ETV Bharat / state

सीएम खट्टर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को लिखा पत्र, कहा- यमुना में गंदा पानी ना छोड़े दिल्ली - khattar

उन्होंने हरियाणा सरकार के सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिये हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि यमुना नदी व गुरुग्राम नहर में दूषित पानी अथवा कचरा न छोड़ा जाए.

डिजाइन फोटो.
author img

By

Published : Feb 5, 2019, 11:47 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यमुना नदी और गुरुग्राम नहर में दिल्ली क्षेत्र से अत्यधिक प्रदूषित पानी छोड़े जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे इस मामले में व्यक्तिगत रूप से दखल दें.


उन्होंने हरियाणा सरकार के सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिये हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि यमुना नदी व गुरुग्राम नहर में दूषित पानी अथवा कचरा न छोड़ा जाए.


पत्र में कहा गया है कि यमुना नदी सोनीपत के पल्ला गांव से दिल्ली में प्रवेश करती है और फरीदाबाद जिले में स्थित गांव बसंतपुर में ओखला हैड के निकट हरियाणा में पुन: प्रवेश करती है. यह दिल्ली के क्षेत्र में 52 किलोमीटर की दूरी तय करती है. इस दौरान 60 से अधिक नाले इसमें गिरते हैं, जिनमें उद्योगों अथवा बस्तियों का गंदा पानी अथवा कचरा होता है. इससे यमुना नदी हरियाणा में पुन: प्रवेश करने से पहले अत्यंत प्रदूषित हो जाती है.

undefined


मनोहर लाल ने कहा है कि जुलाई से दिसम्बर, 2018 के दौरान गांव बसंतपुर में यमुना के पानी की बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड 45-46 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गई, जबकि पानी में इसकी सीमा 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसी प्रकार, गुरुग्राम नहर, जो कि मेवात क्षेत्र में सिंचाई का मुख्य साधन है, में बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड इसी अवधि में 32 से 45 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गई.


उन्होंने आगे कहा कि यह गहरी चिंता का विषय है, क्योंकि यमुनानदी और गुरुग्राम नहर का अत्यधिक दूषित पानी गुरुग्राम,फरीदाबाद, पलवल और नूह जिलों के लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. यही नहीं, इससे इन जिलों में कृषि पैदावार भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. मनोहर लाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करे कि केवल उपचारित पानी ही यमुना नदी में डाला जाए.

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यमुना नदी और गुरुग्राम नहर में दिल्ली क्षेत्र से अत्यधिक प्रदूषित पानी छोड़े जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे इस मामले में व्यक्तिगत रूप से दखल दें.


उन्होंने हरियाणा सरकार के सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिये हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि यमुना नदी व गुरुग्राम नहर में दूषित पानी अथवा कचरा न छोड़ा जाए.


पत्र में कहा गया है कि यमुना नदी सोनीपत के पल्ला गांव से दिल्ली में प्रवेश करती है और फरीदाबाद जिले में स्थित गांव बसंतपुर में ओखला हैड के निकट हरियाणा में पुन: प्रवेश करती है. यह दिल्ली के क्षेत्र में 52 किलोमीटर की दूरी तय करती है. इस दौरान 60 से अधिक नाले इसमें गिरते हैं, जिनमें उद्योगों अथवा बस्तियों का गंदा पानी अथवा कचरा होता है. इससे यमुना नदी हरियाणा में पुन: प्रवेश करने से पहले अत्यंत प्रदूषित हो जाती है.

undefined


मनोहर लाल ने कहा है कि जुलाई से दिसम्बर, 2018 के दौरान गांव बसंतपुर में यमुना के पानी की बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड 45-46 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गई, जबकि पानी में इसकी सीमा 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसी प्रकार, गुरुग्राम नहर, जो कि मेवात क्षेत्र में सिंचाई का मुख्य साधन है, में बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड इसी अवधि में 32 से 45 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गई.


उन्होंने आगे कहा कि यह गहरी चिंता का विषय है, क्योंकि यमुनानदी और गुरुग्राम नहर का अत्यधिक दूषित पानी गुरुग्राम,फरीदाबाद, पलवल और नूह जिलों के लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. यही नहीं, इससे इन जिलों में कृषि पैदावार भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. मनोहर लाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करे कि केवल उपचारित पानी ही यमुना नदी में डाला जाए.

BREAKING - 
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने लिखा दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र 

यमुना नदी और गुरुग्राम नहर में दिल्ली क्षेत्र से अत्यधिक प्रदूषित पानी छोड़े जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की  
BIG NEWS -

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यमुना नदी और गुरुग्राम नहर में दिल्ली क्षेत्र से अत्यधिक प्रदूषित पानी छोड़े जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है । उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे इस मामले में व्यक्तिगत रूप से दखल दें । उन्होंने हरियाणा सरकार के सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिये हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि यमुना नदी व गुरुग्राम नहर में दूषित पानी अथवा कचरा न छोड़ा जाए ।
पत्र में कहा गया है कि यमुना नदी सोनीपत के पल्ला गांव से दिल्ली में प्रवेश करती है और फरीदाबाद जिले में स्थित गांव बसंतपुर में ओखला हैड के निकट हरियाणा में पुन: प्रवेश करती है। यह दिल्ली के क्षेत्र में 52 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इस दौरान 60 से अधिक नाले इसमें गिरते हैं, जिनमें उद्योगों अथवा बस्तियों का गंदा पानी अथवा कचरा होता है । इससे यमुना नदी हरियाणा में पुन: प्रवेश करने से पहले अत्यंत प्रदूषित हो जाती है ।
  मनोहर लाल ने कहा है कि जुलाई से दिसम्बर, 2018 के दौरान गांव बसंतपुर में यमुना के पानी की बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड 45-46 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गई, जबकि पानी में इसकी सीमा 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए । इसी प्रकार, गुरुग्राम नहर, जो कि मेवात क्षेत्र में सिंचाई का मुख्य साधन है, में बॉयो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड इसी अवधि में 32 से 45 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गई । 
उन्होंने आगे कहा कि यह गहरी चिंता का विषय है, क्योंकि यमुनानदी और गुरुग्राम नहर का अत्यधिक दूषित पानी गुरुग्राम,फरीदाबाद, पलवल और नूह जिलों के लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है । यही नहीं, इससे इन जिलों में कृषि पैदावार भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है ।
 मनोहर लाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करे कि केवल उपचारित पानी ही यमुना नदी में डाला जाए ।

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.