चंडीगढ़: प्रदेश में 134ए को लेकर सरकार और प्राइवेट स्कूलों के बीच विवाद जारी है. पहले प्राइवेट स्कूलों का आरोप था कि हरियाणा सरकार उनकी बकाया राशि नहीं चुका रही है. अब प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि जो राशि सरकार उन्हें दे रही है वो प्रयाप्त नहीं है. ये जानकारी नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलायंस के नेशनल प्रेसिडेंट कुलभूषण शर्मा ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान दी.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट स्कूलों को जो राशि 134ए के अंतर्गत बच्चों के एडमिशन को लेकर जारी कर रही है वो पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तो ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात है, क्योंकि सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों का लगभग 600 करोड़ रूपया बकाया है.
उन्होंने यह भी कहा कि यह राशि सरकार ने आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए जारी की गई है. वहीं दूसरी ओर शर्मा ने 134ए के तहत प्राइवेट स्कूल में हो रहे दाखिले को लेकर चल रही प्रतिक्रियाओं को भी गलत ठहराते हुए कहा कि सरकार की स्कूल में दाखिल करने की जो प्रतिक्रिया है वह ठीक नहीं है.
इस स्कीम में फर्जीवाड़ा काफी मात्रा में हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह स्कीम सिर्फ गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए है. जबकि इसमें जितने भी एडमिशन आ रहे हैं. उनमें से ज्यादातर दूसरे प्राइवेट स्कूलों से बच्चे होकर आ रहे हैं.
कुलभूषण ने कहा कि सरकारी स्कूलों के तो बच्चों की मात्रा ही नहीं है. जो बच्चा प्राइवेट स्कूल में पहले से ही पड़ता है. वह गरीब कैसे हो सकता है. यदि सरकार वाकई में ही गरीब बच्चों को पढ़ाना चाहती है तो उसका क्राइटेरिया तय करें और जो राशि सरकार जारी कर रही है वह तो बहुत कम है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर वह राशि स्वीकार नहीं करेंगे.