चंडीगढ़: हरियाणा में चुनाव से पहले राम रहीम की पैरोल को लेकर सियासत गर्म हो गई है. राम रहीम की करतूत से हैरान-परेशान रही हरियाणा की खट्टर सरकार पैरोल को लेकर काफी उदार दिख रही है. सीएम खट्टर से लेकर सरकार के कई मंत्री भी राम रहीम को पैरोल देने की वकालत कर रहे हैं.
पैरोल के नियमों का हवाला
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राम रहीम की पैरोल को लेकर जल्दबाजी कर रही सरकार को कठघरे में खड़ा किया. तो वहीं राज्य के गृह सचिव एसएस प्रसाद ने राम रहीम की पैरोल को लेकर नियमों का हवाला दिया.
'बीजेपी को बताया राम रहीम का संगी'
तो वहीं स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने इशारो-इशारो में खट्टर सरकार को बाबा राम रहीम का संगी बता दिया है.
'खट्टर सरकार दिखा रही उदारता'
राम रहीम ने कृषि संबंधी कार्य के लिए पैरोल मांगी है, लेकिन माना जा रहा है कि वह बिखरे डेरा सच्चा सौदा में फिर से जान फूंकना चाहता है. इतना ही नहीं खट्टर सरकार की राम रहीम के प्रति उदारता देख ऐसा भी लगता है कि वो डेरा समर्थकों के वोट बैंक को अपनी तरफ खीच सकें.
राम रहीम को पैरोल दिलाने में जल्दबाजी
खास बात ये है कि डेरा सच्चा सौदा का हरियाणा में 13 जिलों की करीब 30 विधानसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता है. खट्टर सरकार को उम्मीद है कि राम रहीम बाहर आकर बीजेपी को फायदा दिला सकते हैं. शायद इसी लिए सरकार के मंत्री राम रहीम को पैरोल दिलाने की जल्दबाजी कर रहे हैं.