ETV Bharat / state

'पैरोल पर खेती करेगा राम रहीम, वोट की फसल काटेंगे खट्टर'

दो-दो साध्वियों से रेप और पत्रकार की हत्या मामले में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम के जेल से बाहर आने पर सस्पेंस गहरा गया है. राम रहीम ने 42 दिनों के पैरोल की अर्जी दी है. जेल प्रशासन ने अच्छे व्यवहार के सर्टिफिकेट के साथ हरी झंडी भी दे दी.

राम रहीम
author img

By

Published : Jun 25, 2019, 1:12 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 2:47 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में चुनाव से पहले राम रहीम की पैरोल को लेकर सियासत गर्म हो गई है. राम रहीम की करतूत से हैरान-परेशान रही हरियाणा की खट्टर सरकार पैरोल को लेकर काफी उदार दिख रही है. सीएम खट्टर से लेकर सरकार के कई मंत्री भी राम रहीम को पैरोल देने की वकालत कर रहे हैं.

राम रहीम को पैरोल दिलाना चाहती है सरकार?

पैरोल के नियमों का हवाला
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राम रहीम की पैरोल को लेकर जल्दबाजी कर रही सरकार को कठघरे में खड़ा किया. तो वहीं राज्य के गृह सचिव एसएस प्रसाद ने राम रहीम की पैरोल को लेकर नियमों का हवाला दिया.

'बीजेपी को बताया राम रहीम का संगी'
तो वहीं स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने इशारो-इशारो में खट्टर सरकार को बाबा राम रहीम का संगी बता दिया है.

'खट्टर सरकार दिखा रही उदारता'
राम रहीम ने कृषि संबंधी कार्य के लिए पैरोल मांगी है, लेकिन माना जा रहा है कि वह बिखरे डेरा सच्‍चा सौदा में फिर से जान फूंकना चाहता है. इतना ही नहीं खट्टर सरकार की राम रहीम के प्रति उदारता देख ऐसा भी लगता है कि वो डेरा समर्थकों के वोट बैंक को अपनी तरफ खीच सकें.

राम रहीम को पैरोल दिलाने में जल्दबाजी
खास बात ये है कि डेरा सच्चा सौदा का हरियाणा में 13 जिलों की करीब 30 विधानसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता है. खट्टर सरकार को उम्मीद है कि राम रहीम बाहर आकर बीजेपी को फायदा दिला सकते हैं. शायद इसी लिए सरकार के मंत्री राम रहीम को पैरोल दिलाने की जल्दबाजी कर रहे हैं.

चंडीगढ़: हरियाणा में चुनाव से पहले राम रहीम की पैरोल को लेकर सियासत गर्म हो गई है. राम रहीम की करतूत से हैरान-परेशान रही हरियाणा की खट्टर सरकार पैरोल को लेकर काफी उदार दिख रही है. सीएम खट्टर से लेकर सरकार के कई मंत्री भी राम रहीम को पैरोल देने की वकालत कर रहे हैं.

राम रहीम को पैरोल दिलाना चाहती है सरकार?

पैरोल के नियमों का हवाला
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राम रहीम की पैरोल को लेकर जल्दबाजी कर रही सरकार को कठघरे में खड़ा किया. तो वहीं राज्य के गृह सचिव एसएस प्रसाद ने राम रहीम की पैरोल को लेकर नियमों का हवाला दिया.

'बीजेपी को बताया राम रहीम का संगी'
तो वहीं स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने इशारो-इशारो में खट्टर सरकार को बाबा राम रहीम का संगी बता दिया है.

'खट्टर सरकार दिखा रही उदारता'
राम रहीम ने कृषि संबंधी कार्य के लिए पैरोल मांगी है, लेकिन माना जा रहा है कि वह बिखरे डेरा सच्‍चा सौदा में फिर से जान फूंकना चाहता है. इतना ही नहीं खट्टर सरकार की राम रहीम के प्रति उदारता देख ऐसा भी लगता है कि वो डेरा समर्थकों के वोट बैंक को अपनी तरफ खीच सकें.

राम रहीम को पैरोल दिलाने में जल्दबाजी
खास बात ये है कि डेरा सच्चा सौदा का हरियाणा में 13 जिलों की करीब 30 विधानसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता है. खट्टर सरकार को उम्मीद है कि राम रहीम बाहर आकर बीजेपी को फायदा दिला सकते हैं. शायद इसी लिए सरकार के मंत्री राम रहीम को पैरोल दिलाने की जल्दबाजी कर रहे हैं.

Intro:एंकर -
डेरा मुखी राम रहीम जो की हत्या और बलात्कार के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है अब राम रहीम ने पैरोल की मांग की है । हालांकि हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में खट्टर सरकार के मंत्रियों के का रुख बलात्कारी बाबा राम रहीम को लेकर नरम नजर आ रहा है । दूसरी तरफ जो बजा राम रहीम की तरफ से पैरोल को लेकर बताई गई है वह बेहद जरूरी नहीं जान पड़ती । दूसरी तरफ हरियाणा के गृह सचिव एसएस प्रसाद ने कहा कि हत्या या बलात्कार का अपराध ही क्यों ना हो पैरोल को लेकर नियम हैं । एसएस प्रसाद ने कहा कि अगर बलात्कारी व्यक्ति की मां का निधन हो जाता है या कोई ऐसी बात हो जाती है तो अपराधी का अधिकार है । गृह सचिव एसएस प्रसाद ने कहां की गुड प्रिजनर एक्ट के तहत पैरोल की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है कि किन हालातों में कब पैरोल मिल सकती है । गृह सचिव रामनिवास ने बताया कि पैरोल की प्रक्रिया आखिर क्या होती है उन्होंने कहा कि जब भी कोई कैदी पैरोल के लिए एप्लीकेशन देता है तो एप्लीकेशन जिला प्रशासन को मार्क होती है डिप्टी कमिश्नर को कहा जाता है डिप्टी कमिश्नर एसपी से रिपोर्ट लेता है मगर फाइनल फैसला डिवीजनल कमिश्नर लेता है ।


Body:डेरा मुखी राम रहीम जो कि बलात्कार और हत्या के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजायाफ्ता है की तरफ से मांगी गई पैरोल के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं । दरअसल राम रहीम की पैरोल के पीछे बीजेपी के कुछ मंत्रियों की तरफ से जो बयान दिए गए हैं वह काफी नरम नजर आ रहे हैं । हालांकि सवाल यह भी है कि राम रहीम अगर पैरोल पर बाहर आ जाता है तो ऐसे में गवाहों पर दबाव और फिर कानून व्यवस्था बिगड़ने का भी डर है । राम रहीम जहां दो अहम मामलों में सजा काट रहा है वही राम रहीम के खिलाफ रंजीत मर्डर केस और साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में अभी सुनवाई कोर्ट के विचाराधीन है ।
हरियाणा के गृह सचिव एसएस प्रसाद ने कहा कि रेप का मामला हो या मर्डर का किसी भी अन्य अपराध का मुजरिम हो हर कैदी को पैरोल का अधिकार है । उन्होंने कहा कि यदि रेप के कैदी की माता की मौत या कोई घर में ऐसी बात हो जाती है तो उसका अधिकार है इसके लिए कानून बनाया गया है गुड प्रिजनर एक्ट के तहत सारी प्रक्रिया का विवरण दिया गया है । उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि रेप के आरोपी को पैरोल नहीं मिल सकती ।
बाइट - एसएस प्रसाद , ग्रह सचिव हरियाणा


Conclusion:पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और साध्वी बलात्कार मामले में सुनारिया जेल में सजा काट रहे राम रहीम ने पैरोल की मांग की है । राम रहीम की पैरोल पर अब सवाल शुरू हो गए हैं दरअसल राम रहीम की पैरोल को लेकर हरियाणा के मंत्रियों के सुर काफी नरम नजर आ रहे हैं लेकिन विपक्षी दलों के नेता इस पर कड़े सवाल पूछते नजर आ रहे हैं । हरियाणा में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव हैं और हरियाणा की राजनीति में जो दखल अभी तक राम रहीम का रहा है वह किसी से छुपा नहीं है सवाल उठने लगे हैं कि क्या राम रहीम की पैरोल के पीछे आने वाले विधानसभा चुनाव के चलते कहीं सुर नरम तो नही पड़ रहे । दूसरी तरफ पैरोल की जो टाइमिंग है उसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं ।
Last Updated : Jun 25, 2019, 2:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.