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हाईकोर्ट ने पुर्नवास याचिका की सुनवाई के दौरान प्रशासन को लगाई फटकार, 'योजनाएं नहीं एक्शन बताओ''

कॉलोनियों को गिराने से पहले लोगों के पुनर्वास को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यूटी प्रशासन ने लोगों के पुनर्वास की योजनाएं बताई.

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट
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Published : Mar 13, 2019, 9:32 PM IST

चंडीगढ़: कॉलोनियों को गिराने से पहले लोगों के पुनर्वास को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यूटी प्रशासन ने लोगों के पुनर्वास की योजनाएं बताई.
इसपर हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें योजनाएं नहीं बल्कि एक्शन बताओ. वहीं अगली सुनवाई पर ये जानकारी दी जाए कि कितने लोगों के आशियाने तोड़े गए और कितने लोगों का पुनर्वास किया गया है.

high court hearing on Rehabilitation
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

मामले में याचिका दाखिल करते हुए प्रवासी भलाई संगठन की ओर से कहागया था कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है. जो लोग शहर को स्मार्ट और ब्यूटीफुल बनाने में मेहनत मजदूरी कर अपना योगदान दे रहे हैं. उनके आशियाने को ही प्रशासन ने गिराने की तैयारी कर ली है.

जानकारी के मुताबिक,प्रशासन द्वारा कॉलोनी नंबर 4, संजय कॉलोनी, आदर्श कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी तथा सेक्टर-25 की इंदिरा कॉलोनी के निवासियों को ये स्थान खाली करवाने और इसे गिरानेकी तैयारी आरंभ कर दी है. इससे पूर्व मलोया की लेबर कॉलोनी को 25 अप्रैल तथा लाल बहादुर शास्त्री कॉलोनी को 29 अप्रैल को गिरा दिया गया था. प्रशासन ने पुलिस की मदद से ये सारा काम जोर-जबरदस्ती से करवाया था और इन कॉलोनीवासियों को न तो कोई नोटिस दिया गया था और नाही उनके रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी.

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की कि जब तक इनके रहने की कोई दूसरी व्यवस्था नहीं की जाती है तब तक इन पांच कॉलोनियों के निवासियों को यहां से न निकाला जाए. हाईकोर्ट ने इससे पहले 2016 में कॉलोनियां गिराने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद अब जब याचिका सुनवाई के लिए पहुंची तो कॉलोनियों को लेकर वर्तमान की स्थिति यूटी प्रशासन हाईकोर्ट में नहीं बता सका और योजनाएं गिनवाने लगा. इसपर हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें योजनाएं नहीं एक्शन चाहिए. अगली सुनवाई पर अब प्रशासन को विस्तृत हलफनामे के माध्यम से इस बारे में जानकारी देनी होगी.

चंडीगढ़: कॉलोनियों को गिराने से पहले लोगों के पुनर्वास को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यूटी प्रशासन ने लोगों के पुनर्वास की योजनाएं बताई.
इसपर हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें योजनाएं नहीं बल्कि एक्शन बताओ. वहीं अगली सुनवाई पर ये जानकारी दी जाए कि कितने लोगों के आशियाने तोड़े गए और कितने लोगों का पुनर्वास किया गया है.

high court hearing on Rehabilitation
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

मामले में याचिका दाखिल करते हुए प्रवासी भलाई संगठन की ओर से कहागया था कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है. जो लोग शहर को स्मार्ट और ब्यूटीफुल बनाने में मेहनत मजदूरी कर अपना योगदान दे रहे हैं. उनके आशियाने को ही प्रशासन ने गिराने की तैयारी कर ली है.

जानकारी के मुताबिक,प्रशासन द्वारा कॉलोनी नंबर 4, संजय कॉलोनी, आदर्श कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी तथा सेक्टर-25 की इंदिरा कॉलोनी के निवासियों को ये स्थान खाली करवाने और इसे गिरानेकी तैयारी आरंभ कर दी है. इससे पूर्व मलोया की लेबर कॉलोनी को 25 अप्रैल तथा लाल बहादुर शास्त्री कॉलोनी को 29 अप्रैल को गिरा दिया गया था. प्रशासन ने पुलिस की मदद से ये सारा काम जोर-जबरदस्ती से करवाया था और इन कॉलोनीवासियों को न तो कोई नोटिस दिया गया था और नाही उनके रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी.

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की कि जब तक इनके रहने की कोई दूसरी व्यवस्था नहीं की जाती है तब तक इन पांच कॉलोनियों के निवासियों को यहां से न निकाला जाए. हाईकोर्ट ने इससे पहले 2016 में कॉलोनियां गिराने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद अब जब याचिका सुनवाई के लिए पहुंची तो कॉलोनियों को लेकर वर्तमान की स्थिति यूटी प्रशासन हाईकोर्ट में नहीं बता सका और योजनाएं गिनवाने लगा. इसपर हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें योजनाएं नहीं एक्शन चाहिए. अगली सुनवाई पर अब प्रशासन को विस्तृत हलफनामे के माध्यम से इस बारे में जानकारी देनी होगी.

Intro:कालोनियों को गिराने से पहले यहां के निवासियों के पुनर्वास पर स्थिति स्पष्टï करे यूटी प्रशासन: हाईकोर्ट 

-यूटी प्रशासन ने गिनाई योजनाएं, हाईकोर्ट ने कहा कागजी योजनाएं नहींं बल्कि एक्शन क्या हुआ बताओ 

-अगली सुनवाई पर कालोनियों के निवासियों के पुनर्वास की योजना पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब



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चंडीगढ़।

शहर की कालोनियों को गिराने से पहले  यहां के लोगों के पुनर्वास को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यूटी प्रशासन ने लोगों के पुनर्वास की योजनाएं बताई। इसपर हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें योजनाएं नहीं बल्कि एक्शन बताओ। अगली सुनवाई पर यह जानकारी दी जाए कि कितने लोगों के आशियाने तोड़े गए और कितने लोगों का पुनर्वास किया गया है। 

मामले में याचिका दाखिल करते हुए प्रवासी भलाई संगठन की ओर से कहा  गया था कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है। जो लोग शहर को स्मार्ट और ब्यूटिफुल बनाने में मेहनत मजदूरी कर अपना योगदान दे रहे हैं उनके आशियाने को ही प्रशासन ने गिराने की तैयारी कर ली है। प्रशासन द्वारा कालोनी नंबर 4, संजय कालोनी, आदर्श कालोनी, इंदिरा कालोनी तथा सेक्टर 25 की इंदिरा कालोनी के निवासियों को यह स्थान खाली करवाने और इसे गिरानी की तैयारी आरंभ कर दी है। इससे पूर्व मलोया की लेबर कालोनी को 25 अप्रैल तथा लाल बहादुर शास्त्री कालोनी को 29 अप्रैल को गिरा दिया गया था। प्रशासन ने पुलिस की मदद से यह सारा काम जोर-जबरदस्ती से करवाया था और इन कॉलोनी वासियों को न तो कोई नोटिस दिया गया था और न ही उनके रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गईथी। अब प्रशासन की नजर कालोनी नंबर 4, संजय कालोनी, आदर्श कालोनी, इंदिरा कालोनी तथा सेक्टर 25 की इंदिरा कालोनी पर है और इसे गिराने की तैयारी की जा रही है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की कि जब तक इनके रहने की कोई दूसरी व्यवस्था नहीं की जाती है तब तक इन पांच कालोनियों के निवासियों को यहां से न निकाला जाए। हाईकोर्ट ने इससे पहले 2016 में कालोनियां गिराने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद अब जब याचिका सुनवाई के लिए पहुंची तो कालोनियों को लेकर वर्तमान की स्थिति यूटी प्रशासन हाईकोर्ट में नहींं बता सका और योजनाएं गिनवाने लगा। इसपर हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि हमे योजनाएं नहीं एक्शन चाहिए। अगली सुनवाई पर अब प्रशासन को विस्तृत हलफनामे के माध्यम से इस बारे में जानकारी देनी होगी। 




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