोप था कि हरियाणा सरकार उनकी बकाया राशि नहीं चुका रही है. अब प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि जो राशि सरकार उन्हें दे रही है वो प्रयाप्त नहीं है. ये जानकारी नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलायंस के नेशनल प्रेसिडेंट कुलभूषण शर्मा ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान दी.

पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट स्कूलों को जो राशि 134ए के अंतर्गत बच्चों के एडमिशन को लेकर जारी कर रही है वो पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तो ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात है, क्योंकि सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों का लगभग 600 करोड़ रूपया बकाया है.

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उन्होंने यह भी कहा कि यह राशि सरकार ने आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए जारी की गई है. वहीं दूसरी ओर शर्मा ने 134ए के तहत प्राइवेट स्कूल में हो रहे दाखिले को लेकर चल रही प्रतिक्रियाओं को भी गलत ठहराते हुए कहा कि सरकार की स्कूल में दाखिल करने की जो प्रतिक्रिया है वह ठीक नहीं है.

इस स्कीम में फर्जीवाड़ा काफी मात्रा में हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह स्कीम सिर्फ गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए है. जबकि इसमें जितने भी एडमिशन आ रहे हैं. उनमें से ज्यादातर दूसरे प्राइवेट स्कूलों से बच्चे होकर आ रहे हैं.

कुलभूषण ने कहा कि सरकारी स्कूलों के तो बच्चों की मात्रा ही नहीं है. जो बच्चा प्राइवेट स्कूल में पहले से ही पड़ता है. वह गरीब कैसे हो सकता है. यदि सरकार वाकई में ही गरीब बच्चों को पढ़ाना चाहती है तो उसका क्राइटेरिया तय करें और जो राशि सरकार जारी कर रही है वह तो बहुत कम है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर वह राशि स्वीकार नहीं करेंगे.

चंडीगढ़: प्रदेश में 134ए को लेकर सरकार और प्राइवेट स्कूलों के बीच विवाद जारी है. पहले प्राइवेट स्कूलों का आरोप था कि हरियाणा सरकार उनकी बकाया राशि नहीं चुका रही है. अब प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि जो राशि सरकार उन्हें दे रही है वो प्रयाप्त नहीं है. ये जानकारी नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलायंस के नेशनल प्रेसिडेंट कुलभूषण शर्मा ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान दी.

पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट स्कूलों को जो राशि 134ए के अंतर्गत बच्चों के एडमिशन को लेकर जारी कर रही है वो पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तो ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात है, क्योंकि सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों का लगभग 600 करोड़ रूपया बकाया है.

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उन्होंने यह भी कहा कि यह राशि सरकार ने आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए जारी की गई है. वहीं दूसरी ओर शर्मा ने 134ए के तहत प्राइवेट स्कूल में हो रहे दाखिले को लेकर चल रही प्रतिक्रियाओं को भी गलत ठहराते हुए कहा कि सरकार की स्कूल में दाखिल करने की जो प्रतिक्रिया है वह ठीक नहीं है.

इस स्कीम में फर्जीवाड़ा काफी मात्रा में हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह स्कीम सिर्फ गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए है. जबकि इसमें जितने भी एडमिशन आ रहे हैं. उनमें से ज्यादातर दूसरे प्राइवेट स्कूलों से बच्चे होकर आ रहे हैं.

कुलभूषण ने कहा कि सरकारी स्कूलों के तो बच्चों की मात्रा ही नहीं है. जो बच्चा प्राइवेट स्कूल में पहले से ही पड़ता है. वह गरीब कैसे हो सकता है. यदि सरकार वाकई में ही गरीब बच्चों को पढ़ाना चाहती है तो उसका क्राइटेरिया तय करें और जो राशि सरकार जारी कर रही है वह तो बहुत कम है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर वह राशि स्वीकार नहीं करेंगे.

Intro:चंडीगढ़, नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलायंस के नेशनल प्रेसिडेंट कुलभूषण शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार द्वारा जो राशि 134 a के अंतर्गत प्राइवेट स्कूल में बच्चों के एडमिशन को लेकर जारी की गई राशि पर्याप्त नहीं है यह तो ऊंट के मुँह में जीरा वाली बात है । क्योंकि सरकार की ओर प्राइवेट स्कूलों का का लगभग 600 करोड़ रूपया बकाया है ।


Body:उन्होंने यह भी कहा कि यह राशि सरकार द्वारा आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए जारी की गई लगता है ।
वहीं दूसरी ओर शर्मा ने 134 के तहत प्राइवेट स्कूल में हो रहे दाखिले को लेकर चल रही प्रतिक्रिया को भी गलत ठहराते हुए कहा कि सरकार की स्कूल में दाखिल करने की जो प्रतिक्रिया है वह ठीक नहीं है । इस स्कीम में फर्जीवाड़ा काफी मात्रा में हो रहा है , उन्होंने कहा कि यह स्कीम सिर्फ गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए है जबकि इस मे जितने भी एडमिशन आ रहे हैं उन में से ज्यादातर दूसरे प्राइवेट स्कूलों से बच्चे होकर आ रहे हैं । कुलभूषण ने कहा कि सरकारी स्कूलों के तो बच्चों की मात्रा ही नहीं है जो बच्चा प्राइवेट स्कूल में पहले से ही पड़ता है वह गरीब कैसे हो सकता है। यदि सरकार वाकई में ही गरीब बच्चों को पढ़ाना चाहती है तो उसका क्राइटेरिया तय करें और जो राशि सरकार द्वारा जारी की गई है वह तो बहुत कम है , हम किसी भी कीमत पर वह राशि स्वीकार नहीं करेंगे व जो सरकार हम पर दबाव बना रही है वह गलत है ।


Conclusion:जिस प्रकार से दिल्ली में सरकार ने प्रति बच्चे का ₹6000 खर्च बताया है उसी प्रकार हरियाणा सरकार भी प्रति बच्चा खर्च बताएं, वहीं उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले को हम नहीं मानेंगे वैसे भी हमारी रिट हाई कोर्ट में चल रही है ।  सरकार को चाहिए कि जो वाक्य में ही गरीब है उन्हें के बच्चों को दाखिला दिलवाए।

बाइट कुलभूषण शर्मा नैशनल प्रसिडेंट प्राइवेट स्कूल अलायन्स

Last Updated : May 23, 2019, 4:16 AM IST
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