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जानिये हरियाणा में 'सियासी विरासत' के लालों का हाल

बृजेंद्र सिंह विरासत के इस मैदान में सबसे नये हैं. चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं.भव्य बिश्नोई भजनलाल परिवार की विरासत लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं.दुष्यंत चौटाला दो बार उप प्रधानमंत्री रहे चौधरी देवीलाल के परपौत्र हैं.दिग्विजय चौटाला चौधरी देवीलाल के पोते अजय चौटाला के छोटे पुत्र हैं.अर्जुन चौटाला भी देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी से आते हैं. श्रुति चौधरी बंसीलाल की तीसरी पीढ़ी से आती हैं. हुड्डा परिवार की तीसरी पीढ़े से आने वाले दीपेंद्र हुड्डा एक बार फिर रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं.

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Published : Apr 24, 2019, 7:16 PM IST

Updated : Apr 24, 2019, 7:27 PM IST

राजनीतिक विरासत के वारिस

चंडीगढ: हिंदुस्तान की सियासत में विरासत का पुराना इतिहास रहा है. हरियाणा में भी अभी तक विरासत की सियासत हावी रही है. उसी विरासत को संभालने के लिए 2019 में भी राजनेताओं के 'लाल' मैदान में हैं. इनमें कुछ की नई एंट्री हुई है और कुछ थोड़े पुराने हो गए हैं. नीचे रिपोर्ट में आप उन तमाम धुरंधरों को जानेंगे जो अपने परिवार की विरासत लिये संसद पहुंचने का रास्ता तलाश रहे हैं.

चौधरी बीरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह
चौधरी बीरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह
बृजेंद्र सिंह
बृजेंद्र सिंह विरासत के इस मैदान में सबसे नये हैं. चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं. आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने का फैसला किया है.बृजेंद्र सिंह 26 साल की उम्र में 9वां स्थान हासिल कर आीएएस बने थे. बीजेपी ने बृजेंद्र सिंह को हिसार से टिकट दिया है. जहां वो एक और परिवार की विरासत संभाल रहे दुष्यंत चौटाला को टक्कर दे रहे हैं. दूसरे भजनलाल के पोते और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई भी उनके सामने हैं.
भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई
भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई
भव्य बिश्नोई
भव्य बिश्नोई भजनलाल परिवार की विरासत लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं. वो भजनलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी का नेतृत्व कर रहे हैं. भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई कुलदीप बिश्नोई के पुत्र हैं. कांग्रेस की टिकट पर हिसार से चुनाव मैदान में हैं. जहां उनका मुकाबला चौधरी देवीलाल की चौथी पीढ़ी के दुष्यंत चौटाला और केंद्रीय मंत्री के बेटे बृजेंद्र से है.
दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला दो बार उप प्रधानमंत्री रहे चौधरी देवीलाल के परपौत्र हैं. उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला कई बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं. दुष्यंत चौटाला के पिता इनेलो में कई पदों पर रहे हैं. अब दुष्यंत चौटाला अपने दादा से अलग होकर नई पार्टी बना चुके हैं और हिसार से चुनाव मैदान में हैं. जहां उनके सामने भजनलाल परिवार की विरासत संभाल रहे भव्य बिश्नोई और चौधरी बीरेंद्र सिंह की सियासी विरासत को आगे बढ़ा रहे बृजेंद्र सिंह हैं.
दिग्विजय चौटाला
दिग्विजय चौटाला
दिग्विजय चौटाला
दिग्विजय चौटाला चौधरी देवीलाल के पोते अजय चौटाला के छोटे पुत्र हैं. उनका ये पहला लोकसभा चुनाव है और दिग्विजय जेजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.इससे पहले वो जींद से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं.दिग्विजय छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं.चौटाला परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सोनीपत से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. जहां उनका मुकाबला हरियाणा की राजनीति के कद्दावर नेता माने जाने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा से है.
अभय चौटाला के पुत्र अर्जुन चौटाला
अभय चौटाला के पुत्र अर्जुन चौटाला
अर्जुन चौटला
अर्जुन चौटाला भी देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी से आते हैं लेकिन वो देवीलाल के दूसरे पोते अभय चौटाला के पुत्र हैं. कुछ समय पहले ही अबय चौटाला और उनके बेटों ने अलग पार्टी बनाई है और अब इनेलो पर अभय चौटाला और उनक दोनों बेटों का एकछत्र राज हो गया है. अर्जुन चौटाला का ये पहला लोकसभा चुनाव है. हालांकि वो काफी समय से सक्रिय राजनीति में हैं और अब कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. ये भी देवीलाल की विरासत साथ-साथ ओपी चौटाली की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.
श्रुति चौधरी
श्रुति चौधरी
श्रुति चौधरी
श्रुति चौधरी बंसीलाल की तीसरी पीढ़ी से आती हैं. उनकी माता किरण चौधरी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं. श्रुति चौधरी पहले भी लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं और अब एक बार फिर अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से ताल ठोक रही हैं. यहां उनकी टक्कर धर्मबीर सिंह से है जिन्होंने 2014 में श्रुति चौधरी को हराया था.
दीपेंद्र हुड्डा
दीपेंद्र हुड्डा
दीपेंद्र हुड्डा
हुड्डा परिवार की तीसरी पीढ़े से आने वाले दीपेंद्र हुड्डा एक बार फिर रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. ये सीट उनकी पारंपरिक सीट मानी जाती है. उनके पिता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से कई बार जीत चुके हैं और दीपेंद्र भी तान बार से जीतते आ रहे हैं. दीपेंद्र हुड्डा के दादा रणबीर सिंह हुड्डा स्वतंत्रता सेनानी थे और पंजाब में मंत्री भी रहे थे.

चंडीगढ: हिंदुस्तान की सियासत में विरासत का पुराना इतिहास रहा है. हरियाणा में भी अभी तक विरासत की सियासत हावी रही है. उसी विरासत को संभालने के लिए 2019 में भी राजनेताओं के 'लाल' मैदान में हैं. इनमें कुछ की नई एंट्री हुई है और कुछ थोड़े पुराने हो गए हैं. नीचे रिपोर्ट में आप उन तमाम धुरंधरों को जानेंगे जो अपने परिवार की विरासत लिये संसद पहुंचने का रास्ता तलाश रहे हैं.

चौधरी बीरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह
चौधरी बीरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह
बृजेंद्र सिंह
बृजेंद्र सिंह विरासत के इस मैदान में सबसे नये हैं. चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं. आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने का फैसला किया है.बृजेंद्र सिंह 26 साल की उम्र में 9वां स्थान हासिल कर आीएएस बने थे. बीजेपी ने बृजेंद्र सिंह को हिसार से टिकट दिया है. जहां वो एक और परिवार की विरासत संभाल रहे दुष्यंत चौटाला को टक्कर दे रहे हैं. दूसरे भजनलाल के पोते और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई भी उनके सामने हैं.
भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई
भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई
भव्य बिश्नोई
भव्य बिश्नोई भजनलाल परिवार की विरासत लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं. वो भजनलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी का नेतृत्व कर रहे हैं. भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई कुलदीप बिश्नोई के पुत्र हैं. कांग्रेस की टिकट पर हिसार से चुनाव मैदान में हैं. जहां उनका मुकाबला चौधरी देवीलाल की चौथी पीढ़ी के दुष्यंत चौटाला और केंद्रीय मंत्री के बेटे बृजेंद्र से है.
दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला दो बार उप प्रधानमंत्री रहे चौधरी देवीलाल के परपौत्र हैं. उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला कई बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं. दुष्यंत चौटाला के पिता इनेलो में कई पदों पर रहे हैं. अब दुष्यंत चौटाला अपने दादा से अलग होकर नई पार्टी बना चुके हैं और हिसार से चुनाव मैदान में हैं. जहां उनके सामने भजनलाल परिवार की विरासत संभाल रहे भव्य बिश्नोई और चौधरी बीरेंद्र सिंह की सियासी विरासत को आगे बढ़ा रहे बृजेंद्र सिंह हैं.
दिग्विजय चौटाला
दिग्विजय चौटाला
दिग्विजय चौटाला
दिग्विजय चौटाला चौधरी देवीलाल के पोते अजय चौटाला के छोटे पुत्र हैं. उनका ये पहला लोकसभा चुनाव है और दिग्विजय जेजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.इससे पहले वो जींद से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं.दिग्विजय छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं.चौटाला परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सोनीपत से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. जहां उनका मुकाबला हरियाणा की राजनीति के कद्दावर नेता माने जाने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा से है.
अभय चौटाला के पुत्र अर्जुन चौटाला
अभय चौटाला के पुत्र अर्जुन चौटाला
अर्जुन चौटला
अर्जुन चौटाला भी देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी से आते हैं लेकिन वो देवीलाल के दूसरे पोते अभय चौटाला के पुत्र हैं. कुछ समय पहले ही अबय चौटाला और उनके बेटों ने अलग पार्टी बनाई है और अब इनेलो पर अभय चौटाला और उनक दोनों बेटों का एकछत्र राज हो गया है. अर्जुन चौटाला का ये पहला लोकसभा चुनाव है. हालांकि वो काफी समय से सक्रिय राजनीति में हैं और अब कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. ये भी देवीलाल की विरासत साथ-साथ ओपी चौटाली की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.
श्रुति चौधरी
श्रुति चौधरी
श्रुति चौधरी
श्रुति चौधरी बंसीलाल की तीसरी पीढ़ी से आती हैं. उनकी माता किरण चौधरी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं. श्रुति चौधरी पहले भी लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं और अब एक बार फिर अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से ताल ठोक रही हैं. यहां उनकी टक्कर धर्मबीर सिंह से है जिन्होंने 2014 में श्रुति चौधरी को हराया था.
दीपेंद्र हुड्डा
दीपेंद्र हुड्डा
दीपेंद्र हुड्डा
हुड्डा परिवार की तीसरी पीढ़े से आने वाले दीपेंद्र हुड्डा एक बार फिर रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. ये सीट उनकी पारंपरिक सीट मानी जाती है. उनके पिता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से कई बार जीत चुके हैं और दीपेंद्र भी तान बार से जीतते आ रहे हैं. दीपेंद्र हुड्डा के दादा रणबीर सिंह हुड्डा स्वतंत्रता सेनानी थे और पंजाब में मंत्री भी रहे थे.
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Last Updated : Apr 24, 2019, 7:27 PM IST
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